महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर-संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के गिरफ्तारी वारंट केस में मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम की एंट्री हुई है। आरोपियों के वकील ने सुनवाई के दौरान एक केस का जिक्र करते हुए वारंट रद्द करने की मांग की है। वकील ने कहा कि ED ने कोर्ट को गलत जानकारी दी। दरअसल, सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ ED कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसी वारंट को आरोपियों ने वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल और किशोर श्रीवास्तव के जरिए बिलासपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मामले की सुनवाई जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। शुक्रवार को फिर होगी सुनवाई वारंट मामले में शुक्रवार को दोबारा सुनवाई होगी। ED के अधिवक्ताओं का कहना है कि बहस की प्रक्रिया में और कई दिन लग सकते हैं। इससे पहले बुधवार को भी अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सौरभ चंद्राकर का पक्ष रखा था और फिर प्रदेश से रवाना हो गए थे। गुरुवार को रवि उप्पल का पक्ष रखने के लिए अधिवक्ता किशोर श्रीवास्तव ने बहस की। उन्होंने कहा कि ED ने गलत जानकारी देकर कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कराया है। अधिकारियों के दबाव में कोर्ट ने वारंट जारी किया है, इसे रद्द कर देना चाहिए। किशोर श्रीवास्तव ने अपने तथ्यों को सही साबित करने के लिए पुराने कई केस का रिफ्रेंस दिया। इनमें से एक केस दाऊद इब्राहिम से जुड़ा हुआ भी है। वहीं ED की तरफ से अधिवक्ता सौरभ पांडेय और अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने बहस की। कल कपिल सिब्बल ने कहा था- ED कोर्ट नहीं दे सकती निर्देश कपिल सिब्बल ने बुधवार को हाईकोर्ट में कहा, ED कोर्ट यह निर्देशित नहीं कर सकती कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को गिरफ्तार करें। ये कोर्ट अपने क्षेत्राधिकार के लिए कानूनी अधिकार से संपन्न है, ले न क्षेत्र के बाहर ऐसा नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि महादेव ऐप के दोनों संचालक वानूआतू के नागरिक हैं। पढ़ें पूरी खबर… ED ने फ्रीज की है 580 करोड़ रुपए की संपत्ति महादेव सट्टा एप केस में एक मार्च 2024 तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने कार्रवाई करके 580 करोड़ रुपए की संपत्ति फ्रीज की है। ED ने रायपुर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, इंदौर, गुरुग्राम के कुल 15 ठिकानों पर दबिश दी है। इस मामले में आरोपियों को अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार भी किया है। ED ने छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम सहित 19 नामजद आरोपियों, ब्यूरोक्रेट्स, पुलिस अधिकारी और अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है। ऐप से 6000 करोड़ की आय हुई ED करीब एक साल से महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। आरोप है कि इसमें छत्तीसगढ़ के उच्च पदस्थ राजनेताओं और नौकरशाहों के शामिल होने का पता चला है। ऐप के दो मुख्य प्रमोटर भी छत्तीसगढ़ से ही हैं। ED के अनुसार, इस मामले में करीब 6,000 करोड़ रुपए की आय आंकी गई है। ED के प्रतिवेदन पर EOW में इन लोगों पर एफआईआर दर्ज हवाला के जरिए दी जाती थी प्रोटेक्शन मनी ED का आरोप है कि महादेव बुक के ऑपरेटर के जरिए हवाला से पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं तक प्रोटेक्शन मनी पहुंचाई जाती थी। इन अफसरों और नेताओं ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रमोटर्स से आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए अवैध संपत्ति अर्जित की। ED ने कई अचल संपत्तियों को प्रोविजनल अटैच किया है। इन धाराओं के तहत अपराध दर्ज EOW में इन सभी आरोपियों पर 4 मार्च को आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी में धारा 120 बी, 34, 406, 420, 467, 468 471 धारा 7, 11 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, संशोधित भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) अधिनियम 2018 का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया।