बहुत सारे लोगों की तरह लौरा भी मेरी समर्थक है, मैं उसे कंट्रोल नहीं करता। वो जो कहती है अपने मन से कहती है। वो जो चाहे वह कह सकती है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ये बात अपनी 31 साल की समर्थक लौरा लूमर को लेकर कही। दरअसल एक दिन पहले यानी 13 सितंबर को लूमर ने कमला हैरिस को लेकर एक विवादित बयान दिया। लौरा ने कहा था, “कमला राष्ट्रपति बनी तो पूरा व्हाइट हाउस करी की तरह महकेगा।” पश्चिमी देशों में करी को भारत की पहचान माना जाता है। उसके इस नस्लभेदी बयान की न सिर्फ डेमोक्रेटिक पार्टी बल्कि ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने भी निंदा की है। हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब लौरा ने इस तरह का विवादित बयान दिया हो। इससे पहले भी उस पर नस्लभेदी और गलत जानकारियां फैलाने के आरोप लगे हैं। इसके बावजूद वे ट्रम्प की हर कैंपेन में मौजूद रहती हैं। स्टोरी में जानिए लौरा लूमर कौन है, वो कैसे ट्रम्प की कैंपेन का चेहरा बनी। लौरा का कमला हैरिस पर किया विवादित पोस्ट यहूदी परिवार में जन्मी, बीच सेमेस्टर में कॉलेज ने निकाला लौरा लूमर एक यहूदी हैं, जो एरिजोना में 1993 में पैदा हुई। लौरा ने एरिजोना के माउंट होलोके कॉलेज में एडमिशन लिया था। उसे एक सेमेस्टर बाद ही निकाल दिया गया था। इसके बाद उसने फ्लोरिडा की बैरी यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। लौरा खुद को खोजी पत्रकार कहती है। बैरी यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट रहते हुए उसने एक स्टिंग करने की नाकाम कोशिश की। इसमें उसने एक टीचर से कहा कि वे उन स्टूडेंट्स का ग्रुप बनाए जो आतंकी संगठन ISIS का समर्थन करते हैं। इससे लौरा को उन लोगों के बीच पहचान मिली जो अमेरिका में इस्लामिक आतंक के नाम पर हर मुस्लिम को टारगेट करते हैं। लूमर खुद को गर्व से इस्लाम से नफरत करने वाला कहती है। लूमर को सबसे ज्यादा फेम 2017 में मिला। न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क में शेक्सपियर का मशहूर नाटक जुलियस सीजर हो रहा था। इसमें जूलियस सीजर को ट्रम्प का रूप दिया गया था। नाटक में जैसे ही ट्रम्प रूपी जूलियस सीजर को मारा जाता है, लौरा नाराज होकर नाटक को बीच में रुकवा देती है। दरसल जूलियस सीजर एक तानाशाह था। ट्रम्प और जूलियस की तुलना से लौरा नाराज हो गई थी। इससे वो ट्रम्प और उनके समर्थकों के बीच काफी मशहूर हो गई। 2017 में लौरा ने कहा था कि वो कभी उबर और लिफ्ट एप का इस्तेमाल नहीं करेंगी क्योंकि ये कंपनियां मुस्लिमों को ड्राइवर के तौर पर काम पर रखती हैं। लौरा ने इस्लाम की तुलना कैंसर से की । एक इंटरव्यू के दौरान उसने कहा था कि वो मुस्लिमों से नहीं इस्लाम से नफरत करती है। लौरा का ट्रम्प के इलेक्शन कैंपेन से कनेक्शन न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक लौरा को 2021 से कम से कम 9 बार मार ए लागो ट्रम्प के घर देखा गया है। वो उम्मीदवारी के चुनाव के दौरान ट्रम्प के पर्सनल जेट से आइवो पहुंची थी। 2023 में ट्रम्प की चुनावी कैंपेन में उसे लगभग हायर कर लिया गया था लेकिन उसके विवादित इतिहास के चलते वो प्लान कामयाब नहीं हुआ। हालांकि, पिछले 2 महीने में ट्रम्प के कैंपेन में उसकी मौजूदगी ने एक बार फिर से पूर्व राष्ट्रपति पर सवाल खड़े किए हैं। लौरा प्रेसिडेंशियल डिबेट में ट्रम्प के जेट में फिलडेलफिया पहुंची। वो ट्रम्प के साथ अमेरिकी सैनिक को श्रद्धांजलि देने के एक कार्यक्रम में भी साथ गई। ट्रम्प पर अटैक के बाद जब उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के कन्वेंशन में हिस्सा लिया तो लौरा पहली लाइन में बैठी थी। ट्रम्प कैंपेन में दिए 3 से ज्यादा भाषणों में लौरा लूमर की तारीफ कर चुके हैं। एक कैंपेन के दौरान शुक्रवार को उन्होंने लौरा को बहादुर और मजबूत औरत बताया था। एक इवेंट के दौरान ट्रम्प और लौरा…VIDEO इस्लाम को कैंसर बताने से लेकर 9/11 हमले तक लौरा के विवादित बयान डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान बात कही थी। इसे सुन कमला हैरिस ठहाके लगाकर हंसने लगी थी। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कुछ प्रवासी अमेरिकी लोगों के पालतू जानवरों जैसे कुत्ते और बिल्लियों को मारकर खा रहे हैं। इसे लेकर उनकी खूब आलोचना हुई। BBC के मुताबिक लौरा लूमर ने ही ये कहानियां फैलाना शुरू करते हुए एक पोस्ट की थी। जिसे ट्रम्प और उनके उप राष्ट्रपति उम्मीदवार तक ने शेयर किया। लौरा पहले भी इस तरह की कॉन्सपिरेसी यानी झूठी कहानियां फैलाने के आरोप लग चुके हैं। एक बयान में लौरा ने 9/11 हमले में अमेरिकी सरकार की भूमिका होने का दावा किया था। 13 सितंबर को हमले के 23 साल बाद लौरा ने एक ट्वीट कर लिखा कि 9/11 की फाइलें आज तक क्लासिफाइड हैं। जनता को पूरी जानकारी जानने का हक है। 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स राजनीति में मात खाई लौरा के ट्विटर पर 10 लाख से ज्यादा फॉलोअसर्स हैं, जबकि एक वक्त ट्विटर ने उन्हें इस्लाम विरोधी और नफरती ट्वीट करने की वजह से बैन कर दिया था। ये बैन तब हटा जब मस्क ने ट्विटर खरीदा। लौरा ने राजनीति में भी किस्मत आजमाने की कोशिश की पर वो हार गई। उसने ट्रम्प के राज्य फ्लोरिडा में रिपब्लिकन पार्टी के प्राइमरी चुनाव में हिस्सा लिया था। उसे 20 लाख अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का चंदा मिला था। उसे इतना समर्थन मिलने पर न्यूयॉर्कर मैग्जीन ने तीखी आलोचना की थी। मैग्जीन ने अमेरिका के भविष्य पर सवाल उठाए। हालांकि लौरा वो चुनाव नहीं जीत पाई थी।