27.1 C
Bhilai
Monday, October 14, 2024

रायपुर के डॉक्टर से 89 लाख की ठगी:ठग ने 40% मुनाफे के झांसा दिया, किस्तों में पैसे इनवेस्ट कराए फिर फोन उठाना बंद

रायपुर जिले में एक डॉक्टर से करीब 89 लाख की ऑनलाइन ठगी हो गई। आरोपियों ने गेमिंग कंपनी में इनवेस्ट करने पर 40 प्रतिशत मुनाफा देने का झांसा दिया। इसके बाद ठगों ने 88 लाख 75 हजार रुपए ऐंठ लिए। आरोपियों ने 40 से ज्यादा किश्तों में डॉक्टर से पैसे लिए और फिर उसकी मूल रकम भी नहीं लौटाई। डॉक्टर ने आरोपी ठगों के खिलाफ खम्हारडीह थाने में शिकायत दर्ज कराई है। टेलीग्राम से कनेक्ट हुए फिर जाल में फंसाया खम्हारडीह थाना प्रभारी नरेंद्र मिश्रा के मुताबिक, डॉक्टर डॉ. अषित कुमार ने शिकायत की है कि, आरोपियों से टेलीग्राम चैनल से संपर्क हुआ था। आरोपियों ने ऑनलाइन रॉयल गेमिंग कंपनी में पैसा लगाने पर बडा मुनाफा देने की बात कही थी। आरोपियों ने कम इनवेस्टमेंट पर ज्यादा मुनाफा दिलाने का लालच दिया, तो डॉक्टर ने उनके बताए खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए। समय पूरा होने पर जब डॉक्टर ने पैसे मांगे, तो आरोपियों ने और इनवेस्टमेंट करने के लिए कहा। डॉक्टर ने आरोपियों की बात नहीं मानी, तो आरोपियों ने उसका फोन उठाना बंद कर दिया। 4 महीने पहले भी एक डॉक्टर हुआ था शिकार रायपुर में मई 2024 में भी एक डॉक्टर के साथ 2 करोड़ 92 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हुई। डॉक्टर ने फेसबुक पर विज्ञापन देख बड़े मुनाफे की लालच में ऐप के जरिए इन्वेस्ट किया था। शातिर ठगों ने वर्चुअली मोटी रकम दिखाकर कमीशन के नाम पर 25 से 30 बार में रुपए वसूल लिए। मामला पंडरी थाना क्षेत्र का है। ठगों के टारगेट ग्रुप ठगी का शिकार होने पर कहां करें शिकायत साइबर क्राइम के मामले में शिकार होने पर सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल से संपर्क करें। वहां अपनी शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा भी अपनी शिकायत सरकार और पुलिस तक पहुंचा सकते हैं। इसके 2 तरीके हैं- साइबर फ्रॉड को रोकने चौतरफा कवायद सायबर फ्रॉड को रोकने के लिए केंद्र सरकार पहली बार केंद्रीय दूरसंचार, गृह और छत्तीसगढ़ गृह मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रही है। केंद्र सरकार की ओर से ही अप्रैल 2024 में रिपोर्ट जारी कर बंद किए मोबाइल नंबरों की जानकारी दी गई है। इसमें सबसे पहले ऐसे मोबाइल नंबरों की जांच की गई जिसमें हैवी ट्रांजेक्शन यानी ऑनलाइन वित्तीय लेन-देन हुआ है। इन नंबरों की जांच की गई तो पता चला​ कि ऐसे सिम छत्तीसगढ़ से जारी हुए, लेकिन उसका उपयोग दूसरे राज्यों में हुआ। इसी तरह फर्जी दस्तावेजों से हजारों सिम इश्यू कराए गए। केंद्र सरकार की जांच रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया कि छत्तीसगढ़ में राजधानी सहित राज्य के अन्य जिलों में आसानी से सिम इश्यू हो रहे हैं। इस रिपोर्ट के बाद ही मोबाइल कंपनियां और पुलिस अलर्ट हुई हैं। 9 सिम से ज्यादा ले चुके हैं सैकड़ों लोग एक व्यक्ति अपने नाम से 9 मोबाइल सिम कार्ड खरीद सकता है। इससे ज्यादा सिम उसे अलॉट नहीं हो सकते लेकिन यहां के सैकड़ों मोबाइल सिम ऐसे लोगों के नाम से जारी हो चुके हैं जिन्होंने 9 से ज्यादा सिम कार्ड खरीद लिए हैं। ऑनलाइन सिम कार्ड की एंट्री होने के बावजूद लोगों ने यह कैसे कर लिया इसकी भी जांच की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि केवल रायपुर में ऐसे लोगों की संख्या सैकड़ों में है। रोज 5 शिकायतें लेकिन FIR नहीं हो रही राजधानी में औसतन रोजाना ऑनलाइन ठगी की चार-पांच शिकायतें थानों और आला अफसरों तक पहुंच रही हैं। ज्यादातर केस में पीड़ितों की गलती होती है इस वजह से पुलिस केस दर्ज नहीं करती। कई मामलों में पीड़ित ठगी के सभी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा पाते। कई मामलों में पुलिस ही एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी करती है। इस वजह से सभी शिकायतों में केस दर्ज नहीं हो रहे हैं। अब चक्षु एप लॉन्च फर्जी मोबाइल नंबरों से साइबर क्राइम को रोकने सरकार ने चक्षु एप लॉन्च किया है। अगस्त 2012 से दिसंबर 2023 तक सिम की केवाईसी के लिए फिजिकल तरीके से दस्तावेजों को जमा करने की सहूलियत थी, लेकिन बढ़ते साइबर क्राइम के बाद अब इसे खत्म कर दिया गया है। अब दस्तावेज पूरी तरह से ऑनलाइन ही जमा हो रहे हैं। 1 दिसंबर 2023 से लागू नियमों के अनुसार सिम कार्ड की थोक बिक्री में प्रतिबंध लगाने के साथ ही पीओएस फ्रेंचाइजी के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन और सिम कार्ड डीलरों का पुलिस वैरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि इसके बाद भी फर्जी दस्तावेजों से सिम इश्यू हो जा रहे हैं। इस तरह बचे साइबर ठगों से

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles