छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में शनिवार को पुलिस और आदिवासियों की भिड़ंत हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके बाद भीड़ आक्रोशित हो गई और NH-43 पर लोरो घाट के पास जाम लगा दिया। ईसाई आदिवासी महासभा के बैनर तले प्रदर्शनकारी पदयात्रा निकाल रहे थे। आरोप है कि जशपुर विधायक ने भगवान यीशु पर आपत्तिजनक बयान दिया है। इसके चलते वे भाजपा विधायक रायमुनी भगत पर FIR दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। पदयात्रा सुबह जशपुर के शांति भवन से शुरू हुई, जो जशपुर-कुनकुरी नेशनल हाईवे-43 पर चलते हुए काईकछार तक पहुंची है। लोरो घाटी के नीचे पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी। भीड़ कुनकुरी की ओर बढ़ने लगी तो पुलिस ने उन्हें रायकेरा के पास रोक दिया। प्रदर्शनकारियों को रायकेरा के पास रोका गया एसपी शशि मोहन सिंह ने कहा कि जशपुर से कुनकुरी की ओर निकले पदयात्रियों को लोरो घाटी में बैरिकेड और वाटर कैनन के प्रयोग से वहीं रोक दिया गया है। लोरो से नीचे के लोग आगे बढ़ रहे थे, जिन्हें रायकेरा के पास रोका गया। हालांकि रात होने प्रदर्शनकारी लौट गए हैं। जानकारी के अनुसार शनिवार को इस पदयात्रा के दूसरे दिन प्रशासन से बिना अनुमति लिए नेशनल हाईवे पर पदयात्रा निकालने को लेकर एक्शन लिया है। लोरो घाटी शिव मंदिर के नीचे बने बैरियर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। पुलिस के आला अधिकारी समेत कार्यपालिक मजिस्ट्रेट भी मौजूद रहे। भूपेश बघेल बोले- विधायक का इस्तीफा ले लेना चाहिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- आज आदिवासी राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ में हैं और देखिए जशपुर के राष्ट्री़य राजमार्ग क्रमांक 43 पर आदिवासियों का हुजूम। ये आदिवासी ईसाई धर्म के अनुयायी हैं। ये सब जशपुर के विधायक रायमुनी भगत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। जो टिप्पणी विधायक ने की थी उस पर तो उनसे इस्तीफा ले लेना चाहिए। पूर्व विधायक बोले- ये लोकतंत्र के विपरीत कुनकुरी के पूर्व विधायक यूडी मिंज ने कहा कि ईसाई आदिवासी महासभा के लोग शांतिपूर्वक रूप से पदयात्रा कर बगिया कैंप कार्यालय पहुंचकर अपनी बात रखना चाह रहे थे। इस प्रजातांत्रिक तरीके में कहां गलती है। पहले जो चुने हुए जनप्रतिनिधि अपना राजधर्म नहीं निभा रहे। जिस प्रकार से महिलाओं पर पुलिस ने वाटर कैनन और बल प्रयोग किया है और उनकी आवाज को दबाया जा रहा है, ये लोकतंत्र के विपरीत है।