प्रथम चरण में 2000 गोवंशियों को रखने लायक गोशाला का निर्माण किया जाएगा। तीन चरणों में यह गोशाला पूरी तरह बनकर तैयार होगी।इसमें गायों के आधुनिक तरीके से रख-रखाव के साथ ही उनके उपचार के लिए सभी संसाधनों से युक्त चिकित्सा वार्ड का भी निर्माण किया जाएगा। जैविक संयंत्र भी लगेगा।