क्या SSC CGL टियर-1 रिजल्ट में धांधली हुई:हाई कट-ऑफ और सीट बेचने जैसे आरोप; 5 दिसंबर को हुआ था एग्जाम, जांच की मांग

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कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने CGL टियर-1 एग्जाम का रिजल्ट जारी कर दिया है। 5 दिसंबर को आए इस रिजल्ट को लेकर SSC पर धांधली के आरोप लग रहे हैं। सवाल है कि ज्यादा कैंडिडेट्स होने पर कट-ऑफ मार्क्स गिरने के बजाय ज्यादा कैसे हो गया। इसे लेकर सोशल मीडिया साइट्स पर ‘SSC SCAM’ और ‘SSC जवाब दो’ जैसे ट्रेंड चलाए जा रहे हैं। बीते दो दिन में 3 लाख से ज्यादा ट्वीट किए जा चुके हैं। इस पर अब तक SSC की तरफ से कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है। CGL के रिजल्ट पर 3 बड़े सवाल उठाए जा रहे हैं- 1. ढाई गुना वैकेंसी, फिर कट-ऑफ कैसे बढ़ा? कैंडिडेट्स का कहना है कि पिछले एग्जाम में कम वैकेंसी के बावजूद कम कट-ऑफ था। इस बार ढाई गुना वैकेंसी बढ़ने के बावजूद कट-ऑफ बढ़ कैसे गया? एक X यूजर ने लिखा, जब एक एग्जाम में 7,000 वैकेंसी के लिए कटऑफ 150 और दूसरे में 17,000 वैकेंसी के लिए कटऑफ 153 हो तो सवाल उठता है। अगर वैकेंसी बढ़ाई जाती है तो कट-ऑफ कम होना चाहिए था न कि बढ़ोत्तरी होनी चाहिए थी। 2. एक ही सेंटर से इतने सिलेक्शन कैसे हो रहे हैं? एक और यूजर ने लिखा, ‘आखिर इतना ज्यादा कट-ऑफ कैसे गया? एक ही सेंटर से इतने सिलेक्शन कैसे हो रहे हैं? सेंटर की जानकारी अपलोड की जाए।’ हमने खंगाला तो सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में यूजर्स ने कुछ एक जैसे रोल नंबर्स की लिस्ट डालकर एक ही सेंटर के कई कैंडिडेट्स के एग्जाम में पास होने का दावा किया है। हालांकि इन रोल नंबर्स से यह कहना मुश्किल है कि सभी एक ही सेंटर के कैंडिडेट्स हैं। 3. क्या पैसे देकर सीट दी जा रही है? आरोप लगाया जा रहा है कि SSC द्वारा कराए गए पिछले कई एग्जाम की तरह इसमें भी धांधली हुई है। सेंटर पर नकल करवाने, पेपर लीक करने से लेकर पैसे लेकर सीट बेचने तक के आरोप लग रहे हैं। एक यूजर का कहना है कि इस रिजल्ट में बहुत गड़बड़ है। गरीब बच्चों के पास नकल करने और सीट खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। अगर इसकी जांच नहीं हुई तो मेहनती बच्चों का हक कोई और लूटकर ले जाएगा। SSC के एग्जाम में धांधली का पुराना इतिहास रहा है यह पहली बार नहीं है कि SSC पर किसी एग्जाम को लेकर धांधली के गंभीर आरोप लगे हों। 2017 के SSC CGL एग्जाम में गड़बड़ी के आरोपों के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने गड़बड़ करने वाले कैंडिडेट्स की पहचान में असमर्थता का हवाला देते हुए एग्जाम कैंसिल करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि कभी-कभी कठोर निर्णय इसलिए लेने पड़ते हैं ताकि ऐसी गतिविधियों (धांधली) में शामिल लोगों को यह संदेश दिया जा सके कि इससे किसी को फायदा नहीं होगा। ताजा मामले पर SSC की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। टियर-1 में पास हुए कैंडिडेट्स का एग्जाम 18 से 20 जनवरी 2025 को होगा। कौटिल्य एकेडमी भोपाल में मैथ्स के टीचर सतीश यादव कहते हैं कि एक ही सेंटर से कई कैंडिडेट्स का सिलेक्ट होना शंका तो पैदा करता ही है। ज्यादा कट-ऑफ के सवाल पर वह कहते हैं कि अब अच्छी तैयारी करके बच्चे एग्जाम देते हैं। इसलिए कट-ऑफ बढ़ भी सकता है। उस पर सवाल उठाना काबिल बच्चों की मेहनत पर सवाल उठाने जैसा है ये खबर भी पढ़िए… क्या खान सर को पुलिस ने हिरासत में लिया: BPSC के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए थे; क्‍या है नॉर्मलाइजेशन जिसका विरोध हो रहा BPSC की 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन के विरोध में शुक्रवार शाम छात्रों ने आयोग के दफ्तर में जमकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में पटना के फेमस टीचर खान सर भी छात्रों के सपोर्ट में शामिल हुए, जिन्‍हें पुलिस ने हिरासत में ले ल‍िया। पूरी खबर पढ़िए…

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