छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के बुजुर्ग आदिवासियों की जबरन सर्जरी के मामले की जांच होगी। यह कहना है छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का। वहीं मरीजों की जांच करने दिल्ली से भी टीम पहुंची। दिल्ली से आए एक्सपर्ट्स का कहना है कि, करीब 14 मरीजों की रोशनी फिर आ सकती है। दैनिक भास्कर ने दंतेवाड़ा में आंखों की गलत सर्जरी के मामले में रिपोर्ट दिखाई थी। बुजुर्ग आदिवासियों के परिजनों ने बताया था कि उन्हें बिना जानकारी दिए जबरन आंखों की सर्जरी की गई। इसके बाद 17 मरीजों की आंखों की स्थिति खराब हो गई, अब हालात यह है कि सभी का गंभीर हालत में रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में इलाज चल रहा है। 2 लोगों को बर्खास्त किया गया- जायसवाल दैनिक भास्कर के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि इसके लिए टीम गठित की गई है। जांच की जा रही है, सभी पहलुओं को देखा जा रहा है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में एक डॉक्टर दो पैरामेडिकल स्टाफ को सस्पेंड किया जा चुका है। दो लोगों को बर्खास्त किए जाने की भी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री ने दी। दिल्ली के एक्सपर्ट्स ने जांच की
दंतेवाड़ा में हुए इस कांड के बाद ऑल इंडिया ऑप्थेल्मोलॉजिकल सोसायटी (AIOS) की ओर से गठित टीम के डॉक्टर्स दिल्ली से रायपुर आए। यहां इलाज करवा रहे 17 मरीजों की आंखों की जांच की गई। एक्सपर्ट्स ने जांच के बाद कहा कि, इनमें से 14 मरीजों की आंख की रोशनी आने की संभावना है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि, इसमें समय लग सकता है। वहीं बाकी 3 मरीजों की आंख में इन्फेक्शन ज्यादा होने की बात भी एक्सपर्ट्स कह रहे हैं। टीम में डॉ. उदय गाजीवाला (अध्यक्ष, एआईओएस एडवर्स इवेंट्स रिपोर्टिंग कमेटी), डॉ. अरविंद कुमार मोर्या (राष्ट्रीय संयोजक, एआईओएस एडवर्स इवेंट्स रिपोर्टिंग समिति), डॉ. प्रशांत केशाओ बावनकुले (शैक्षणिक एवं अनुसंधान समिति एआईओएस एवं रेटिना विशेषज्ञ) ने मरीजों का हाल जाना। ये है पूरा मामला
22 अक्टूबर को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 20 से ज्यादा लोगों का ऑपरेशन हुआ था। सर्जरी के बाद कुछ लोगों को आंख में खुजली, दर्द और ना दिखने की शिकायत हुई। 28 अक्टूबर को जारी बुलेटिन के मुताबिक, मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 12 मरीज दंतेवाड़ा से रेफर किए गए। हालांकि इसके बाद 5 मरीज और रायपुर रेफर हुए। इन मरीजों के आंखों में संक्रमण को देखते हुए विभाग के रेटिना यूनिट के डॉ. अमृता वर्मा, डॉ. संगीता ठाकुर और डॉ. प्रांजल मिश्रा ने मरीजों की जांच की। इंट्राविकट्रीयल इंजेक्शन और विक्ट्रेक्टॉमी इलाज मरीजों को दिया गया है। परिजनों- मरीजों ने हैरान करने वाले बातें कही थीं
दंतेवाड़ा की 59 साल की सुको बाई के बेटे अजय ने बताया कि गांव की मितानिन मेरी मां को लेकर गई। आंखों की सर्जरी करवा डाली हम घर वालों को कुछ नहीं बताया गया। अब मां की हालत खराब है। एक अन्य मरीज हिरदई के बेटे पतिराम नाग ने कहा कि, ऑपरेशन से पहले मेरी मां बिल्कुल ठीक थी। ऑपरेशन के बाद अब इन्हें दिखाई नहीं दे रहा है। गांव की मितानिन इन्हें अस्पताल लेकर आईं थी, जिसकी जानकारी हमें भी नहीं थी। डॉक्टरों से लापरवाही हुई है, जिसका खामियाजा अब हमें उठाना पड़ रहा है।
—————————– ऑपरेशन में गड़बड़ी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… जिनको दिखाई देता था…उनका भी कर दिया ऑपरेशन:रायपुर में बेटा बोला- डॉक्टर्स भी नहीं बता पा रहे मां देख पाएगी या नहीं मेरी मां को गांव की मितानिन अपने साथ लेकर गई। हम घर वालों को कुछ नहीं बताया गया। आंखों की सर्जरी करवाकर मां को घर में छोड़ गए। दो दिन बाद मां की तबीयत बिगड़ गई। आंखों में इन्फेक्शन के कारण दिखाई देना बंद हो गया। कमाने वाला अपने परिवार में अकेला मैं ही हूं, त्योहार सिर पर है हम यहां पड़े हैं। ये बातें दंतेवाड़ा जिले के बींजाम गांव के अजय ने कही है। पढ़ें पूरी खबर