नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 28 अक्टूबर को JEE मेन्स 2025 की तारीखें घोषित कर दी हैं। इस साल भी JEE मेन्स एग्जाम दो चरणों में होगा। पहले फेज का एग्जाम 22 से 31 जनवरी 2025 तक और दूसरे फेज का एग्जाम अप्रैल 2025 में होगा। दोनों सेशन के एग्जाम में बैठना फायदेमंद – एक्सपर्ट ज्यादातर स्टूडेंट्स इस बात को लेकर चिंता में रहते हैं कि उन्हें JEE मेन्स के दोनों सेशन में एग्जाम देना चाहिए या किसी एक में। इसके लिए हमने एलेन करियर इंस्टीट्यूट, भोपाल के डायरेक्टर ऋषिकेश शर्मा और NEET IIT इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर शुभम रॉय से बात की। दोनों एक्सपर्ट्स एक ही बात कहते हैं, JEE मेन्स का एग्जाम दो सेशन में करवाया ही इसलिए जाता है, ताकि स्टूडेंट्स अगर एक सेशन में अच्छा परफॉर्म न कर पाएं तो दूसरे सेशन में फिर से कोशिश कर सकें। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्टूडेंट्स को दोनों सेशन में एग्जाम देने से 3 बड़े फायदे हैं- 1. स्टूडेंट्स के लिए स्कोर बढ़ाने का मौका: NTA दोनों सेशन में से उसी सेशन का स्कोर फाइनल रिजल्ट में शामिल करता है, जिसमें ज्यादा मार्क्स मिले होते हैं। ऐसे में दोनों सेशन में एग्जाम देने से फाइनल रैंक सुधारने का मौका मिलता है। 2. 12वीं कर रहे स्टूडेंट्स को एग्जाम का प्री-एक्सपीरियंस: ऋषिकेश शर्मा कहते हैं कि 12वीं कर रहे बच्चों को भी दोनों सेशन के एग्जाम में बैठना चाहिए। उनके प्रीबोर्ड एग्जाम के बाद JEE मेन्स का पहला सेशन, फिर बोर्ड एग्जाम, फिर JEE मेन्स के दूसरे सेशन का एग्जाम होता है। सिलेक्शन हो गया तो JEE एडवांस्ड का एग्जाम होता है। यह सभी एग्जाम एक के बाद एक होते हैं, इसलिए तैयारी ठीक है तो दोनों सेशन के एग्जाम देने चाहिए। शुभम के मुताबिक, अगर 12वीं कर रहे बच्चों का11 वीं का कोर्स अच्छे से तैयार नहीं है, तो भी पहले सेशन का एग्जाम जरूर देना चाहिए। इससे एग्जाम का एक प्री-एक्सपीरियंस हो जाता है और कोर्स पूरा करने के बाद दूसरे सेशन में अपना स्कोर बढ़ा सकते हैं। 3. बारहवीं पास कर चुके बच्चों को सिलेक्शन के दो मौके: शुभम कहते हैं पहला सेशन बारहवीं पास कर चुके बच्चों के लिए ज्यादा बेहतर है। इस समय तक उनका कोर्स पूरा हो चुका होता है। वह जनवरी में ही पूरी तैयारी के साथ JEE मेन्स में बैठ सकते हैं। इन स्टूडेंट्स को बारहवीं कर रहे स्टूडेंट्स की तुलना में बेहतर मौका है। इस बार केमिस्ट्री में ज्यादा स्कोर करने के मौके, सिलेबस संतुलित रहेगा शुभम रॉय बताते हैं, ‘सिलेबस ध्यान से देखकर ही पढ़ाई करनी चाहिए। इस बार केमिस्ट्री में 6 यूनिट्स पूरी तरह हटा दी गई हैं। 5 यूनिट्स ऐसी हैं जिनमें से कई चैप्टर हटा दिए गए हैं। इसलिए इस बार केमिस्ट्री में ज्यादा मार्क्स लाना आसान होगा। वहीं ऋषिकेश कहते हैं, ‘NEET-UG के पिछले एग्जाम में हुई गड़बड़ियों के बाद इस बार लोग JEE पर बारीकी से नजरें बनाए हुए हैं। इसलिए उम्मीद है कि इस बार पेपर सिलेबस के मुताबिक और संतुलित आएगा।’ ‘इस बार NTA ने एक पेपर में 30 में से 25 सवालों का विकल्प हटाकर 25 कंपल्सरी सवाल रखे हैं। इसलिए स्कोर कम रह सकता है, हालांकि बच्चों को घबराने की जरूरत नहीं है, 70 से 75% सिलेबस की अच्छी तैयारी से अच्छा परसेंटाइल बन जाएगा।’ 2024 में भी JEE मेन्स का एग्जाम दो सेशन- जनवरी और अप्रैल में करवाया गया था। जनवरी सेशन का एग्जाम 24 से 31 जनवरी तक और अप्रैल सेशन का एग्जाम 6 से 12 अप्रैल के बीच हुआ था। बीते साल रजिस्ट्रेशन 1 नवंबर से शुरू होकर एक महीने से ज्यादा समय तक चला था, हालांकि इस बार भी पर्याप्त समय दिया गया है। JEE मेन्स 2024 के जनवरी सेशन में कुल रजिस्टर्ड कैंडिडेट्स की संख्या 12 लाख से ज्यादा थी। इनमें से 11.7 लाख ने एग्जाम दिया था। NTA ने JEE मेन्स के अलावा NEET UG और CUET की तारीखें भी घोषित की हैं। एजुकेशन से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए…
सुप्रीम कोर्ट पत्रकारों को देता है 3 तरह की मान्यता:LLB की जरूरत खत्म; मीडिया संस्थान के लेटरपैड से मिलेगा पास भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो रहे हैं। उससे पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के संवाददाता बनने के इच्छुक पत्रकारों को एक बड़ी सौगात दी है। उन्होंने कहा है कि अब सुप्रीम कोर्ट की मान्यता के लिए पत्रकारों को कानून की डिग्री (एलएलबी) लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि मान्यता के अलावा भी दो तरीके से पत्रकार सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं। पूरी खबर पढ़िए…