इजराइल जिसे अपना दुश्मन नंबर-1 कहा करता था, वो हसन नसरल्लाह मारा जा चुका है। उसने 19 सितंबर को दिए भाषण में इजराइल से बदला लेने की धमकी दी थी। नसरल्लाह ने कहा था- इजराइल ने पेजर ब्लास्ट के जरिए लेबनान में जनसंहार की कोशिश की। उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी, सही जगह, सही समय और सही तरीके से हमला किया जाएगा। इस भाषण के 8वें दिन 27 सितंबर को उसे मार दिया गया। नसरल्लाह ने पहली बार जब इजराइल के खिलाफ हथियार उठाए थे तब वो सिर्फ 15 साल का था। उसकी मौत 64 साल की उम्र में इजराइल के हाथों ही हुई। वो 50 साल तक बेरूत के बंकरों से ईरान की मदद लेकर इजराइल से दुश्मनी निभाता रहा। फिर इजराइल उस तक कैसे पहुंचा… तस्वीरों में नसरल्लाह को मारने की कमांड देने से लेकर उसके हेडक्वार्टर पर 13 हजार किलो बम दागने तक के 24 घंटों की कहानी… पहली तस्वीर…हमले की कमांड तस्वीर में नेतन्याहू हमले की कमांड दे रहे हैं… न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल ने कई महीनों पहले ही हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह के ठिकाने की जानकारी हासिल कर ली थी। उन्हें डर था कि नसरल्लाह अपनी जगह बदल लेगा। ऐसे में इजराइल को तुरंत अटैक करना था। 27 सितंबर को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका में थे। वे UN की सभा को संबोधित करने आए थे। बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका से ही शाम के करीब 4 बजे नसरल्लाह के ठिकाने पर हमले की कमांड दी। इस वक्त भारत में शाम के साढ़े 6 बजे थे। दूसरी तस्वीर…UN में भाषण तस्वीर में नेतन्याहू UN की महासभा को संबोधित कर रहे हैं…अपने सबसे बड़े दुश्मनों में से एक नसरल्लाह को मारने की इजाजत देने के बाद इजराइली प्रधानमंत्री UN की महासभा में पहुंचे। इस वक्त इजराइल में साढ़े 5 बजे थे। जबकि भारत में 8 बज चुके थे। उन्होंने कहा कि वे इस सभा में शामिल नहीं होना चाहते थे पर जब अपने देश को लेकर कई नेताओं को झूठ बोलते देखा तो उन्हें इजराइल का पक्ष रखने आना पड़ा। नेतन्याहू ने न्यूयॉर्क से हिजबुल्लाह को खत्म करने की धमकी दी। उन्होंने कहा था, “हिजबुल्लाह स्कूल, अस्पतालों, रसोई घरों से हम पर रॉकेट दागता है। हिजबुल्लाह ने इजराइल के बड़े हिस्से को घोस्ट टाउन में तब्दील कर दिया है। हमारे 60 हजार लोग घर नहीं लौट पाए हैं। अगर अमेरिका के सैन डिएगो में कोई ऐसा करता तो क्या अमेरिकी सरकार बर्दाश्त करती। नेतन्याहू ने कहा था, “हम एक और 7 अक्टूबर नहीं होने दे सकते हैं। मैं तेहरान के तानाशाहों से कहूंगा,अगर तुमने हम पर हमले किए तो हम पलटवार जरूरी करेंगे।” तीसरी तस्वीर…ऑपरेशन न्यू ऑर्डर इजराइल के 8 फाइटर जेट्स 27 सितंबर को देर शाम हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर अटैक के लिए रवाना होते हुए…इजराइल के ब्रिगेडियर जनरल एमिचाई लिवाइन के मुताबिक नसरल्लाह को मारने के लिए वर्ल्ड क्लास स्किल की जरूरत थी। उन्हें चुपचाप अंडरग्राउंड एरिया को निशाना बनाना था। ताकि नसरल्लाह और अली कराकी को भनक तक न लगे। हर 2 सेकेंड पर 8 फाइटर जेट्स ने कुल 13 हजार किलो बम दागे। बम सही निशाना लगाते हुए गिराए गए। इजराइल ने नसरल्लाह को मारने के मिशन को ‘ऑपरेशन न्यू ऑर्डर’ नाम दिया था। चौथी तस्वीर… कमांड सेंटर से निगरानी बेरूत पर हमले के दौरान इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट और IDF के चीफ ऑफ स्टाफ कमांड सेंटर से ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे। 