फ्रांस में 3 महीने पहले बनी PM मिशेल बार्नियर की सरकार बुधवार को गिर गई। फ्रांस की संसद में PM बार्नियर की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। अब उन्हें अपनी पूरी कैबिनेट के साथ राष्ट्रपति मैक्रों को इस्तीफा सौंपना पड़ेगा। फ्रांस के 62 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब संसद में अविश्वास प्रस्ताव के पास होने के कारण किसी प्रधानमंत्री को सत्ता गंवानी पड़ रही है। संसद में वामपंथी एनएफपी गठबंधन की ओर से पेश अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 331 वोट पड़े, जबकि प्रस्ताव के पास होने के लिए 288 वोट ही काफी थे। 3 महीने पहले ही अपॉइंट किए गए कंजर्वेटिव नेता बार्नियर गुरुवार को इस्तीफा दे सकते हैं। उन्हें फ्रांस के इतिहास में सबसे कम दिनों तक सरकार चलाने वाला प्रधानमंत्री माना जाएगा। बार्नियर ने अविश्वास प्रस्ताव से पहले अपने आखिरी भाषण में कहा था- फ्रांस और फ्रांसीसियों की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है। बार्नियर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव क्यों, 5 पॉइंट… मैक्रों को अब नया PM चुनना होगा फ्रांस के संविधान के मुताबिक, बार्नियर के इस्तीफे के बाद मैक्रों को एक नया PM नियुक्त करना होगा, क्योंकि फ्रांस में जुलाई 2024 में ही चुनाव हुए थे। ऐसे में जुलाई 2025 तक चुनाव नहीं हो सकते हैं। फिलहाल नेशनल असेंबली में किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं है। इस कारण फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ सकती है। यूरोपियन यूनियन में ब्रेक्सिट के निगोशिएटर थे बार्नियर फ्रांस में भारत की तरह 2 सदन भारत की तरह फ्रांस में भी संसद के 2 सदन हैं। संसद के उच्च सदन को सीनेट और निचले सदन को नेशनल असेंबली कहा जाता है। नेशनल असेंबली के मेंबर को आम जनता, जबकि सीनेट को सदस्यों को नेशनल असेंबली के सदस्य और अधिकारी मिलकर चुनते हैं। फ्रांस में राष्ट्रपति और नेशनल असेंबली के चुनाव अलग-अलग होते हैं। ऐसे में अगर किसी पार्टी के पास संसद में बहुमत नहीं है तो भी राष्ट्रपति चुनाव में उस पार्टी का लीडर जीत हासिल कर सकता है। 2022 के चुनाव में इमैनुएल मैक्रों के साथ भी यही हुआ था। वे राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गए थे, लेकिन नेशनल असेंबली में उनके गठबंधन को बहुमत नहीं मिला था। —————————————————– फ्रांस की राजनीति से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों बोले- भारत UNSC का स्थाई सदस्य बने, कहा-संस्था में सुधार की जरूरत फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) में भारत की परमानेंट सीट (स्थाई सदस्यता) का समर्थन किया है। 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में दिए भाषण में मैक्रों ने कहा कि फ्रांस UNSC में स्थाई सदस्यों की संख्या बढ़ाने का समर्थन करता है। पूरी खबर पढ़ें…