28.5 C
Bhilai
Saturday, February 15, 2025

साउथ कोरिया में राष्ट्रपति को हटाने के लिए महाभियोग शुरू:इमरजेंसी लगाने पर विपक्ष का एक्शन, सत्ताधारी पार्टी से 8 वोटों की जरूरत

साउथ कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक-योल को हटाने के लिए महाभियोग पर वोटिंग शुरू हो गई है। राष्ट्रपति यून ने 3 दिसंबर को विपक्षी पार्टी पर नॉर्थ कोरिया से सांठगांठ करने और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया था। इसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए विपक्ष उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लेकर आया था। राष्ट्रपति यून को पद से हटाने के लिए 200 वोटों की जरूरत होगी। विपक्षी पार्टियों के पास 192 सांसद हैं यानी कि सत्ताधारी पार्टी से भी 8 वोट चाहिए। हालांकि शनिवार को महाभियोग पर वोटिंग से पहले सत्ताधारी पार्टी के 108 सांसदों में से 107 ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इनमें से 3 सांसद वापस आ गए हैं। दूसरी तरफ संसद के बाहर भीड़ सत्ताधारी पार्टी के सांसदों को वापस सदन में जाने के लिए नारे लगा रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक सदन में वोटिंग की प्रोसेस को थोड़ा धीमा कर दिया गया है। दरअसल, स्पीकर को उम्मीद है कि राष्ट्रपति के खिलाफ वोट देने के लिए सत्ताधारी पार्टी के कुछ और सांसद लौट सकते हैं। इस बीच विपक्षी नेताओं ने कहा है कि अगर आज महाभियोग प्रस्ताव फेल हो जाता है, तो वे बुधवार को इसे फिर से पेश करेंगे। राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ के लिए सिर झुकाकर माफी मांगी वहीं राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मार्शल लॉ लगाने के लिए देश से माफी मांगी है। उन्होंने लाइव टीवी पर सिर झुकाकर जनता के सामने मार्शल लॉ लगाए जाने को गलत कहा। हालांकि उन्होंने इस्तीफे की घोषणा नहीं की। अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा- मैंने राजनीतिक या कानूनी वजहों से मार्शल लॉ लगाने का फैसला नहीं लिया बल्कि यह फैसला हताशा में लिया गया था। राष्ट्रपति की पत्नी से जुड़े मामले पर भी वोटिंग
साउथ कोरिया की सदन में राष्ट्रपति पर महाभियोग के अलावा उनकी पत्नी के भ्रष्टाचार से जुड़े मामले पर भी वोटिंग जारी है। दरअसल साउथ कोरिया की फर्स्ट लेडी पर आरोप है कि उन्होंने 13 साल पहले कोरियन शेयर मार्केट में स्‍टॉक की कीमतों में हेरफेर कराई थी। अब विपक्ष इस मामले में जांच के लिए अलग प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति चाहता है जिसके लिए वोटिंग हो रही है। साउथ कोरिया संसद में महाभियोग से जुड़ी फुटेज… संसद के बाहर हजारों नागरिक राष्ट्रपति से पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं… VIDEO राष्ट्रपति के पद छोड़ने पर 60 दिन में चुनाव कराना जरूरी अगर यून मई 2027 में अपने पांच साल का कार्यकाल खत्म होने से पहले पद छोड़ते हैं, तो संविधान के मुताबिक, 60 दिनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना जरूरी होगा। संसद में महाभियोग प्रस्ताव पास होने पर यून के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा। जहां 9 में से 6 के जजों के वोट से प्रस्ताव साबित हो जाएगा। फिलहाल साउथ कोरिया की कोर्ट में सिर्फ 6 जज हैं, इस वजह से यह साफ नहीं है कि 7 जजों के बिना ये मुकदमा चलेगा या नहीं। राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाया, विरोध के बाद 6 घंटे में हटाया साउथ कोरिया में राजनीतिक संकट तब शुरू हुआ जब राष्ट्रपति ने 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की। इसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन होने लगे थे और अराजकता की स्थिति पैदा हो गई। इसी बीच देश की नेशनल असेंबली में मौजूद 190 सांसदों ने सर्वसम्मति से इस फैसले पलट दिया, जिसके बाद राष्ट्रपति मार्शल लॉ को हटाने का वादा किया था। 6 घंटे बाद (रात 1 बजे) ही दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ हटा दिया गया। मार्शल लॉ के आदेश को हटाने के कुछ घंटों बाद ही दक्षिण कोरिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति यून सुक योल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। साउथ कोरिया के 6 विपक्षी पार्टियों ने मिलकर बुधवार को राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है। राष्ट्रपति योल को मार्शल लॉ लगाने की जरूरत क्यों पड़ी? दक्षिण कोरिया की संसद में कुल 300 सीटें हैं। इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में जनता ने विपक्षी पार्टी DPK को भारी जनादेश दिया था। सत्ताधारी पीपल पावर को सिर्फ 108 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी पार्टी DPK को 170 सीटें मिलीं। बहुमत में होने की वजह से विपक्षी DPK, राष्ट्रपति सरकार के कामकाज में ज्यादा दखल दे रही थी, और वे अपने एजेंडे के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे। राष्ट्रपति योल ने 2022 में मामूली अंतर से चुनाव जीता था। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता घटती चली गई। उनकी पत्नी के कई विवादों में फंसने की वजह से भी उनकी इमेज पर असर पड़ा। फिलहाल राष्ट्रपति की लोकप्रियता 17% के करीब है, जो कि देश के तमाम राष्ट्रपतियों में सबसे कम है। इन सबसे निपटने के लिए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगा दिया। पत्नी की वजह से राष्ट्रपति की छवि को नुकसान हुआ पत्‍नी और फर्स्ट लेडी किम कियोन के एक लग्जरी ब्रैंड का बैग गिफ्ट लेने की वजह से राष्ट्रपति की साख में बट्टा लग गया। दरअसल इस साल की शुरुआत में एक यूट्यूबर ने वीडियो लीक कर दिया जिसमें राष्ट्रपति की पत्नी को एक पादरी से महंगा गिफ्ट लेते हुए दिख रही थीं। इस वीडियो को स्पाई कैमरा से फिल्माया गया था। यह बैग क्रिस्टियन डायर कंपनी का था, जिसकी कीमत 2 लाख भारतीय रुपए बताई जाती है। इतना महंगा गिफ्ट लेने पर देश में उनकी आलोचना होने लगी। साउथ कोरिया में किसी भी सार्वजनिक पद पर बैठे शख्स (परिवार भी शामिल) के लिए 1 मिलियन कोरियन वॉन (60 हजार रुपए) से ज्यादा का गिफ्ट लेना गैरकानूनी है। इसके बाद राष्ट्रपति यून को राष्ट्रीय टेलीविजन पर माफी मांगनी पड़ी। हालांकि उन्होंने इसकी जांच कराने से मना कर दिया। ————————————– साउथ कोरिया से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… ​​​साउथ कोरिया में राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाया:सेना संसद घेरने पहुंची, लेकिन तब तक सांसद वोटिंग कर चुके थे; 6 घंटे में वापस लेना पड़ा साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने देश में मार्शल लॉ लगाने का आदेश वापस ले लिया है। राष्ट्रपति ने 3 दिसंबर की शाम 7 बजे (भारतीय समय के मुताबिक) मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी, जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन होने लगे थे और अराजकता की स्थिति पैदा हो गई थी। यहां पढ़ें पूरी खबर…

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles