आखिर किस वजह से भगवान शिव ने 19 साल तक शनि देव को लटकाए रखा, जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी

0
54
कई लोगों की नहीं पता होगा कि शनिदेव और शिव जी में भयंकर लड़ाई हुई थी। यह लड़ाई इतनी भंयकर हुई थी कि भगवान शंकर को अपना तीसरा नेत्र खोलना पड़ गया था। जब भगवान शिव का तीसरा नेत्र खुला तो शनिदेव भोलेनाथ के सामने पस्त हो गए थे। इसके बाद शिव जी उनको लगभग उन्हें 19 साल तक दंड दिया था।
सभी लोकों में जमा रहे थे अधिकार
धार्मिक कथाओं के अनुसार, सूर्यदेव ने योग्यता के अनुसार अपने सभी पुत्रों को अलग-अलग लोकों का मालिक बनाया था। इस बंटवारे से शनिदेव खुश नहीं थे। जिसके बाद शनिदेव ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए जो लोक उन्हें नहीं मिला उस पर भी अधिकार कर लिया।
सूर्यदेव दुखी हुए 
जब इस बात की जानकारी सूर्यदेव को मिली तो वह शनिदेव की इस हरकत से दुखी हुए। जिसके बाद सूर्य देव मदद मांगने के लिए भगवान शिव जी पास गए। इसके बाद शिव जी ने अपने गणों को शनिदेव से युद्ध करने के लिए भेजा। ताकतवर शनि ने सभी को परास्त कर दिया।
भगवान शिव और शनिदेव की लड़ाई
फिर शिव जी युद्ध के मैदान में आए। दोनों के बीच भीषण युद्ध चल रहा था। जब शनि की ओर से शिव जी पर मारक दृष्टि डाली गई। जैसे ही शिव ने देखा कि शनिदेव ने मारक दृष्टि का प्रयोग किया है वह तुरंत तीसरा नेत्र खोल दिया। तीसरा नेत्र खुलते ही शनिदेव हैरान हो गए और उनका अंहकार टूट गया।
शिव जी ने शनिदेव को क्यों उल्टा लटकाया
इसके बाद शनिदेव को दंड देने के लिए शिव जी ने उन्हें पीपल के पेड़ में 19 वर्षों तक के लिए उल्टा लटका दिया था। इस बीच शनिदेव 19 वर्षों तक भगवान शंकर जी की उपासना करते रहे। इसी कारण से जब भी किसी भी व्यक्ति पर शनि की महादशा चढ़ती है तो वह 19 साल की होती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here