पंजीयन कार्यालय के सामने सर्विस प्रोवाइडरों की दुकानें सरकारी जमीन पर बनी होने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है लेकिन नगर निगम के अधिकारी चुप्पी साधकर बैठे हैं। पहले देखते ही देखते अवैध निर्माण हो जाता है और फिर बाद में निगम जागता है।