छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में रहने वाले एक बाबा और भालुओं की दोस्ती का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उचेहरा के राजामांडा जंगल किनारे बाबा की कुटिया है, वो यहां एक महिला के साथ रहते हैं। चार भालू रोजाना यहां पहुंचते हैं, बाबा उन्हें खाना और बिस्किट खिलाते हैं। भालू खाना खाने के बाद जंगल लौट जाते हैं। लोगों के मुताबिक पिछले 4 साल से भालू यहां आ रहे हैं, लेकिन इन्होंने अब तक बाबा या आसपास के लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाया है। चार भालुओं में दो वयस्क और दो शावक हैं। भालुओं के पहुंचते ही सेवा में लग जाते हैं बाबा कुटिया में भालू रोज दोपहर के वक्त पहुंचते हैं। बाबा और उनके साथ रहने वाली महिला भालुओं के लिए बाहर रखे बर्तनों में सत्तू का आटा घोलकर रखते हैं, जिसे भालू आकर चाव से खाते हैं। भालू के पहुंचने पर बाबा खुद हाथों से भालुओं को खिलाते हैं। भालुओं को अक्सर वे बिस्किट खिलाते हैं। इस दौरान वे उन्हें छूते और सहलाते भी हैं, जिसके बाद भालू वापस जंगल में चले जाते हैं। भालुओं को बाबा बुलाते हैं सीताराम स्थानीय लोगों ने बताया कि बाबा भालुओं को सीताराम बुलाते हैं। पहले तीन भालू आते थे, अब इनकी संख्या चार हो गई है। संभवतः छोटा भालू उनका शावक है। लोग बाबा के कुटिया में भालुओं को देखने के लिए भी पहुंचते हैं। ग्राम पंचायत भगवानपुर के सरपंच राजेंद्र सिंह ने बताया कि, इन भालुओं ने अब तक बाबा या किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। इसी तरह से भालू भगवानपुर के मंदिर में भी आते हैं और प्रसाद खाकर लौट जाते हैं। MCB में भालुओं की बड़ी तादाद MCB जिले का बड़ा इलाका घने जंगलों से घिरा है। MCB सहित कोरिया से लेकर मरवाही के जंगलों में भालुओं की खासी तादाद है। हालांकि अन्य इलाकों में भालुओं के हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन यहां अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। ……………………. इससे संबंधित यह खबर भी पढ़िए… मंदिर में रोज प्रसाद खाने आता है भालू:1 घंटा घूमकर लौट जाता है जंगल, श्रद्धालुओं के लिए बना आकर्षण का केंद्र छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिले के एक मंदिर में भालू रोजाना सुबह-शाम प्रसाद खाने पहुंचता है।भरतपुर विकासखंड के भगवानपुर गांव में मां चांग देवी मंदिर स्थित है। यहां एक भालू आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। भालू रोज सुबह-शाम जंगल से निकलकर प्रसाद खाने के लिए मंदिर आता है। यहां पढ़ें पूरी खबर…