इजराइल ने गुरुवार, 26 सितंबर को दक्षिणी लेबनान पर एयरस्ट्राइक की। इस एयरस्ट्राइक में हिजबुल्लाह की ड्रोन यूनिट के कमांडर मोहम्मद सरूर की मौत हो गई है। इजराइली अधिकारियों ने सरूर की मौत की पुष्टि की है। दूसरी तरफ इजराइल ने लेबनान में जंग रोकने से इनकार कर दिया है। इजराइली प्रधानमंत्री के कार्यालय ने गुरुवार, 26 सितंबर को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि सीजफायर की रिपोर्ट्स गलत हैं। सीजफायर पर नेतन्याहू के इनकार के बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि उन्होंने सीजफायर प्रस्ताव की घोषणा से पहले इजराइल के साथ बातचीत की थी। तब उन्होंने इसके लिए सहमति जताई थी। CNN के मुताबिक व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जीन पियरे ने कहा कि बुधवार को इजराइली पक्ष की सहमति के बाद ही 21 दिन के सीजफायर प्रस्ताव का ऐलान किया गया था। इसके बाद अमेरिका और फ्रांस ने यूएन में इसे लेकर संयुक्त बयान भी जारी किया। लेकिन कुछ ही घंटे बाद इजराइल ने इससे इनकार कर दिया। अपने फैसले से क्यों पलटे नेतन्याहू
इजराइल की हारेत्ज वेबसाइट ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से लिखा है कि नेतन्याहू और उनके करीबी मंत्रियों को सीजफायर प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी गई थी। अमेरिकी दबाव में दोनों ने इस पर सहमति भी जताई थी। लेकिन कुछ कैबिनेट मंत्रियों की तीखी आलोचना के बाद नेतन्याहू ने अपना रुख बदल दिया। अमेरिका पहुंचने के बाद PM नेतन्याहू ने मीडिया से कहा कि इजराइली सेना पूरी ताकत से लेबनान में लड़ाई जारी रखेगी। हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम अपने सभी मकसद पूरा नहीं कर लेते। लेबनान में इजराइली हमले में 23 सीरियाई नागरिकों की मौत
लेबनान की स्टेट मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइल ने लेबनान के यूनीन इलाके में गुरुवार को हमला किया। इसमें 23 सीरियाई लोगों की मौत हो गई। ये सभी लोग लेबनान में काम के लिए गए थे। इससे पहले न्यूयॉर्क में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में इजराइल-लेबनान जंग रोकने को लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी। इसमें अमेरिका-फ्रांस ने 21 दिन के सीजफायर की मांग की गई थी। ताकि दोनों पक्षों के बीच जंग रोकने को लेकर बातचीत हो सके। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सऊदी अरब, UAE, कतर समेत कई यूरोपीय देशों ने सीजफायर की मांग का समर्थन किया था। बैठक में फ्रांस ने कहा था कि लेबनान में हो रही जंग को रोकना जरूरी है, वर्ना इससे मिडिल ईस्ट में जंग और बढ़ सकती है। कूटनीति से इसे रोका जा सकता है। लेबनान में घुसपैठ की तैयारी में इजराइल
इजराइल, लेबनान में घुसपैठ की तैयारी में जुट गया है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल के मिलिट्री चीफ हर्जई हालेवी ने बुधवार को कहा कि लेबनान में उनके हवाई हमलों का मकसद हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना और जमीनी घुसपैठ का रास्ता तलाशना है। हालेवी ने कहा कि इजराइली सेना, हिजबुल्लाह के इलाके में घुसेगी और उनकी सैन्य चौकियों को बर्बाद करेगी। तब उन्हें पता चलेगा कि इजराइली सेना का सामना करने का क्या मतलब होता है। उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह के हमलों के वजह से इजराइल के लोगों को घर छोड़ना पड़ा था। अब वे अपने घर लौट पाएंगे। गाजा में करीब एक साल से लड़ाई चल रही है। बाइडेन पर मिडिल ईस्ट में जंग को रोकने का बहुत दबाव है। वे अब सिर्फ 116 दिन तक ही राष्ट्रपति पद पर हैं। बाइडेन काफी समय से बातचीत के जरिए जंग को रोकने की कोशिश में जुटे हुए हैं, लेकिन अब तक असफल रहे हैं। अगर उनकी कोशिश सफल होती है तो इससे उनकी इमेज बेहतर होगी। डेमोक्रेटिक पार्टी को भी चुनाव में इसका फायदा मिल सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति भले ही एक तरफ मिडिल ईस्ट में जंग रोकने की कोशिश कर रहे हैं मगर दूसरी तरफ अमेरिका, इजराइल को जंग में मदद के लिए घातक हथियार भी मुहैया कर रहा है। इन हथियारों की मदद से गाजा में 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चें हैं। इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच 18 सालों में सबसे बड़ी जंग छिड़ी
पिछले हफ्ते इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच 2006 के बाद सबसे भयानक लड़ाई छिड़ गई थी। 17 सितंबर को लेबनान पर पेजर अटैक हुआ था। इसके ठीक एक दिन बाद पेजर और वॉकी-टॉकी में भी विस्फोट हुए थे। हिजबुल्लाह और लेबनान ने इजराइल को इन हमलों का जिम्मेदार माना था। इजराइल बीते 7 दिनों से लेबनान में मिसाइल हमले कर रहा है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली मिसाइल हमलों की वजह से लेबनान में 620 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इसके अलावा 5 लाख से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा है। इजराइल ने लेबनान में चलाए जा रहे ऑपरेशन को “नॉर्दर्न एरोज” नाम दिया है। इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने 23 सितंबर को लेबनान पर सबसे बड़ा हमला किया था। IDF ने हिजबुल्लाह के 1600 ठिकानों को निशाना बनाते हुए एयर स्ट्राइक की थी। इनमें 10 हजार रॉकेट बर्बाद करने का दावा किया गया। इस हमले में 569 लोगों की मौत हुई। इजराइल का ये हमला बुधवार को भी जारी रहा। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इजराइली हमलों में कम से कम 72 लोग मारे गए।