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Tuesday, October 15, 2024

पर्यटन विभाग की बेशकीमती संपत्तियों में उग गईं झाड़ियां:150 करोड़ रुपए से बनाए 34 सरकारी रिसॉर्ट-मोटल, इनमें से 18 हो गए खंडहर‎

कवर्धा में भोरमदेव रोड पर बना पर्यटन विभाग का शानदार मोटल। बड़े से गेट के भीतर घुसते ही सुंदर हरियाली नजर आ रही है। पोर्च से मार्बल लगी सीढ़ियों के जरिए भीतर बड़े से रिसेप्शन हॉल में प्रवेश करते हैं। सुंदर सोफा लगा है। रंग-बिरंगी दीवार पर प्रदेश के दूसरे पर्यटन स्थलों के फोटो टंगे हुए हैं। ऊपर फाल्स सीलिंग में लगे लाइट इसकी शोभा और बढ़ा रहे हैं। इस मोटल के कमरे भी आलीशान और खूबसूरत हैं। ठहरिए… आपने यह पढ़कर अपने मन में जो सुंदर सा परिदृश्य तैयार किया है वैसा अब कुछ नहीं है। गेट के भीतर कटीली झाड़ियां हैं। फाल्स सीलिंग ढह चुका है, मार्बल उखड़ चुके हैं। दीवारें टूट चुकी हैं। एसी, टीवी, कुर्सी, सोफा, बेड, डायनिंग टेबल तक चोरी हो चुके हैं। चारों ओर टूटी हुई दीवारों के ईंट बिखरे हुए हैं। यही स्थिति पर्यटन विभाग के ज्यादातर मोटल की है। 16 मोटल्स ही चला रहा पर्यटन विभाग छत्तीसगढ़ में पर्यटन के विकास को लेकर साल 2008 से लेकर अब तक 150 करोड़ रुपए से भी ज्यादा राशि खर्च कर रिसॉर्ट व मोटल्स बनाए गए, लेकिन आधे से ज्यादा रिसॉर्ट व मोटल्स वीरान और खंडहर हो चुके हैं। इसके अलावा इनके साजो सामान में भी करोड़ों रुपए खर्च किए गए, वे भी चोरी हो चुके हैं। प्रदेश में बीते 24 साल में 56 रिसॉर्ट, मोटल व गेस्ट हाउस बनाए गए। इनमें से 22 होटल-मोटल सिंचाई विभाग के हैं। बचे हुए 34 होटल-मोटल में से पर्यटन विभाग 16 ही संचालित कर रहा है। बाकी 18 होटल-मोटल की दुर्गति हो चुकी है। सिर्फ शिलापट्ट की चमक बरकरार, बाकी सब ध्वस्त कवर्धा शहर से लगे हिस्से में भोरमदेव मार्ग पर साल 2008 में पर्यटन मंडल के पर्यटक विश्रामगृह का लोकार्पण किया गया। लगभग डेढ़ करोड़ रुपए खर्च कर इस आलीशान मोटल को बनाया गया था। लेकिन लगभग 16 साल बाद अब 18 कमरों का यह मोटल खंडहर है। सिर्फ एक चीज चमक रही है, वह है लोकार्पण का वह शिलापट्ट। सारे महंगे सामान चोरी हो चुके हैं। इनके भरोसे टूरिस्ट… पर्यटन विभाग फिलहाल इन रिसॉर्ट और मोटल्स को चला रहा जल्द ही 14 मोटल्स को लीज पर देंगे : सचिव ^पर्यटन विभाग ने अपने पुराने मोटल्स को लॉंग लीज पर देने की योजना बनाई थी। यह प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जल्द ही लगभग 14 मोटल्स को लीज पर दे देंगे। इनके रेनोवेशन का काम चल रहा है। इसके अलावा बचे हुए मोटल्स का संचालन पर्यटन विभाग खुद कर रहा है।
अंबलगन पी., सचिव, पर्यटन व संस्कृति

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