छत्तीसगढ़ में 19 गांव के सरपचों और ग्रामीणों के बीच सोमवार को महापंचायत हुई। इस बैठक में फैसला लिया गया गया कि, गांव में अब शराब बनाने और बेचने वालों पर 51 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही गांव में गांजा बेचते पाए जाने पर 20 हजार अर्थदंड वसूला जाएगा। यह महापंचायत महासमुंद और बलौदाबाजार जिले के 19 गांवों ने मिलकर की। ग्रामीणों का कहना है कि, पिथौरा और कसडोल इलाके के गांव में धड़ल्ले से महुआ शराब बनाई और बेची जा रही है। पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग शिकायत के बावजूद कार्रवाई करने में असफल हैं। बैठक में क्या-क्या फैसले हुए बैठक में इन गांव के ग्रामीण हुए शामिल यह बैठक बलौदाबाजार के बड़गांव गांव में हुई। यहां महासमुंद के पिथौरा थाना इलाके के 11 गांव राजडेरा, जमहर, गोढबहाल, अर्जुनी, छिबर्रा, कोचर्रा, भिथिडीही, मुढ़िपाहर, कोको भायहटा और खुसरुपाली के लोग शामिल हुए। वहीं, बलौदाबाजार के बया चौकी क्षेत्र के 8 गांव बढ़गांव, चरोदा, देवगांव, अकलतरा, आमगांव, ढेबी, ढेबा, लोरीदखार और गबोद के ग्रामीण पहुंचे। ग्रामीणों को ही मिलती है धमकी गोंडवहाल के सरपंच सदाराम पटेल, अर्जुनी के प्रदीप पटेल और जमहार के सीताराम चौधरी का कहना है कि, ग्रामीण इलाकों में महुआ शराब बनाने और बेचने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। आबकारी और पुलिस प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है। उल्टा शराब बेचने वाले ग्रामीणों को ही धमकी देते हैं। शराब के चलते बढ़ रहा क्राइम बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि, गांव की महिलाएं सुरक्षित नहीं है। बच्चे शराब पीकर स्कूल जाते हैं। हर तरफ मारपीट, लड़ाई-झगड़े, लूटपाट और चोरी आम बात हो गई है। इसलिए अपने गांव की सुरक्षा और बच्चों को इन बुरी आदत से गांव वालों को ही बचाना होगा। आबकारी और पुलिस के भरोसे नहीं रह सकते। उनका कहना है कि, आबकारी और पुलिस अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभा लेते तो आज 19 गांव के ग्रामीणों को बैठक बुलाने की आवश्यकता नहीं होती। आज गांव के हर गली-मोहल्ले में बिक रहे शराब से ग्रामीण परेशान हैं। नशे के अवैध कारोबार के चलते आपराधिक घटनाएं हो रही हैं। लेकिन इस पर अंकुश लगाने के बजाय ऐसे अवैध कारोबार करने वालों को संरक्षण दिया जाता है। सूचना मिलने पर होती कार्रवाई- एएसपी इस मामले में एडिशनल एसपी प्रतिभा पाण्डेय का कहना है कि, पुलिस को जितनी भी सूचनाएं मिलती है, उस पर कार्रवाई की जाती है। पुलिस ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान भी चला रही है। लगातार कार्रवाई भी जारी है।