PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत पर दुख जताया है। शनिवार, 28 सितंबर को X पर अपनी पोस्ट में महबूबा ने कहा कि लेबनान और गाजा के शहीदों, खासतौर से हसन नसरल्लाह के समर्थन में रविवार का चुनावी दौरा रद्द कर रही हूं। उन्होंने कहा कि इस गहरे दुख और विद्रोह की घड़ी में हम फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं। उधर, नसरल्लाह के समर्थन में जम्मू-कश्मीर के बड़गाम में लोगों ने रैली भी निकाली। दरअसल, 27 सितंबर की रात साढ़े 9 बजे इजराइल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में हवाई हमले किए, जिसमें नसरल्लाह की मौत हो गई। इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 80 टन बम से हमला किया था। भाजपा बोली- आतंकियों की मौत पर आंसू बहाना महबूबा की पुरानी आदत
इसे लेकर भाजपा ने रविवार को महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधा। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह ने कहा कि महबूबा घड़ियाली आंसू बहा रही हैं। नसरल्ला की मौत पर कैंपेन रोककर वे वोटबैंक की पॉलिटिक्स कर रही हैं। आर पी सिंह ने कहा कि महबूबा मुफ्ती आतंकवाद समर्थक हैं। आतंकियों की मौत पर आंसू बहाना और उन्हें शहीद कहना उनकी पुरानी आदत है। कुछ समय पहले बुरहान वानी की मौत पर भी वे ऐसे ही रोई थीं। हालांकि आतंकियों से हमदर्दी जताने वाली वे अकेली नहीं हैं। सोनिया गांधी ने भी बाटला हाउस में मारे गए आतंकियों के लिए आंसू बहाए थे। INDIA गुट के सभी नेता वोटबैंक पॉलिटिक्स के लिए ऐसा करते हैं। उनके लिए देश पहले नहीं आता है। उमर अब्दुल्ला बोले- हम इजराइली बमबारी के विरोध में बोलते आए हैं
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं इसके बारे में आज कुछ नहीं कहूंगा। हमने हमेशा इजराइल की तरफ से की जा रही बमबारी और सेना के इस्तेमाल के खिलाफ आवाज उठाई है। हमने लगातार मांग की है कि इसे रोका जाना चाहिए। बेकसूर लोगों को मारने और घायल करने की यह कड़ी रुकनी चाहिए, फिर चाहे ये गाजा में हो, लेबनान में या कहीं और। जो कल हुआ, उससे ऐसा लगता है कि युद्ध के बादल पूरे क्षेत्र में नजर आ रहे है। भारत सरकार, पीएम और अन्य देशों के नेताओं को इजराइल पर दबाव डालना चाहिए ताकि इलाके में शांति बहाल हो सके। अंजुमन-ए-शरिया के अध्यक्ष बोले- जितना दुख मनाएं, वो कम होगा
जम्मू-कश्मीर अंजुमन-ए-शरिया के अध्यक्ष शियान आगा सैयद हसन मुसावी अल सफावी ने कहा कि हम उनकी (हसन नसरल्लाह) मौत का जितना भी शोक मनाएं, वह कम ही होगा। शांति होनी चाहिए और यही उनका मिशन था। उन पर आतंकवाद में शामिल होने का आरोप लगाया गया ताकि लोग यह न जान सकें कि वे मानवता के लिए क्या कर रहे थे और क्या चाहते थे। वे चाहते थे कि फिलिस्तीन, फिलिस्तीनियों के लिए आजाद हो। मैं पूरी मानवता और इस्लामी लोगों से कहना चाहता हूं कि जिस बात के लिए उन्होंने अपनी जान की कुर्बानी दी है, उससे कुछ अनोखा होने वाला है। इस क्षति का आकलन करना मुश्किल है, लेकिन उनके खून से हजारों नसरल्लाह पैदा होंगे, जो इस मिशन को आगे बढ़ाएंगे और सफलता हासिल करेंगे। हिजबुल्लाह ने की नसरल्ला के मारे जाने की पुष्टि
हिजबुल्लाह ने इजराइली हमले के 20 घंटे बाद चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने की पुष्टि की है। हिजबुल्लाह ने शनिवार शाम 5 बजे कहा कि शुक्रवार रात साढ़े 9 बजे इजराइल के हवाई हमलों में नसरल्लाह की मौत हो गई। इजराइली सेना ने राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 80 टन बम से हमला किया था। यह इतना भीषण था कि आसपास की 6 बिल्डिंग ध्वस्त हो गईं। बताया जा रहा है कि नसरल्लाह अपनी बेटी के साथ यहीं मौजूद था। हमले में बेटी की मौत की भी खबर है। IDF ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, ‘अब दुनिया को नसरल्लाह से डरने की जरूरत नहीं है। वह आतंक नहीं फैला पाएगा।’ पूरी खबर यहां पढ़ें… ये खबर भी पढ़ें… कौन है नसरल्लाह, जिसने 50 साल निभाई इजराइल से दुश्मनी:सब्जी वाले के घर जन्मा, 15 की उम्र में यहूदियों के खिलाफ उठाए थे हथियार तारीख- 25 मई, साल- 2000। इजराइली सेना दक्षिणी लेबनान से अपना कब्जा छोड़ देती है। ये लेबनान में हिजबुल्लाह की अब तक की सबसे बड़ी जीत थी। अगले दिन हिजबुल्लाह का चीफ हसन नसरल्लाह लेबनान के एक छोटे शहर बिंत जबेल पहुंचा। भूरे रंग के कपड़े और काला साफा बांधे 39 साल के नसरल्लाह ने कहा, “इजराइल के पास भले ही परमाणु हथियार हों, लेकिन फिर भी वह मकड़ी के जाल की तरह कमजोर है।” करीब 24 साल बाद, 27 सितंबर 2024 को इजराइल ने बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर कई टन बारूद गिराए। इसमें नसरल्ला मारा गया। पूरी खबर यहां पढ़ें…