छत्तीसगढ़ में नौकरी बचाने रो रहे B.Ed टीचर..VIDEO:महिला बोली- नौकरी दीजिए या इच्छामृत्यु दे दीजिए; आज हड़ताल का पांचवा दिन

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रायपुर के तूता स्थित धरना स्थल पर बीएड सहायक शिक्षकों के हड़ताल जारी है। सोमवार को हड़ताल का पांचवा दिन रहा। हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया है। अब यह टीचर नौकरी जाने की चिंता से रो रहीं हैं। कह रहे कि, नौकरी दीजिए या इच्छामृत्यु दे दीजिए। जशपुर से राजधानी में आंदोलन के लिए पहुंची टीचर रोते हुए बोलीं कि, उसके पिता नहीं है और दो बहनें पढ़ रही हैं। परिवार चलाने के लिए एकमात्र यही नौकरी सहारा है। ये भी छिन गया तो पता नहीं क्या करेंगे। भूख हड़ताल की दी चेतावनी रविवार को ब्लड डोनेट कर सहायक शिक्षकों ने समायोजन (एडजस्टमेंट) की मांग की। इससे पहले सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए तेलीबांधा तालाब के आस-पास स्वच्छता अभियान और काली बाड़ी में नारेबाजी कर नौकरी बचाने के लिए गुहार लगाई है। तूता धरना स्थल में प्रदर्शन कर रहे सहायक शिक्षकों ने कहा कि, हमारी मांगों को लेकर सरकार की ओर से कोई ठोस पहल दिखाई नहीं दे रही है। शिक्षकों ने कहा कि, सरकार हमारी नौकरी सुरक्षित करें। नहीं तो आने वाले समय में हम भूख हड़ताल करेंगे। क्या है पूरा मामला- दरअसल, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति रद्द करने को कहा था। साथ ही 10 दिसंबर 2024 को 2 हफ्ते के भीतर डी.एड डिग्रीधारियों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति का आदेश दिया था। इससे बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई है। कोर्ट ने सख्त हिदायत दी थी कि 15 दिनों के भीतर ही भर्ती का प्रोसेस पूरा किया जाना है। कोर्ट ने सहायक शिक्षकों के पद के लिए केवल डी.एड डिग्री होल्डर्स को ही उपयुक्त माना है। अभ्यर्थियों की मांग दूसरे संगठन भी समर्थन में उतरे आंदोलनकारी शिक्षकों के समर्थन में दूसरे शिक्षक संगठन भी सामने आ रहे हैं। साथ ही राजपत्रित अधिकारियों ने भी इन शिक्षकों का समर्थन किया है। शुक्रवार को शिक्षक संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र दुबे और राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा ने धरना स्थल में पहुंचकर इन अभ्यर्थियों की योग्यता के मुताबिक समायोजन करने की मांग की। वीरेन्द्र दुबे ने कहा कि बीएड धारक शिक्षक आज अपने अधिकार और सेवा सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। यह संघर्ष इस बात का प्रमाण है कि जब योग्यता और मेहनत के साथ अन्याय होता है, तो लोग संगठित होकर न्याय की मांग करते हैं। हम आपके संघर्ष को अपना समर्थन देते हैं और सरकार से समाधान की उम्मीद करते हैं।

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