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Tuesday, December 3, 2024

छत्तीसगढ़ में प्राइवेट-हॉस्पिटल ने डेडबॉडी किया रेफर:बिना न्यूरोसर्जन के हेड इंजरी का ट्रीटमेंट, 3 दिन में चली गई जान, लॉज में अस्पताल संचालित

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सोमेश्वर हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद डेडबॉडी को सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि निजी अस्पताल में न ICU की सुविधा थी और न ही न्यूरोसर्जन था, फिर भी मरीज को भर्ती कर इलाज करते रहे, जिससे पेशेंट की जान चली गई। मिली जानकारी के मुताबिक सड़क हादसे में घायल होने क बाद नंद कुमार (44) को रविवार को सोमेश्वर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। परिजनों ने प्रशासन से अस्पताल पर कार्रवाई कर मुआवजे की मांग की है। मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है। एनेस्थीसिस्ट करता रहा इलाज, बिगड़ गई हालत परिजनों ने बताया कि पीड़ित को भर्ती कराने के बाद सिटी स्कैन कराया गया तो पता चला कि हेड इंजरी है। इस रिपोर्ट के बाद प्रबंधन को न्यूरोलॉजिस्ट की सलाह लेनी थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन अपने एनेस्थीसिस्ट से ही इलाज कराता रहा, जिसके मरीज की हालत और बिगड़ती चली गई। लॉज के कमरों में चल रहा अस्पताल जानकारी के मुताबिक सोमेश्वर हॉस्पिटल को लॉज के छोटे-छोटे कमरों में संचालित किया जा रहा है। यहां न डॉक्टर, न ICU और न ही वैंटिलेटर है। इसके बावजूद हेड इंजरी समेत गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। एनेस्थीसिस्ट से इलाज कराया जाता है। मरीज के परिजनों ने बताया कि सोमेश्वर हॉस्पिटल में इलाज से मरीज की हालत में सुधार नहीं हो रहा था, जिससे वह दूसरे जगह ले जाने की बात कह रहे थे। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन मरीज को ले जाने नहीं दिया। अस्पताल प्रबंधन दवा के लिए पैसे लेते रहा। संचालक बोला- कोई लापरवाही नहीं हुई है सोमेश्वर हॉस्पिटल के संचालक कोमल सिन्हा ने मामले में कहा कि पीड़ित को हेड इंजरी थी। हमने एनेस्थेटिस्ट के माध्यम से बेहतर इलाज करने की कोशिश की थी, फिर उसे रेफर किया गया था। कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। अस्पताल की लापरवाही से गई जान जिला नर्सिंग होम के नोडल अफसर डॉक्टर हरीश चौहान ने बताया कि पुलिस को सूचना देने के बाद शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट के मुताबिक निजी अस्पताल की लापरवाही से मरीज की जान गई है। बिना न्यूरोसर्जन के सलाह के हेड इंजरी का इलाज किया जा रहा था। मामले की जांच की जाएगी, लापरवाही की पुष्टि हुई तो कार्रवाई होगी। 3 महीने पहले मिल चुका है नोटिस नोडल अफसरों की टीम ने जब 3 महीने पहले किराए के कमरे में चल रहे अस्पताल का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में लापरवाही मिली। मरीज को वह बीमारी ही नहीं थी, जिसके लिए योजना के तहत पैसे रोके गए थे। इसके लिए नोटिस भी जारी किया गया था। …………………………………….. छत्तीसगढ़ की ये खबर भी पढ़िए… छत्तीसगढ़ में मरीज ने डॉक्टर को पटक-पटककर पीटा…VIDEO: ट्रीटमेंट के पैसे मांगने पर मुंह पर मारा मुक्का, नशे में धुत होकर पहुंचा था प्राइवेट हॉस्पिटल छत्तीसगढ़ के भिलाई में IMI अस्पताल के डॉक्टर को नशे में धुत मरीज ने जमीन पर पटक-पटककर पीटा है। बताया जा रहा है कि आरोपी के पैर में चोट लगी थी, जिसका ट्रीटमेंट कराने आया था। इलाज के बाद पैसे मांगने पर आरोपी ने मारपीट की। मामला खुर्सीपार थाना इलाके का है। पढ़िए पूरी खबर…

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