कोरबा में बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। महुआडीह में मवेशी चराने गया हरीश बिंझवार चपेट में आ गया। वहीं दूसरी घटना रजगामार स्थित शनि मंदिर का है। यहां पुजारी जगत सिंह उराव बिजली की चपेट में आ गया। धमतरी में लगातार बारिश से लबालब मुरुम सिल्ली बांध के 3 गेट खोले गए हैं। डैम में 100 प्रतिशत भर चुका है। सुकमा और कोंडागांव में मूसलाधार बारिश के चलते ओडिशा रूट बंद हो गया है। सुकमा में कई मकान ढह गए हैं। तस्वीरों में देखिए छत्तीसगढ़ की बारिश और बाढ़… इन जिलों में अलर्ट मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बना एक मजबूत सिस्टम लगातार आगे बढ़ रहा है। यह 24 घंटे के दौरान आगे बढ़ते हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट की ओर पहुंचेगा। इसके कारण प्रदेश में आज भी भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। प्रदेश में जल्द होगा बारिश का कोटा प्रदेश में मानसून को 3 महीने पूरे हो गए। 8 जून को मानसून बस्तर में आया था। 1 जून से 8 सितंबर तक प्रदेश में अब में 1014 मिमी पानी गिर चुका है। यह औसत से एक फीसदी ज्यादा है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून सीजन 30 सितंबर तक रहेगा। सीजन खत्म होने में अभी 22 दिन बाकी हैं। छत्तीसगढ़ की सीजनल बारिश 1139.4 मिमी है। करीब 126 मिमी बारिश की जरूरत है। आने वाले दिनों में इतना पानी गिरने पर राज्य में मानसून का कोटा पूरा हो जाएगा। प्रदेश के जिलों में जानिए मौसम का हाल… बलौदाबाजार : बिजली गिरने से 7 की गई जान बलौदाबाजार जिले के मोहतरा गांव में रविवार को 7 लोगों की एक साथ मौत हो गई। सभी शाम करीब 5 बजे तालाब किनारे पेड़ के नीचे बैठकर बात कर रहे थे। इसी दौरान आकाशीय बिजली गिर पड़ी। इसकी चपेट में आकर 10 लोग झुलस गए। इनमें से सुरेश साहू, संतोष साहू, पप्पू साहू, पोखाराम विश्वकर्मा, थानेश्वर साहू, देवदास एवं रसेडा गांव के विजय साहू की मौके पर ही मौत हो गई। सरकार ने मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए देने की बात कही है। पढ़ें पूरी खबर… रायपुर : भाई-बहन की मौत, बच्ची सुरक्षित रायपुर के कई इलाकों में सुबह से रिमझिम बारिश जारी है। वहीं अभनपुर में रविवार को आकाशीय बिजली गिरने से भाई-बहन की मौत हो गई। तीजा पर्व के लिए आई बहन उर्वशी साहू और उसकी बेटी को टिकरापारा निवासी योगेश उर्फ छोटू बाइक पर राजिम छोड़ने जा रहा था। अभी वे जंगल सफारी चौक ग्राम उपरवारा के पास पहुंचे थे कि अचानक मौसम बदला। इस पर वे रास्ते में रुके थे। बच्ची सुरक्षित है। कांकेर : 19 मवेशियों की गई जान कांकेर के रावघाट में आतुरबेड़ा में भी आकाशीय बिजली गिरने से 19 मवेशियों की मौत हुई है। इनमें 3 बैल, 4 गाय और 12 बकरियां शामिल हैं। जिले में रविवार दोपहर से रुक-रुक कर मूसलाधार बारिश जारी है। जिले के अंतागढ़ क्षेत्र में बीते दो दिनों से गरज-चम9क के साथ तेज बारिश हो रही है। इससे पहले शनिवार को भी ताड़ोको क्षेत्र के ग्राम पंचायत सरंडी में बिजली गिरने से 13 मवेशियों की मौत हुई थी। दुर्ग : चार दिन जिले में होगी अच्छी बारिश, मिलेगी गर्मी से राहत दुर्ग जिले में लगभग 20 दिन से गायब मौसम एक बार फिर लौट आया है। पिछले तीन दिन लगातार एक से दो घंटे के लिए अच्छी बारिश हो रही है। शनिवार और रविवार दोपहर को यहां झमाझम बारिश हुई। इससे शहर जलमग्न हो गया। मौसम विभाग की माने तो आने वाले 4 दिन इसी तरह जिले में बारिश होगी। सुकमा : कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात सुकमा जिले में 2 दिनों से भारी बारिश हो रही है। छिंदगढ़ ब्लॉक के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। छिंदगढ़ के चिंतलनार गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। करीब 20 से ज्यादा घर प्रभावित हुए हैं। ग्रामीणों को घरों से निकालकर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। सुकमा से मल्कानगिरी जाने वाले मार्ग पर आवागमन प्रभावित है। पुल पर पानी चढ़ गया है। सड़कें भी लबालब भर गई हैं। सुकमा कलेक्टर ने भारी बारिश को देखते हुए आज स्कूलों में छुट्टी घोषित की है। बिलासपुर : तापमान में मामूली गिरावटएक-दो दिन में हो सकती है अच्छी बारिश बिलासपुर में रविवार को पूरे दिन धूप के चलते गर्मी और उमस का वातावरण बना रहा। दोपहर ढलते ही आसमान में काले बादल छाए रहे। फिर हल्की बारिश भी हुई, जिससे उमस बढ़ गई। इस बीच मौसम विभाग ने द्रोणिका के सक्रिय होने से संभाग में अगले दो-तीन दिन अच्छी वर्षा की संभावना जताई है। पढ़ें पूरी खबर… कोंडागंव : तेज बारिश से नदी-नाले उफान पर कोंडागांव जिले में लगातार तेज बारिश हो रही है। इसके चलते नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। जिले के फरसगांव पांसगी पुल में बाढ़ के चलते ओडिशा जाने वाला मार्ग बाधित हुआ है। जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, खेतों में पानी भर गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अभी दो दिन और लगातार बारिश जारी रहेगी। बादल गरजे तो छत के नीचे जाएं मौसम विज्ञानी डॉ. गायत्री वाणी कांचिभ ने बताया कि बारिश के दौरान सबसे ज्यादा मौतें बिजली गिरने से होती है। खुले मैदान या खेतों में बिजली सबसे पहले ऊंचे सरफेस यानी पेड़ पर सबसे पहले गिरती है। इसलिए पेड़ों के नीचे नहीं जाना चाहिए। घने काले बादल दिखने और गरजना शुरू होने पर लोगों को सबसे पहले आसपास किसी पक्के छत के नीचे चले जाएं। यदि छत नहीं है तो किसी समतल जमीन के कम ऊंचाई वाले हिस्से में जाकर उकड़ू बैठ जाना चाहिए। बिजली गिरने पर क्या करें, इससे बचने के 6 तरीके क्यों गिरती है बिजली? आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज है। ऐसा तब होता है, जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं। भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं। जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है। अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है। आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है। बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है। बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है।