विदेशमंत्री जयशंकर दो दिन के स्विट्जरलैंड दौरे पर हैं। इस दौरान जिनेवा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने 1984 में हुए IC 421 प्लेन हाईजैक से जुड़ा एक किस्सा सुनाया। जयशंकर ने बताया कि वो उस टीम का हिस्सा थे, जो हाइजैकर्स से डील कर रही थी। जयशंकर ने कहा, हाइजैक के 3-4 घंटे बाद मैंने अपनी मां को फोन किया मैनें उन्हें बताया कि प्लेन हाइजैक हुआ है, मैं घर नहीं आ सकता। तभी मुझे ये भी पता चला कि मेरे पिता उस फ्लाइट में हैं। जयशंकर ने कहा कि एक तरफ मैं उस टीम में था जो हाइजैकर्स से डील कर रही थी। वहीं, मैं उन फैमिली मेंबर्स की उस टीम में भी था जो सरकार पर दबाव डाल रही थीं। दरअसल जयशंकर से जेनेवा में एक कार्यक्रम के दौरान 1999 में हुए कंधार हाईजैक पर बनी नेटफलिक्स सीरीज IC 184 पर हो रही कंट्रोवर्सी पर सवाल किया था। इस पर जयशंकर ने कहा कि उन्होंने सीरीज नहीं देखी है। इसलिए वे इस पर कमेंट नहीं कर सकते। 7 सिख युवकों ने किया था प्लेन हाईजैक
24 अगस्त 1984 को इंडियन एयरलाइन्स के विमान IC 421 ने चंडीगढ़ से जम्मू के लिए उड़ान भरी थी। इस प्लेन में चंडीगढ़ से 7 अलगाववादी सिख युवक भी सवार हुए। प्लेन उड़ने के कुछ देर बाद ही इन युवकों ने उसे हाईजैक कर लिया था। ये सभी युवक ऑपरेशन ब्लू स्टार से नाराज थे। हाइजैक हुए विमान में विदेशमंत्री जयशंकर के पिता के. सुब्रमण्यम सहित 100 लोग सवार थे। हाईजैकर्स ने प्लेन के पायलट वीके मेहता से प्लेन को अमृतसर ले जाकर स्वर्ण मंदिर की परिक्रमा लगाने के लिए कहा था। इसके बाद पायलट ने हाईजैकर्स की बात मानते हुए स्वर्ण मंदिर के दो चक्कर लगाए थे। प्लेन को पाकिस्तान ले गए थे हाईजैकर्स
हाईजैकर्स प्लेन को पाकिस्तान के लाहौर ले गए थे। लेकिन लाहौर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने प्लेन को लैंड करने की परमिशन नहीं दी। इसके बाद विमान काफी देर तक हवा में ही रहा। बाद में प्लेन का फ्यूल कम होने लगा तो पायलट ने एयरपोर्ट अथॉरिटी से इमरजेंसी लैंडिंग के लिए परमिशन मांगी। जिसके बाद अधिकारियों ने प्लेन को लैंड करने दिया। लाहौर एयरपोर्ट पर रिफ्यूलिंग के बाद हाईजैकर्स ने प्लेन को अमेरिका ले जाने के लिए कहा। हालांकि पायलेट ने हाईजैकर्स को बताया कि ये प्लेन घरेलू उड़ान के लिए है इसलिए अमेरिका नहीं जा सकता है। इसके बाद हाईजैकर्स ने प्लेन के बहरीन ले जाने की बात कही। लेकिन पायलट के मना करने के बाद इसे दुबई ले जाया गया। दुबई में प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। जहां भारतीय अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के बाद हाईजैकर्स ने सरेंडर कर दिया था।