केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे से ठीक 2 दिन पहले बीजापुर जिले में 103 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इनमें 49 नक्सलियों पर कुल 1 करोड़ 6 लाख 30 हजार रुपए का इनाम घोषित है। सरेंडर नक्सलियों में डिविजनल कमेटी मेंबर (DVCM), प्लाटून पार्टी कमेटी मेंबर (PPCM) और एरिया कमेटी मेंबर ACM जैसे बड़े कैडर के नक्सली शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक सिर्फ बीजापुर जिले में ही 1 जनवरी 2025 से अब तक 421 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं। 410 माओवादियों ने हथियार छोड़ दिया है। वहीं अलग-अलग मुठभेड़ में कुल 137 माओवादी मारे गए हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को 50-50 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी गई है। बीजापुर SP जितेंद्र यादव ने कहा कि अंदरूनी क्षेत्रों में कैंप की स्थापना के साथ सड़कों का विस्तार, परिवहन की सुविधा, पानी, बिजली और शासन की अन्य जनकल्याणकारी योजना ग्रामीणों तक पहुंचने लगी है। सुरक्षा बलों का ग्रामीणों के साथ सकारात्मक संवाद हो रहा है। सामुदायिक पुलिसिंग के तहत जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर और कई माओवादी नेताओं के मारे जाने या उनके आत्मसमर्पण करने के बाद इन लोगों ने वामपंथी उग्रवादी आंदोलन छोड़ने का फैसला किया। SP ने बताया कि माओवादियों के एक डिवीजनल कमेटी सदस्य लच्छू पुनेम उर्फ संतोष (36), गुड्डू फरसा (30), भीमा सोढ़ी (45), हिड़मे फरसा (26) और सुखमती ओयम (27), सभी प्लाटून पार्टी कमेटी के सदस्य हैं। प्रत्येक पर 8 लाख रुपए का इनाम था। इसके अलावा 4 नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपए का इनाम था। 15 कैडरों पर 2-2 लाख रुपए का इनाम था। 10 पर 1-1 लाख रुपए का इनाम था। 12 कैडरों पर 50-50 हजार रुपए का इनाम था और 3 पर 10-10 लाख रुपए का इनाम था। SP के अनुसार आत्मसमर्पण करने वालों में माओवादियों के आरपीसी (क्रांतिकारी पार्टी समिति) सदस्यों की संख्या ज्यादा है। 4 अक्टूबर को आ रहे शाह 4 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बस्तर दौरे पर आएंगे। वे जगदलपुर में बस्तर दशहरा की मुरिया दरबार रस्म और लाल बाग मैदान में आयोजित स्वदेशी मेला में शामिल होंगे। अमित शाह के दौरे को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। पहले 71 नक्सलियों ने किया था सरेंडर बता दें कि इससे पहले दंतेवाड़ा जिले में लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर कुल 71 नक्सलियों ने सरेंडर किया था। इनमें 21 महिला और 50 पुरुष नक्सली शामिल थे। 30 नक्सलियों पर 64 लाख रुपए का इनाम घोषित था। सरेंडर करने वालों में डिवीजन कमेटी मेंबर (DVCM) और एरिया कमेटी मेंबर (ACM) रैंक के नक्सली हैं। कई नक्सली ऐसे थे, जो कई बड़ी मुठभेड़ों में भी शामिल रहे हैं। क्या है लोन वर्राटू अभियान लोन वर्राटू का मतलब होता है घर वापस आइए। इस अभियान के तहत दंतेवाड़ा पुलिस अपने जिलों के ऐसे युवाओं को पुनर्वास करने और समाज की मुख्य धारा में लौटने का संदेश देती है, जो नक्सलियों के साथ हो गए हैं। पुलिस की इस योजना के तहत गांवों में उस इलाके के नक्सलियों की सूची लगाई जाती है। उनसे घर वापस लौटने की अपील की जाती है। उन्हें पुनर्वास योजना के तहत कृषि उपकरण, वाहन और आजीविका के दूसरे साधन दिए जाते हैं, जिससे वे नक्सल विचारधारा को छोड़कर जीवन यापन कर सकें। शाह की डेडलाइन, 2026 तक करेंगे नक्सलवाद का खात्मा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगस्त 2024 और दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर आए थे। वे यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग मंचों से नक्सलियों को चेताते हुए कहा था कि हथियार डाल दें। हिंसा करोगे तो हमारे जवान निपटेंगे। वहीं उन्होंने एक डेडलाइन भी जारी की थी कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। शाह के डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं। लगातार बड़े नक्सली लीडर मारे जा रहे ……………………………………… इससे जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… नक्सलियों ने शांति वार्ता से इनकार किया: कहा-हथियार नहीं छोड़ेंगे, क्रांतिकारी पार्टी बनी रहेगी; वायरल प्रेस नोट से उनका कोई लेना-देना नहीं नक्सलियों की केंद्रीय समिति और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने शांति वार्ता की संभावनाओं को खारिज कर दिया है। सोमवार को जारी संयुक्त प्रेस नोट में दोनों संगठनों ने स्पष्ट किया कि वे हथियार नहीं छोड़ेंगे और शांति वार्ता में शामिल नहीं होंगे। पढ़ें पूरी खबर