प्रार्थी के अनुसार उसने तीन अलग-अलग प्रस्ताव के माध्यम से ग्रामीण बैंक में संचालित पंचायत के खाते से रकम निकालने के लिए आहरण पर्ची में हस्ताक्षर कर सरपंच को दिया था। तय हुआ था कि 12 नवंबर को सरपंच और सचिव मिल कर तय किए गए राशि को बैंक खाते से निकालेगे।