भारत ने चेस ओलिंपियाड की ओपन कैटेगरी में ऐतिहासिक गोल्ड मेडल जीत लिया है। ओलिंपियाड के 97 साल के इतिहास में भारत ने पहली बार टीम इवेंट का गोल्ड जीता है। बुडापेस्ट में 10वें राउंड के मुकाबले में भारत ने अमेरिका को 2.5-1.5 से हराया। भारत के कुल 19 पॉइंट्स हो गए हैं। 10 राउंड में भारत ने 9 में जीत हासिल की है और 1 राउंड ड्रॉ खेला है। रविवार को आखिरी राउंड का मुकाबला होना है। भारतीय टीम इस राउंड में हारती भी है तो भी टीम का पहले स्थान पर रहना लगभग पक्का है। भारत के ओपन कैटेगरी में गोल्ड विनर बनने की आधिकारिक घोषणा 11वें राउंड के खेल के बाद होगी। विमेंस कैटेगरी में भी भारत गोल्ड की रेस में बना हुआ है। भारतीय लड़कियों ने 10वें राउंड में डिफेंडिंग चैंपियन चीन को 2.5-1.5 के अंतर से हरा दिया। इस कैटेगरी में भारत फिलहाल पहले नंबर पर है। गुकेश ने वर्ल्ड नंबर-2 को हराया
ओपन कैटेगरी के 10वें राउंड में भारत का सामना अमेरिका से हुआ। ओपन कैटेगरी में किसी टीम में पुरुष और महिला खिलाड़ी दोनों हो सकते हैं। हालांकि, ज्यादातर टीमों की ओपन कैटेगरी में सिर्फ पुरुष खिलाड़ी ही होते हैं। अमेरिका के खिलाफ मुकाबले में बोर्ड-1 पर डी. गुकेश ने फैबियानो कारुआना को हराया। कारुआना वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर-2 खिलाड़ी हैं। बोर्ड-2 पर प्रगनानंदा को हार का सामना करना पड़ा। बोर्ड-3 पर अर्जुन इरीगैसी ने डोमनिगेज परेज को हराया। बोर्ड-4 पर विदित गुजराती ने लेवोन एरोनियन के साथ ड्रॉ खेला। कैसे मिलते हैं पॉइंट्स
चेस ओलिंपियाड में हर राउंड में एक टीम को किसी दूसरी टीम से मुकाबला करना होता। हर मुकाबले में 4 अलग-अलग बोर्ड पर मैच होते हैं। यानी एक राउंड 4 पॉइंट का होता है। जो टीम 2.5 या इससे ज्यादा पॉइंट्स हासिल कर लेती है वह उस राउंड का मैच जीत जाती है। हर राउंड में जीत की स्थिति में टीम को 2 पॉइंट्स मिलते हैं। ड़्रॉ रहने पर एक पॉइंट मिलता है और हारने के कोई पॉइंट नहीं मिलते। भारत ने 10 राउंड में 9 जीते और 1 बराबरी पर छूटा। इसलिए भारत के 19 पॉइंट्स हो गए हैं। जीत पर 2 पॉइंट और ड्रॉ पर एक पॉइंट मिलता है। भारत ने 2 दिन पहले ही लगातार 8 मैच जीतकर 16 पॉइंट्स हासिल किए थे। 9वें राउंड में टीम ने उज्बेकिस्तान से ड्रॉ खेल लिया, जिस कारण टीम 17 पॉइंट्स के साथ पहले नंबर पर रही। अब अमेरिका को हराकर टीम ने 19 पॉइंट्स के साथ पहला स्थान हासिल कर लिया। एक राउंड और बाकी
चेस ओलिंपियाड में एक राउंड और बाकी है, भारत फिलहाल पहले और चीन दूसरे नंबर पर है। रविवार को दोनों का आखिरी मैच होगा। इसमें अगर चीन जीता और भारत अपना मैच हारा तो दोनों के बराबर 19- 19 पॉइंट्स हो जाएंगे, फिर मामला टाई ब्रेकर में जाएगा। भारत टाई ब्रेकर की सिचुएशन में पहले ही बढ़त बनाए हुए हैं, इस कारण आखिरी राउंड हारकर भी गोल्ड भारत को ही मिलेगा। ओपन कैटेगरी के टीम इवेंट में यह भारत का पहला ही गोल्ड है। विमेंस कैटेगरी में पहले नंबर पर पहुंचा भारत
विमेंस कैटेगरी में 9 राउंड के बाद भारत 15 पॉइंट्स के साथ दूसरे नंबर पर था। कजाकिस्तान 16 पॉइंट्स के साथ पहले नंबर पर था। 10वें राउंड में भारत ने चीन को 2.5-1.5 के अंतर से हरा दिया। इसी के साथ टीम 17 पॉइंट्स के साथ टॉप पर पहुंच गई। हालांकि, विमेंस ग्रुप में कजाकिस्तान और जॉर्जिया के बीच मैच का नतीजा बाकी है। जिसके बाद 10वें राउंड की रैंकिंग डिसाइड होगी। भारत ने अगर 11वें और आखिरी राउंड को भी जीत लिया तो देश के पास ओपन के साथ विमेंस कैटेगरी में भी टीम इवेंट का गोल्ड जीतने का मौका बन सकता है। दिव्या देशमुख ने जीता एकमात्र मुकाबला
विमेंस कैटेगरी में भारत से एकमात्र जीत दिव्या देशमुख को मिली। उन्होंने चीन की नी शिकुन को हराया। वहीं वंतिका अग्रवाल, वैशाली रमेशबाबु और द्रोनावली हरिका ने अपने-अपने मुकाबले ड्रॉ करा लिए। जिस कारण भारत ने 2.5-1.5 के अंतर से चीन को हराया। 1927 में हुआ था पहला चेस ओलिंपियाड
पहले चेस ओलिंपियाड का आयोजन 1924 में हुआ था, हालांकि ये अनऑफिशियल इवेंट था। इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) ने फिर 1927 से ऑफिशियल चेस ओलिंपियाड कराना शुरू किया। 1950 तक ओलिंपियाड हर साल हुआ, वर्ल्ड वॉर के दौरान इसका आयोजन नहीं हुआ। लेकिन 1950 के बाद से इसे हर 2 साल में एक बार आयोजित किया जाने लगा। हंगरी में 45वीं बार चेस ओलिंपियाड हुआ।