2006 में जब लेबनान के साथ इजराइल की जंग खत्म हुई थी। NYT के मुताबिक तभी से इजराइल हिजबुल्लाह को खत्म करने की तैयारी में जुटा हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल ने 18 साल पहले से लेबनान में अपने अंडर कवर कमांडोज को इंटेलिजेंस मिशन के लिए भेजना शुरू कर दिया था। इन्हीं के जरिए इजराइली सेना को नसरल्लाह की सही लोकेशन की जानकारी मिली। पांचवीं तस्वीर… टारगेट हिट 27 सितंबर को रात करीब साढ़े 9 बजे खबर आई की इजराइल ने हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हमला कर दिया है। तस्वीर उसी वक्त की है। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि जहां हमला किया गया, वहां हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह मौजूद था। हालांकि, हमले में नसरल्लाह की मौत की पुष्टि नहीं हो पाई थी। छठी तस्वीर…सिर्फ मलबा बचा इजराइल ने नसरल्लाह को मारने के लिए बेरूत में 6 इमारतों को निशाना बनाया था। NYT के मुताबिक इजराइल ने BLU-109 बमों का इस्तेमाल किया था। इन्हें बंकर बस्टर बम भी कहा जाता है। लगातार बमबारी से जहां बिल्डिंग खड़ी थी, वहां करीब 20 मीटर यानी 65 फीट गहरा गड्ढा बन गया। जब बेरूत में ये बम गिरे तब एक तरह का भूकंप महसूस हुआ।’ सातवीं तस्वीर…मिशन ओवर इजराइल के फाइटर जेट कुछ ही मिनटों में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर को तबाह कर वापस लौट आए। इजराइल ने इस मिशन को अंजाम देने के लिए F-15I फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया था। ये फाइटर जेट्स अमेरिका की बोइंग कंपनी बनाती है। आठवीं तस्वीर…शहीद के लिए मातम हिजबुल्लाह ने इजराइली हमले के 20 घंटे बाद चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने की पुष्टि की थी। हिजबुल्लाह ने शनिवार शाम 5 बजे कहा कि शुक्रवार रात साढ़े 9 बजे इजराइल के हवाई हमलों में नसरल्लाह की मौत हो गई। इसके बाद लेबनान से लेकर ईरान तक लोग मातम मनाने लगे। लेबनान और ईरान के लोग नसरल्लाह को शहीद का दर्जा दे रहे हैं। नौवीं तस्वीर…अराजकता का डर नसरल्लाह की मौत के बाद बेरूत में बुर्ज अल गजल ब्रिज के पास शनिवार दोपहर से टैंक तैनात कर दिए गए हैं। दरअसल, लेबनान की सरकार को डर है कि हिजबुल्लाह चीफ के मारे जाने के बाद अब शिया और ईसाई समुदाय में झड़प हो सकती है। लेबनान में 3 अहम समुदाय (शिया, सुन्नी और ईसाई) हैं। ये सालों से लेबनान की सत्ता के लिए आपस में लड़ते रहे हैं। लेबनान 1975 से 1990 तक 15 साल गृह युद्ध में घिरा रहा था। दसवीं तस्वीर…मिडिल ईस्ट में जश्न भी हिजबुल्लाह की न सिर्फ लेबनान बल्कि पूरी मिडिल ईस्ट की राजनीति में पकड़ थी। साल 2011 में जब सीरिया में गृह युद्ध छिड़ा तो हिजबुल्लाह ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थन में अपने हजारों सैनिक भेजे थे। यही वजह है कि पश्चिमी देश चाहकर भी असद को सत्ता से हटा नहीं पाए। सीरिया फिलहाल 3 गुटों में बंटा है। एक पर बशर अल असद, एक पर विद्रोही गुट और एक हिस्से पर ISIS का कब्जा है। नसरल्लाह की मौत पर सीरिया में विद्रोही गुटों ने जश्न मनाया।