23.7 C
Bhilai
Sunday, December 22, 2024

‘रवीना टंडन’ के हनी-ट्रैप में फंसे कारोबारी-अफसर:सेक्स वीडियो बनाकर करते थे ब्लैकमेल; टिफिन संचालक ने बनाया सिंडिकेट, इसमें वकील-पत्रकार, नेता भी शामिल

अकेलेपन से जूझ रहे बलौदाबाजार के एक रिटायर्ड बैंक अफसर को साथी की तलाश थी। एक परिचित ने उनको एक युवती से मिलवाया। पहली ही मुलाकात में युवती ने अफसर से कहा- आप इस एज में भी काफी हैंडसम हैं। फिर एक होटल में ले गई। अफसर को लगा कि जिस साथी की तलाश थी, वह मिल गई है। कुछ दिन बाद मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। उन्हें एक वीडियो भेजा, जिसमें अफसर कमरे में युवती के साथ दिखाई दिए। इसके बाद 15 लाख रुपए वसूल लिए गए। पुलिस ने इस मामले में 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में सेक्स वर्कर और दलाल के साथ ही वकील, पुलिस वाला, पत्रकार, व्यवसायी और पूर्व विधायक का प्रतिनिधि भी शामिल है। जबकि एक महिला आरोपी अभी फरार है। इन आरोपियों के चक्कर में कई व्यापारी और अफसर फंसे हैं। हनी ट्रैप का ये सिंडिकेट कैसे चलता था? कौन-कौन इसमें शामिल था? ​​​​​​पढ़िए छत्तीसगढ़ के सबसे चर्चित रवीना टंडन हनी ट्रैप की कहानी…… टिफिन संचालक ने बनाया सेक्सटॉर्शन का सिंडिकेट लक्ष्मीकांत केशरवानी टिफिन सेंटर का संचालन करता था। इस दौरान वह कुछ बड़े लोगों के संपर्क में आया। उन्हें फंसाने के लिए अपने टिफिन सेंटर में ऐसी लड़कियों को काम दिया जो मजबूर थीं। इस दौरान उसका संपर्क प्रत्यूष उर्फ मोंटी मरैया से हुआ। प्रत्यूष की पत्नी दुर्गा टंडन कॉल गर्ल रैकेट चलाती थी। लड़कियों को भेजकर जब धंधा चलने लगा तो इसे बढ़ाने के लिए लक्ष्मीकांत ने अपने साथ बाकी आरोपियों को भी जोड़ा। उनकी मदद से सैक्स रैकेट का धंधा सेक्सटॉर्शन में बदल गया। बताया जा रहा है कि इनके चक्कर में फंसकर एक डॉक्टर की भी संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। गिरोह के टारगेट में कौन? जानिए कैसे गिरफ्त में आए शातिर… बलौदाबाजार एडिशनल एसपी अभिषेक सिंह को सूचना मिली कि शहर के कुछ व्यापारियों को ब्लैकमेल कर के रुपयों की वसूली की जा रही है। इसी समय हनी ट्रैप के सिंडिकेट में पैसों को लेकर विवाद शुरू हुआ। बात बढ़ी तो पुलिस तक जा पहुंची। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने लोगों से अपील की। कहा गया कि जो भी लोग धोखाधड़ी और हनी ट्रैप का शिकार हुए हैं, वो सामने आएं। उनके नाम गुप्त रखे जाएंगे। इसके बाद 5 लोग पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस ने खुद आरोपियों पर FIR दर्ज की। जो लोग सामने आए, उनमें रिटायर्ड बैंक अफसर, सरकारी कर्मचारी और व्यापारी शामिल हैं। इसके बाद पुलिस ने वकील महान मिश्रा को गिरफ्तार किया। बाकी आरोपी भाग निकले थे। पूछताछ में सामने आया कि हनी ट्रैप का जाल कोरोना काल से चल रहा था। जिसे सरकारी गवाह बनाया, वही निकला मास्टरमाइंड हनी ट्रैप से जुड़ी कई जानकारियां लक्ष्मीकांत केशरवानी पुलिस को दे रहा था। इस पर पुलिस ने उसे सरकारी गवाह बना लिया। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद और जांच में पता चला कि आरोपी लक्ष्मीकांत ही इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड है। आरोपी लक्ष्मीकांत ही शहर में घूमकर आशिक मिजाज पैसे वालों की जानकारी दलाल प्रत्युष मरैया और दुर्गा टंडन को देता था। ये गिरोह ऐसे लोगों की तलाश करता, जिनके पास ब्लैकमेलर्स को देने के लिए रकम हो, अकेलपन से जूझ रहे हों, सिंगल हो या फिर जो आसानी से झांसे में आ जाएं। लक्ष्मीकांत इनसे मिलकर लड़कियां दिलाने का वादा करता था। इसके बाद कॉल गर्ल रवीना टंडन, पुष्पमाला फेंकर और हीराकली को व्यापारियों और सरकारी अधिकारियों तक भेजा करते थे। इन दोनों के अलावा भी कई कॉल गर्ल्स इनके संपर्क में थी। पूर्व विधायक के प्रतिनिधि ने अपने ही रिश्तेदार को फंसाया जानकारी के मुताबिक पीड़ितों में एक शिरीष पांडे का रिश्तेदार भी है। जिसे शिरीष ने खुद फंसाया था। वहीं आशीष शुक्ला वीडियो दिखाकर वसूली करने जाता था। अगर कोई पुलिस के पास जाता भी तो उसे हेड कॉन्स्टेबल अंजोर सिंह मांझी धमकी देता। अब तक 5 FIR, 52 लाख रुपए वसूले गए सेक्सटॉर्शन के इस मामले में सिटी कोतवाली पुलिस अब तक 5 FIR दर्ज कर चुकी है। कबाड़ी, व्यवसायी, अफसर, कर्मचारियों से 52 लाख रुपए वसूले जाने की जानकारी अब तक मिली है। पहले चार FIR में पुलिस, नेता, वकील और कथित पत्रकारों की वसूली में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस सिंडिकेट में कई और लोग जुड़े हुए हैं। इनमें पत्रकार, जनप्रतिनिधि और पुलिस वाले शामिल है। कॉल डिटेल और अकाउंट की डिटेल से कई और अहम खुलासे हो सकते हैं। एडिशनल एसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारी हो सकती हैं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles