बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने मान लिया है कि शेख हसीना को सत्ता से हटाने के लिए साजिश रची गई थी। अमेरिका में क्लिंटन ग्लोबल इनिशिएटिव की मीटिंग को संबोधित करते हुए यूनुस ने बांग्लादेश के छात्र नेताओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि वे लोग बांग्लादेश का नया रूप तैयार कर रहे हैं। मीटिंग को संबोधित करते हुए यूनुस ने कहा, “यह प्रदर्शन बेहद अच्छे से प्लान किया एक आंदोलन था, जिसमें किसी एक शख्स लीडर बनाकर गिरफ्तार नहीं किया गया। इस वजह से पूरे देश के युवाओं को प्रेरणा मिली और यह आंदोलन और भी शक्तिशाली बन गया।” इसके बाद यूनुस ने मीटिंग में अपने असिस्टेंट महफूज आलम का परिचय देते हुए कहा कि इसके लिए हम दोनों जिम्मेदार थे। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, चीफ एडवाइजर ने कहा कि अगर आप इन स्टूडेंट लीडर्स के चेहरों को देखेंगे तो ये आम युवाओं की तरह देखेंगे। लेकिन जब ये बोलना शुरू करेंगे तो आप कांप जाएंगे। इन्होंने अपने भाषणों और अपने समर्पण से पूरे देश को हिलाकर रख दिया।” यूनुस बोले- आंदोलन के पीछे मेरे असिस्टेंट महफूज का दिमाग
यूनुस ने कहा, “पूरे आंदोलन के पीछे महफूज का दिमाग था। हालांकि, वह इस बात को नकारता रहता है, लेकिन इसी तरह से उसे पहचान मिली है। यह आंदोलन अचानक से नहीं शुरू हुआ। इसे पूरे अहतियात के साथ डिजाइन किया गया था। आंदोलन की लीडरशिप भी इसी के तहत तैयार की गई थी। किसी को नहीं पता कि यह लीडर कौन था।” इसके बाद युनूस ने सभी छात्र नेताओं के लिए तालियां बजवाईं और आगे के लिए शुभकामनाएं दीं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीफ एडवाइजर ने शेख हसीना की सरकार के दौरान छात्र नेताओं पर हुए हमलों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये नेता गोलीबारी के बावजूद पूरी बहादुरी के साथ खड़े रहे। यूनुस के इस भाषण के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन उनके बगल में मौजूद थे। शेख हसीना ने 5 अगस्त को दिया था इस्तीफा
बांग्लादेश में हिंसा के बाद पूर्व PM शेख हसीना 5 अगस्त को भारत आ गई थीं। उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 22 अगस्त को अंतरिम सरकार ने हसीना और उनके परिवार के लोगों के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिए थे। इसके बाद 8 अगस्त को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ था। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को इस सरकार का चीफ एडवाइजर बनाया गया था। हिंसा में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार मे स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रमुख नूरजहां बेगम ने 29 अगस्त को बताया था कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों में 1 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। वहीं 400 से ज्यादा लोगों के आंखों की रोशनी चली गई। कई की एक तो कई की दोनों आंखों की रोशनी चली गई है। बांग्लादेश में 16 जुलाई 2024 को सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुआ था। ये 1971 के बाद शुरू हुआ देश में सबसे बड़ा सरकार विरोधी प्रदर्शन था। यह खबर भी पढ़ें… कौन हैं हसीना सरकार गिराने वाले 3 स्टूडेंट लीडर:बेहोशी के इंजेक्शन, लोहे की रॉड से पिटाई झेली; जनआंदोलन कर प्रधानमंत्री से देश छुड़वाया 5 अगस्त को 45 दिन बाद शेख हसीना दोबारा भारत पहुंचीं। इससे पहले 21 जून को जब वे भारत आई थीं तो PM मोदी ने उन्हें रेड कार्पेट वेलकम दिया था। इस बार की कहानी कुछ अलग है। हसीना भारत आईं तो जरूर, लेकिन PM पद से इस्तीफे के बाद। उस वक्त जब बांग्लादेश के प्रधानमंत्री कार्यालय पर प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों का कब्जा है। पूरी खबर पढ़ें…