विदेश मंत्री एस जयशंकर 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान जाएंगे। वे इस्लामाबाद में SCO के हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार (4 अक्टूबर) को इसकी जानकारी दी। यह पिछले 9 साल में पहली बार होगा जब भारत का कोई मंत्री पाकिस्तान जाएगा। विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जायसवाल से सवाल किया गया कि क्या जयशंकर की यात्रा भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने की कोशिश है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि भारत SCO चार्टर को लेकर प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री की यात्रा का यही कारण है। इसका कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। दरअसल, पाकिस्तान ने 29 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को SCO मीटिंग के लिए न्योता दिया था। पाकिस्तान की विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था कि बैठक में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है। पाकिस्तान की तरफ से न्योता आने के बाद 30 अगस्त को जयशंकर दोनों देशों के रिश्ते पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- पाकिस्तान से बातचीत का दौर खत्म हो चुका है। हर चीज का समय होता है, हर काम अंजाम तक पहुंचता है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हट चुका है, मुद्दा खत्म हो चुका है। अब हम पाकिस्तान से किसी रिश्ते पर क्यों विचार करें। आखिरी बार सुषमा स्वराज गई थीं पाकिस्तान
प्रधानमंत्री मोदी आखिरी बार साल 2015 में एक सरप्राइज विजिट पर लाहौर पहुंचे थे। तब उन्होंने पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। इसके बाद दिसंबर 2015 में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी पाकिस्तान दौरे पर गई थीं। उनके इस दौरे के बाद से भारत के किसी भी प्रधानमंत्री या मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है। उरी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़ा तनाव
2016 में भारतीय जवानों के वेश में 4 आतंकी उरी में भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर में घुस गए थे। 3 मिनट के अंदर आतंकियों ने 15 से ज्यादा ग्रेनेड कैंप पर फेंके थे। इस हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे। हमले का जवाब देने के लिए 28-29 सितंबर की रात भारतीय सेना ने PoK में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी थी। तड़के तक ऑपरेशन पूरा कर भारतीय सेना वापस लौट आई। इस हमले में 38 आतंकी मारे गए थे। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया था। भारत में पाकिस्तानी कलाकारों और उनकी फिल्मों को भी बॉयकॉट किया जाने लगा था। भारतीय क्रिकेट टीम भी आखिरी बार 2008 में मैच खेलने पाकिस्तान गई थी। 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई हाई-लेवल बैठक नहीं हुई है। SCO के समिट में भी शामिल नहीं हुए थे PM मोदी
इस साल 3-4 जुलाई को कजाकिस्तान में हुए SCO समिट में PM मोदी शामिल नहीं हुए थे। उनकी जगह विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। पिछले साल किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक ने SCO की CHG बैठक होस्ट की थी। इसमें भी PM मोदी नहीं जा पाए थे। उनकी जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए थे। भारत ने पिछले साल वर्चुअल मोड में 4 जुलाई को SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऑनलाइन हिस्सा लिया था। पिछले साल SCO के लिए ही भारत आए थे बिलावल
इससे पहले मई 2023 में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए भारत आए थे। तब एक वीडियो मैसेज में भुट्टो ने कहा था कि इस बैठक में हिस्सा लेने का मेरा फैसला यह दिखाता है कि पाकिस्तान के लिए SCO कितना अहम है। बिलावल का यह दौरा 12 सालों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री का पहला दौरा था। 1 फीट दूरी पर बैठे थे दोनों देशों के विदेश मंत्री
जुलाई 2022 की मीटिंग में SCO के सभी आठ सदस्य देशों के फॉरेन मिनिस्टर मौजूद थे। जयशंकर ने समिट से इतर 7 देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की, लेकिन बिलावल को नजरअंदाज कर दिया था। जब उज्बेक राष्ट्रपति ने सभी विदेश मंत्रियों के लिए डिनर होस्ट किया, तब बिलावल और जयशंकर अलग-अलग बैठे। जयशंकर ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री को छोड़कर सभी से बातचीत की। ग्रुप फोटो के दौरान भी दोनों के बीच 5 फीट से ज्यादा फासला नहीं था। यहां सभी विदेश मंत्रियों ने हाथ मिलाए, लेकिन जयशंकर और बिलावल अलग-अलग ही खड़े रहे। ————————————– पिछले साल SCO के लिए बिलावल भुट्टो भारत आए थे। उन्होंने भारत पर क्या कहा था, डिटेल में पढ़ें… SCO बैठक के बाद जयशंकर बोले- बिलावल आतंकवाद के प्रवक्ता:पाक विदेश मंत्री ने कहा था- भारत ने 370 हटाकर बातचीत के रास्ते बंद किए पिछले साल 4 मई को गोवा में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की भी मुलाकात हुई थी। मीटिंग के दौरान एस जयशंकर ने नमस्ते किया तो बिलावल ने भी हाथ जोड़े थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिलावल भुट्टो के बारे में पूछे गए सवाल पर जयशंकर ने कहा था, ‘SCO सदस्य के विदेश मंत्री के तौर पर उन्हें बाकी सदस्यों की तरह ट्रीटमेंट मिला, लेकिन आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले और टेररिज्म इंडस्ट्री के प्रवक्ता की तरह बर्ताव करने वाले के तौर पर उनके तर्कों काे हमने खारिज कर दिया।’ पूरी खबर पढ़ें…