2013 में एक मूवी रिलीज हुई थी, स्पेशल-26। अक्षय कुमार अभिनीत इस मूवी में फर्जी CBI और इनकम टैक्स अफसर बनकर लोगों से ठगी की जाती थी। छत्तीसगढ़ के सक्ती में शातिर ठगों ने SBI की फर्जी ब्रांच खोली और फ्रॉड के लिए स्पेशल-6 चुने। ब्रांच में कर्मचारियों को नौकरी दी गई। इससे पहले बाकायदा उनकी ट्रेनिंग हुई और ऑफर लेटर जारी किया गया। इसके लिए उनसे लाखों रुपए भी लिए गए। लोगों के खाते खुलवाकर ठगी की बड़ी साजिश थी, लेकिन उससे पहले ही मामला खुल गया। फिलहाल कथित बैंक का मैनेजर पंकज भाग निकला है। पुलिस ने इस मामले में पंकज, रेखा साहू, मंधीर दास के खिलाफ FIR दर्ज की है। वहां से मिले कंप्यूटर सहित अन्य कागजात जब्त कर लिए हैं। मामला मालखरौदा थाना क्षेत्र के ग्राम छपोरा का है। पहले जानिए कैसे हुई कर्मचारियों की नियुक्ति वैभवी कॉम्प्लेक्स में खुली इस कथित ब्रांच में 6 युवाओं को नियुक्ति दी गई। इन युवाओं से 2 लाख से लेकर 6 लाख रुपए तक लिए गए। देश के सबसे बड़े बैंक में नौकरी की चाहत में पैसे देने के लिए युवाओं ने कर्ज लिया और गहने तक गिरवी रखे। इन युवाओं को इंटरव्यू के जरिए चयनित किया गया। फिर ट्रेनिंग के नाम पर बुलाया गया और चयन के बाद कर्मचारियों को ऑफर लेटर भी दिए गए, जो देखने में असली जैसे थे। इसके बाद इन्हें अलग-अलग जिले में नियुक्ति देने की बात कही गई। इन ऑफर लेटर के जरिए कथित ब्रांच में मैनेजर, मार्केटिंग ऑफिसर, कैशियर और कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे पदों पर कर्मचारियों को काम पर रखा गया था। फर्जी ब्रांच खुले 10 दिन ही हुआ था। इससे पहले की बड़ा घोटाला करते इसका भंडाफोड़ हो गया। कर्मचारी बोले- नौकरी के लिए रुपए लिए गए कथित ब्रांच में चयनित संगीता कंवर कहती हैं कि, उनको ट्रेनिंग देने के बुलाया गया था। यहां आए तो पता चला कि ब्रांच ही फर्जी थी। उनसे 5 लाख रुपए मांगे गए थे। कहा गया था कि नौकरी में 30 से 35 हजार रुपए का वेतन दिया जाएगा। वहीं कर्मचारी के रूप में काम कर रहीं ज्योति यादव कहती हैं कि, उन्होंने अपने दस्तावेज जमा किए, बायोमैट्रिक्स पूरा किया। उन्हें बताया गया था कि ज्वाइनिंग कन्फर्म हो गई और उन्हें 30,000 रुपए का वेतन दिया जाएगा। थाना प्रभारी राजेश पटेल ने बताया- कोरबा निवासी संगीता से 2.50 लाख रुपए, लक्ष्मी यादव से 2 लाख रुपए, परमेश्वर राठौर 3 लाख, कवर्धा निवासी पिंटू मरावी से 5.80 लाख रुपए लिए गए। आरोप है कि ये रकम रेखा साहू और मनधीर दास को दी गई। जानिए कैसे पकड़ी गई SBI की फर्जी शाखा गांव में SBI ब्रांच खुलने से गांव के लोग बहुत खुश थे। कई तो वहां जाकर खाता खुलवाने और काम शुरू करने के लिए लोन की जानकारी लेने तक पहुंचने लगे थे। इनमें स्थानीय ग्रामीण अजय कुमार अग्रवाल भी थे। वह 27 सितंबर को ब्रांच में अपना खाता खुलवाने के लिए पहुंचे थे। उन्हें बताया गया कि, अभी सर्वर नहीं जुड़ा है। ऐसे में खाता नहीं खुल सकेगा। इस पर उन्होंने खाता खुलवाने के लिए दस्तावेज मांगे। उस पर ब्रांच कोड नहीं लिखा था। बाहर बोर्ड और अन्य जगह भी ब्रांच कोड नहीं था। इसके बाद वह डभरा स्थित ब्रांच पहुंचे और शिकायत की। इसी दिन डबरा ब्रांच मैनेजर शेखर राज छपोरा गांव पहुंच गए। उन्होंने बताया कि, रोजाना फील्ड पर रहना पड़ता है। यहां देखा कि SBI का बोर्ड लगा है। वहां पूछताछ करने के लिए पहुंचा तो कर्मचारी गोल-मोल जवाब देने लगे। इसके बाद अफसरों को इसकी सूचना दी। 7 हजार रुपए महीना किराये पर लिया गया था 2 BHK SBI की फर्जी शाखा खोलने के लिए वैभवी कॉम्प्लेक्स में किराये पर लिया था। इसमें 2 कमरे, एक हॉल, किचन और वॉशरूम था। यह कॉम्प्लेक्स स्थानीय निवासी तोष चंद्र का है। इस जगह का किराया 7,000 रुपए प्रति माह था। जालसाजों ने बैंक को वैध दिखाने के लिए फर्नीचर, साइनेज, कंप्यूटर और अन्य चीजों की भी व्यवस्था की थी। बताया जा रहा है कि इनके टारगेट में कोरबा, बालोद, कवर्धा सहित अन्य जिलों के बेरोजगार युवा थे। नौकरी के नाम पर उनको ठगना था। इससे संबंधित यह खबर भी पढ़ें… छत्तीसगढ़ में SBI की फर्जी ब्रांच का संचालन:ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने मारा छापा; मैनेजर फरार, 5 कर्मचारियों से पूछताछ जारी