दुर्ग जिले में एक युवक खुद को हिंदू साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। युवक का कहना है कि उसके पिता ब्राह्मण और मां मुस्लिम है। उसने हिंदू नाम से पढ़ाई की, लेकिन पिता के जेल जाने के बाद मां और मामा ने आधार कार्ड में मुस्लिम नाम लिखवा दिया। अब दस्तावेजों में वो अपना नाम बदलवाने के लिए परेशान है। दुर्ग जिले के कसारीडीह इलाके में रहने वाला फिरोज अंसारी (सोनू तिवारी) पिछले दो साल से खुद को हिंदू और जाति ब्राह्मण साबित करना चाहता है। फिरोज का कहना है कि उसके पिता ब्राह्मण हैं, इसलिए उसकी वास्तविक जाति और धर्म हिंदू और ब्राह्मण होनी चाहिए। पिता था आदतन बदमाश फिरोज अंसारी ने भास्कर को बताया कि उसके पिता का नाम शिवकुमार तिवारी था। वो आदतन बदमाश था, कोई काम नहीं करता था। इसी दौरान पिता को परवीन बानो से प्यार हो गया। दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया। शिवकुमार ने परवीन से शादी तो की, लेकिन कभी उसे अपने घर नहीं ले गया। इसी दौरान 8 सितंबर 1992 को एक बेटा पैदा हुआ। उसका नाम उन लोगों ने सोनू तिवारी रखा। बेटे का प्राथमिक शाला कसारीडीह स्कूल में दाखिला हुआ वो भी सोनू तिवारी नाम से हुआ। पिता को हो गई जेल बेटे के स्कूल पढ़ने के दौरान शिवकुमार तिवारी को किसी मामले में जेल हो गई। मां अपने दो बच्चों को लेकर अपने भाई के पास रहने लग गई। सोनू का आरोप है कि मां पिता के जेल जाने से इतने गुस्से में थी उसने मामा के साथ मिलकर नाम ही बदल डाला। मां ने सोनू का नाम आधार कार्ड में फिरोज अंसारी लिखाया साथ ही पिता का नाम भी राजू अंसारी लिखवा दिया। राजू अंसारी को नहीं जानता-युवक फिरोज (सोनू) का कहना है कि राजू अंसारी उसके पिता का नाम नहीं है, ना ही उसकी मां या वो किसी राजू अंसारी को जानते हैं। इतना ही नहीं मामा ने उसका ड्राइविंग लाइसेंस और बाकी दस्तावेज में भी नाम फिरोज अंसारी लिखवा दिया। अब फिरोज अपनी पहचान के लिए लड़ रहा है। मां ने लिखकर दिया सहमति पत्र फिरोज (सोनू) का कहना है कि उसने आधार कार्ड में नाम बदलने के लिए कलेक्टर और एसडीएम कार्यालय में गुहार लगाई। इसके बाद उसकी मां परवीन बानो ने भी सहमति पत्र लिखकर दिया कि सोनू शिवकुमार तिवारी का बेटा है और वो हिंदू धर्म में जाना चाहता है। ऐसे में उसे कोई आपत्ति नहीं है। बताया जा रहा है कि, फिरोज (सोनू) का एक और भाई है। उसने मुस्लिम धर्म ही अपनाया है। एसडीएम ने कहा दस्तावेजों की होगी जांच सोनू का कहना है कि उसने तत्कालीन एसडीएम मुकेश रावटे को भी आवेदन दिया था। इस बारे में एसडीएम मुकेश रावटे का कहना है कि वो उसकी जांच करेंगे। अगर उसका नाम स्कूल में और पारिवारिक दस्तावेजों में सोनू तिवारी है तो उसे बदलने में कोई परेशानी नहीं है।