हर साल 15 सितंबर को देश के जाने-माने इंजीनियर एम् विश्वेश्वरैया के जन्मदिन के मौके पर नेशनल इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। भारत के श्रीलंका और तंजानिया में भी इसी दिन इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। इस साल इसका थीम ‘इंजीनियरिंग सॉल्यूशन फॉर सस्टेनेबल वर्ल्ड’ है। आज इस मौके पर सीनियर करियर काउंसलर श्वेता भंद्राल से जानते हैं इंजीनियरिंग से जुड़े कुछ ऑफबीट करियर ऑप्शन्स यानी एक इंजीनियर रहते हुए किस तरह आप स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट या मेडिकल इंडस्ट्री में काम कर सकते हैं। B.Tech या BSc के अलग-अलग कोर्स करके स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग में करियर बना सकते हैं। इसके लिए आपने 12वीं PCM यानी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स सब्जेक्ट्स के साथ की हो।
स्पोर्ट्स की फील्ड में जाने के लिए स्पोर्ट्स इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल डिजाइन जैसे कोर्स किए जा सकते हैं। इसके बाद स्टूडेंट्स स्पोर्ट्स शूज से लेकर स्पोर्ट्स इक्विपमेंट बनाने वाली ब्रांड और कंपनियों के साथ काम कर सकते हैं।
इसके अलावा एथलीट्स और स्पोर्टपर्सन की परफॉर्मेंस का एनालिसिस करने के लिए स्पोर्ट्स एनालिसिस्ट भी बन सकते हैं। इसके लिए डेटा एनालिटिक्स स्किल्स होनी चाहिए। स्पोर्ट्स फैसिलिटी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग- स्पोर्ट्स फैसिलिटीज जैसे स्टेडियम, एरिना, ट्रेनिंग सेंटर्स की प्लानिंग, डिजाइनिंग और कंस्ट्रक्शन का काम इंजीनियर्स ही करते हैं।
स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन- स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी जैसे वियरेबल ग्लासेज के डेवलपमेंट पर कई स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं जिसमें इंजीनियर्स के लिए ढेरों मौके हैं। पर्यावरण प्रेमी वेस्ट मैनेजमेंट इंजीनियर बनें
सस्टेनेबिलिटी और एनवायर्नमेंट में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स की काफी डिमांड रहती है। इस फील्ड में नई टेक्नोलॉजी डेवलप करने से लेकर वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नए प्रोडक्ट्स बनाने तक कई तरह के काम हैं। आजकल लगभग सभी कंपनियों में सस्टेनेबिलिटी डिपार्टमेंट्स हैं जहां पर्यावरण की बेहतरी के लिए काम किया जाता है।
इसके अलावा डेटा एनालिटिक्स में भी इंजीनियर्स जा सकते हैं। वर्तमान में कई IITs इकोनॉमिक्स, सोशल साइंस और सोशियोलॉजी जैसे सब्जेक्ट्स में मास्टर्स प्रोग्राम चला रहे हैं जिसे करके स्टूडेंट्स पब्लिक पॉलिसी से जुड़ी कई सरकारी नौकरियों में अप्लाई कर सकते हैं।
वहीं, वॉरफेयर में टेक्नोलॉजी और इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल से आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में भी इंजीनियर्स के लिए मौके बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि एयरफोर्स और नेवी में पहले ही PCM वाले स्टूडेंट्स को सिलेक्ट किया जाता रहा है। अब आर्मी में भी टेक्नोलॉजी विंग को बढ़ावा देने पर काम शुरू हो गया है।