13 नवंबर से स्पेन के बार्सिलोना में शुरू होने जा रही वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में सबसे ज्यादा चर्चा नॉर्वे की रोया करीमी की है। इसकी वजह है कि वो मूल रूप से अफगानिस्तान से हैं और एक बेटे की मां हैं। 30 साल की उम्र में रोया करीमी यूरोप की टॉप बॉडीबिल्डर्स में से एक हैं। यूरोपियन चैंपियनशिप जीतकर वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया रोया ने अप्रैल में ही स्टोपेरिएट ओपन बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता में वेलनेस कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता था। इस कैटेगरी में मांसपेशियों के बजाय स्वाभाविक फिटनेस, हेल्दी लुक और सादगी भरे लुक को प्रायोरिटी दी जाती है। इसके तुरंत बाद उन्होंने नॉर्वे क्लासिक 2025 में जीत हासिल की। इसमें पूरे स्कैंडिनेविया के एथलीटों का जमावड़ा होता है। उन्होंने यूरोपियन चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और वहीं से वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया। 14 की उम्र में शादी, 15 में मां बन गईं रोया करीमी का जन्म अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुआ। उनका परिवार, उस दौर के कई अफगान परिवारों की तरह, रूढ़िवादी और सख्त नियमों वाला था। जब वह महज 14 साल की थीं, तब उनकी शादी कर दी गई। अगले ही साल, 15 साल की उम्र में, वह मां बन गईं। अफगानिस्तान से भागकर पहुंची नॉर्वे 2011 में, अफगानिस्तान में तालिबान का शासन नहीं था, लेकिन महिलाओं को अभी भी कई तरह की चुनौतियों और खतरों का सामना करना पड़ता था। उस समय भी महिलाओं के अधिकार सीमित थे और उन्हें सामाजिक/सांस्कृतिक रूप से कई पाबंदियों का सामना करना पड़ता था।ऐसे में, रोया ने अपने बेटे को साथ लिया और अफगानिस्तान से दूर जाने का फैसला किया। उन्हें यूरोप के देश नॉर्वे में शरण मिली। नर्सिंग की पढ़ाई कर जॉब शुरू की नॉर्वे में रहने के दौरान, रोया ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने नर्सिंग की पढ़ाई पूरी की और स्वास्थ्य सेवा में ही काम करना शुरू कर दिया। कई सालों तक उन्होंने एक नर्स के रूप में काम किया। एक इंटरव्यू में रोया ने बताया, कि वो नर्सिंग के बिजी शेड्यूल के बावजूद, अपनी दिनचर्या में व्यायाम, योग और दौड़ को जगह देती थीं। शुरू में यह सिर्फ एक शौक था। उनके लिए यह शारीरिक गतिविधि केवल वजन कम करने या फिट रहने के लिए नहीं थी। यह उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक सहारा बन गया था। जिम ने उन्हें धीरे-धीरे बॉडीबिल्डिंग की दुनिया की तरफ खींचा। कोच से लाइफ पार्टनर बने कमल जलालुद्दीन नॉर्वे में रोया की मुलाकात कमल जलालुद्दीन से हुई, जो खुद भी एक जाने-माने बॉडीबिल्डिंग कोच और एथलीट थे। कमल ने रोया की जबरदस्त लगन, डिसिप्लिन और कैपेसिटी को पहचाना। कमल ने रोया को मानसिक और भावनात्मक दोनों तरह से समर्थन दिया और बाद में दोनों ने शादी कर ली। हेल्थ करियर छोड़ पूरा ध्यान खेल पर दिया 2024 की शुरुआत में, रोया ने फैसला लिया कि नर्सिंग का करियर छोड़कर अपनी पूरी ताकत, समय और ध्यान प्रोफेशनल बॉडीबिल्डिंग पर लगाएंगी। रोया ने महज 18 महीने की कड़ी ट्रेनिंग में ही वह कर दिखाया जिसके लिए लोगों को सालों लग जाते हैं। बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर वो यूरोप के टॉप एथलीट्स की लिस्ट में शामिल हो गईं। उन्होंने भले ही नॉर्वे का प्रतिनिधित्व करते हुए यह उपलब्धि हासिल की, लेकिन उनकी पहचान हमेशा एक अफगान महिला की रही। ऐसे में इस जीत ने उन्हें दुनिया भर में अफगान महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल बना दिया। बिकिनी पहनने पर जान से मारने की धमकियां मिलीं रोया के अनुसार, ‘एक मुस्लिम देश से आई महिला के लिए बिकिनी पहनकर स्टेज पर खड़ा होना किसी जंग से कम नहीं था, भले ही वह खेल का हिस्सा हो। मुझे अपनी सफलता की भारी कीमत चुकानी पड़ी।’ जैसे ही रोया की बिकिनी पहने प्रतियोगिता की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं, अफगान और अन्य रूढ़िवादी समुदायों में एक हंगामा मच गया। लोगों ने उन्हें गैर-इस्लामी और संस्कृति को बर्बाद करने वाला कहना शुरू कर दिया। सबसे बड़ी आलोचना यह थी कि वह एक बाल वधू रह चुकी हैं और एक मां हैं, और इस तरह का प्रदर्शन उनकी इज्जत के खिलाफ है। आलोचना जल्द ही धमकियों में बदल गई। रोया ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि उन्हें ऑनलाइन माध्यमों से जान से मारने की गंभीर धमकियां मिल रही हैं। उन्हें कहा गया कि अगर वह अफगानिस्तान आईं तो उन्हें मार दिया जाएगा। रोया ने इन धमकियों के सामने झुकने से साफ मना कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘मैं अपनी पसंद के लिए माफी नहीं मांगूंगी। यह मेरा शरीर है, और इसे मजबूत बनाने का फैसला मेरा है। मुझे मिटाने की कोशिश करने वाली दुनिया में, मेरा हर सांस लेना एक विरोध है।’ दुनिया को फिटनेस के लिए अवेयर करना चाहती हैं रोया यूरोपियन चैंपियन बनने के बाद, अब रोया का अगला लक्ष्य विश्व मंच पर नॉर्वे का प्रतिनिधित्व करना और अफगानिस्तान की पहचान को मजबूत करना है। वह अपनी ट्रेनिंग के साथ-साथ कोचिंग भी कर रही हैं। उन्होंने पोषण (Nutrition) और फिटनेस में प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन लिया है और अब वह अपने अनुभव का इस्तेमाल करके अन्य लोगों को फिटनेस के सफर में मदद कर रही हैं। स्टोरी – उर्वशी मिश्रा ————— ये खबरें भी पढ़ें… डम्बहेड कहे जाने पर फातिमा बॉश ने मिस यूनिवर्स छोड़ा: डिस्लेक्सिया के चलते बुली हुईं, मिस मेक्सिको बनने पर भी हुआ था विवाद, जानें प्रोफाइल थाइलैंड में आयोजित मिस यूनिवर्स 2025 में कई कंटेस्टेंट्स इवेंट छोड़कर चली गई। दरअसल मिस यूनिवर्स थाइलैंड डायरेक्टर नवात इत्साराग्रिसिल ने मिस मेक्सिको फातिमा बॉश को डम्बहेड यानि बेवकूफ कह दिया। जिसके बाद फातिमा सहित कई कंटेस्टेंट्स इवेंट छोड़कर चली गई। पूरी खबर पढ़ें…
