क्रिश्चियन मोर्चा के पदाधिकारियों पर हो रासुका की कार्रवाई

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संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों को छीनने की बात कहकर लोगों में भारत सरकार के विरूद्ध भय और आक्रोश पैदा करने जैसी टिप्पणी की गई। ब्राम्हण समाज के द्वारा दण्डनीय अपराध के लिए वक्तव्य देने वाले के साथ ही मंच पर बैठे सभी पदाधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की गई है।

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