खाट पर शव लेकर 7KM पैदल चले परिजन, VIDEO:छत्तीसगढ़ में छात्र की इलाज के दौरान हुई थी मौत; ग्रामीणों की सड़क बनाने की मांग

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में एक छात्र की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद परिजन शव को खाट पर रखकर 7 किलोमीटर पैदल चले। ग्रामीणों ने ही इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है। यह मामला लखनपुर विकासखंड का है। ग्रामीणों ने बताया कि, ग्राम घटोन का रहने वाला यशपाल तिग्गा (18) कक्षा 12वीं का छात्र था। वो कुन्नी में रहकर पढ़ाई कर रहा था। यशपाल के पिता सुरेंद्र तिग्गा ने बताया कि, उसे पहले से कुछ परेशानी थी, उसे चक्कर आते थे। वह ज्यादा दूर तक चल भी नहीं पाता था। डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन वह ठीक नहीं हुआ। खाट और बांस के सहारे ले जाना पड़ा शव शनिवार रात यशपाल की हालत फिर बिगड़ी। उसे कुन्नी में ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। जहां देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसका शव लाने ग्रामीण और परिजन कुन्नी पहुंचे। शव को पटकुरा तक वाहन से लाया गया लेकिन वहां से घटोन तक पैदल ही खाट पर ले जाने को वे मजबूर हो गए। दरअसल, घटोन गांव तक सड़क नहीं बनी है। पटकुरा गांव तक ही वाहन पहुंच पाते हैं। इसके बाद ग्रामीण पैदल 7 किलोमीटर पहाड़ी चढ़कर घटोन गांव पहुंचते हैं। शव ले जाने के लिए भी खान और बांस का सहारा लेना पड़ा। इससे पहले भी गांव के लोगों ने एक बीमार व्यक्ति को पैदल ले जाने का वीडियो वायरल किया था। सड़क बनाने की मांग घटोन गांव के ग्रामीणों ने कहा कि, सड़क जर्जर है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने शासन-प्रशासन ने सड़क बनाने की मांग की है। सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल है। ऐसे में वाहन तो आ ही नहीं सकते। जब प्रशासन ही ध्यान नहीं देगी, तो हम किसके पास जाएं। फॉरेस्ट एरिया, नहीं बना सकते सड़क इस मामले में लखनपुर जनपद के CEO वेद प्रकाश पांडेय ने बताया कि, घटोन में कुल 44 परिवार और 162 जनसंख्या है। पटकुरा से घटोन के बीच 7 किलोमीटर वनमार्ग है। वनमार्ग में सड़क निर्माण जनपद या प्रशासन नहीं करा सकता है। सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी होना स्वभाविक है। ————————————- इससे जुड़ी और खबरें भी पढ़िए… छत्तीसगढ़ में कांवड़ में शव लेकर 20KM पैदल चले परिजन:बारिश से रोड ब्लॉक, जंगल-पहाड़ और उफनता नाला किया पार;झाड़फूंक से करा रहे थे इलाज छत्तीसगढ़ के सुकमा में कांवड़ के सहारे शव लेकर ग्रामीणों को 20 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। जंगल-पहाड़ के बीच पतली पगडंडी रास्ते, छोटे-छोटे बरसाती नाले पार कर सड़क तक पहुंचे। फिर वहां से अपने अरलापेंटा गांव आए। दरअसल लगातार बारिश होने के कारण नदी-नाले उफान पर हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर…

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