रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बाद इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी कहा है कि भारत या चीन रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। ANI के मुताबिक, मेलोनी ने शनिवार को इटली के शहर चर्नोबियो में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। बैठक के बाद मेलोनी ने कहा, “जब भी दुनिया में कानून तोड़े जाते हैं, तब अराजकता और तनाव की स्थिति बनती है। अगर इस संकट को टाला नहीं गया तो यह और फैलेगा। मैंने चीन के नेताओं से भी यही कहा था। इसलिए मुझे लगता है कि भारत और चीन जैसे देश यूक्रेन जंग को खत्म करने में अहम साबित हो सकते हैं।” पुतिन ने कहा था- भारत-चीन करवा सकते हैं मध्यस्थता
इटली की PM ने कहा है कि यह जंग यूक्रेन के हितों को अलग करके नहीं खत्म की जा सकती है। यूक्रेन का समर्थन करने का विकल्प सीधे तौर पर देशहित से जुड़ा है, जिसे बदला नहीं जा सकता। इससे पहले गुरुवार (5 सितंबर) को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि वे जंग रोकने के लिए यूक्रेन से बातचीत करने को तैयार हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पुतिन ने कहा था कि भारत, चीन या ब्राजील दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं। रूस के शहर व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (EEZ) में बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा था कि 2022 में जब जंग शुरू हुई थी, तब तुर्किये ने दोनों देशों के बीच समझौता कराने की कोशिश की थी। हालांकि, उन शर्तों को कभी लागू नहीं किया गया था। अब नए सिरे से बातचीत शुरू करने के लिए पिछली कोशिश को आधार बनाया जा सकता है। रिपोर्ट- मोदी के बाद अब अजीत डोभाल जाएंगे रूस
वहीं भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल इस हफ्ते मॉस्को जा सकते हैं। वे ब्रिक्स देशों के NSA की बैठक में शामिल होंगे। दरअसल, रूस इस बार ब्रिक्स संगठन की अध्यक्षता कर रहा है। वहीं कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि डोभाल की यात्रा का मकसद रूस-यूक्रेन जंग का हल निकालने की कोशिश करना है। डोभाल की यह यात्रा तब हो रही है जब PM मोदी पिछले महीने अपने पहले यूक्रेन दौरे पर गए थे। इससे पहले मोदी 8 जुलाई को रूस की यात्रा पर भी गए थे। दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने जंग को खत्म करने का मैसेज दिया था। उन्होंने कहा था कि किसी भी विवाद का हल बातचीत के जरिए ही निकाला जा सकता है। जेलेंस्की ने कहा था- भारत में करवा सकते हैं पीस समिट
पुतिन का यह बयान तब आया है जब PM मोदी करीब 2 महीने पहले 8 जुलाई को रूस के दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने पुतिन से जंग रोकने पर चर्चा की थी। इसके कुछ समय बाद PM मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन का भी दौरा किया था। इस दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भारत में दूसरा पीस समिट करवाने की इच्छा जाहिर की थी। वहीं जेलेंस्की के साथ बैठक में PM मोदी ने कहा था, ‘भारत हमेशा से शांति के पक्ष में रहा है। मैं कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिला था। तब मैंने मीडिया के सामने उनकी आंख से आंख मिलाकर कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है।’ ढाई साल में कहां पहुंची रूस-यूक्रेन जंग
24 फरवरी 2022 को शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग को ढाई साल पूरे हो चुके हैं। इस बीच अब तक यूक्रेन के 10 हजार आम नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 18,500 लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन का दावा है कि रूस 3.92 लाख सैनिक गंवा चुका है। इस बीच अमेरिका ने रूस की 500 रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रखे हैं। रूस-यूक्रेन जंग में 6 अगस्त 2024 को पहली बार ऐसा हुआ जब यूक्रेन ने रूस में घुसकर उसके कुर्स्क इलाके पर कब्जा कर लिया। तभी से यूक्रेन लगातार रूस पर हमलावर है। RT की रिपोर्ट के मुताबिक 20 दिनों में यूक्रेन के हमलों में रूस के 31 नागरिकों की जान जा चुकी है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद ऐसा पहली बार है, जब रूस की धरती पर किसी विदेशी ताकत ने कब्जा किया हो। यूक्रेन ने दो हफ्ते में रूस के 1263 वर्ग किमी इलाके पर कब्जा कर लिया था। यूक्रेन का दावा है कि रूस ने 2024 के 8 महीने में जितने इलाके पर कब्जा किया है, उससे ज्यादा जमीन पर यूक्रेन ने 2 हफ्तों में कब्जा कर लिया है।