शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने हिन्दू राष्ट्र पर बिलासपुर में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी और भाजपा ने ये कभी नहीं कहा कि वो हिन्दू राष्ट्र बनाएंगे। अब रामजी ने मोदी का भट्ठा ही बैठा दिया। श्रीगोवर्धनमठ पुरी के पीठाधीश्वर जगदगुरु 3 दिन के बिलासपुर दौरे पर हैं। यहां उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि, मर्यादा की सीमा में महत्वाकांक्षा की पूर्ति होनी चाहिए। नहीं तो वो महत्वाकांक्षा ही व्यक्ति का भट्ठा बैठा देती है, उसी का शिकार प्रधानमंत्री हो गए। राजनेता क्रिश्चियन तंत्र को लाभ पहुंचाते हैं धर्मांतरण को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि तालिबान शासन काल में चार मुसलमानों को क्रिश्चियन बना रहे थे, तब तालिबान सरकार ने उन्हें फांसी की सजा दे दी। लेकिन यहां, राजनेता गरीबी पालते हैं और क्रिश्चियन तंत्र को लाभ पहुंचाते हैं, इसलिए धर्मांतरण के लिए राजनेता दोषी हैं। उनको जेल मिलनी चाहिए और बन सके तो फांसी की सजा मिलनी चाहिए। पहले कहते थे मोदी की गारंटी, अब कहना भूल गए शंकराचार्य ने कहा कि, प्रधानमंत्री दाढ़ी रखे हैं, वे खुद को सबसे बड़ा संत मानते और खुद को वो किसी से कमजोर नहीं मानते। पहले वे जोर से कहते थे मोदी की गारंटी। अब नीतीश और नायडू के सहारे चल रहे और कहना भूल गए मोदी की गारंटी। इस प्रकार से अस्त हो गए, इसलिए मर्यादा का अतिक्रमण करके काम नहीं करना चाहिए। रामजी वनवास के संदर्भ में अयोध्या से चित्रकूट गए, नासिक गए, रामेश्वरम गए। बीच के मार्ग का भी अनुसंधान कीजिए, सब जगह भाजपा हार गई। शंकाराचार्य किसी पार्टी के नहीं होते शंकराचार्यों के कांग्रेसी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आकाश को नीला कहते हैं, लेकिन आकाश नीला है क्या, आकाश का रूप वायुरूपी है। शंकराचार्य भाजपा काल में कांग्रेसी कहे जाते हैं और कांग्रेस काल में भाजपाई कहे जाते हैं। सच्चाई ये है कि शंकराचार्य किसी के पक्षधर नहीं होते, इसको जो भी लांछित करेगा वह खुद भी लांछित हो जाएगा। 3 दिन पहले अंबिकापुर में कहा था- मोदी गौ-हत्या के एजेंट हो गए 27 और 28 सितंबर को निश्चलानंद अंबिकापुर दौरे पर थे। यहां भी उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को जमकर घेरा था। उन्होंने कहा कि गौ-रक्षा के लिए आए मोदी, गौ-हत्या के एजेंट हो गए हैं। गौ-रक्षा के नाम पर प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री बनने के बाद वे गौ रक्षकों को गुंडा कहते हैं। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे, लेकिन मर्यादा का ज्ञान नहीं रखते हैं। पढ़ें पूरी खबर…