आर्मेनिया के PM पर खतना कराकर यहूदी बनने का आरोप:PM पाशिनयान बोले- ईसाई हूं, चर्च को इसका सबूत दिखाने के लिए तैयार

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अर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान पर आरोप लग रहा है कि वे ‘ईसाई’ नहीं हैं। उन पर देश के सबसे बड़े चर्च के एक पादरी फादर जारेह अशुरयान ने यह आरोप लगाया है। पादरी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि पीएम ने ‘खतना’ कर लिया है और अब वे ‘यहूदी’ बन चुके हैं। अपोस्टोलिक चर्च के फादर अशुरयान ने पीएम पाशिनयान की तुलना बाइबिल के गद्दार पात्र ‘जूडस’ से की और उन्हें गद्दार भी कहा। फादर जारेह अशुरयान आर्मेनिया के सबसे बड़े चर्च के मुख्य पादरी गरेगिन -2 के प्रवक्ता हैं। इसके जवाब में PM पाशिनयान ने फेसबुक पर तीखा पोस्ट किया और गरेगिन-2 के असली नाम ‘कट्रिच नर्सिसियन’ से संबोधित करते हुए कहा- मैं यह साबित करने के लिए तैयार हूं कि मैंने खतना नहीं कराया है। अगर चर्च को शक है तो मैं खुद को जांच करने के लिए पेश करने को तैयार हूं। पाशिनयान ने आगे लिखा- करेकिन-2 को अब इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि क्या उन्होंने ब्रह्मचर्य व्रत का उल्लंघन किया है? क्या उनका कोई बच्चा भी है? पादरी पर बच्चा पैदा करने का आरोप यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री ने चर्च प्रमुख पर इतने गंभीर आरोप लगाए हों। पीएम पाशिनयान ने पिछले महीने चर्चों को ‘भ्रष्टाचार का घर’ बताया था। इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि करेकिन-2 ने पादरी बनने के बाद भी एक बच्चा पैदा किया, और इसलिए चर्च के संविधान के अनुसार उन्हें अपने पद पर नहीं रहना चाहिए। पीएम ने यहां तक कहा कि अगर करेकिन इन आरोपों से इनकार करते हैं, तो वे उनके खिलाफ सबूत पेश करने को तैयार हैं। इसके बाद सरकारी मीडिया में एक महिला की तस्वीर और नाम दिखाया गया, जिसे करेकिन-2 की ‘कथित बेटी’ बताया गया। सरकार से जुड़े एक संगठन ने मंगलवार को एक दस्तावेज प्रकाशित किया था। इसमें कहा गया था कि चर्च और कुछ प्रभावशाली नेता साथ मिलकर सरकार के खिलाफ तख्तापलट की योजना बना रहे हैं। अर्मेनिया के पहले राष्ट्रपति लेवोन टेर-पेट्रोसियन खुलकर चर्च का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर संविधान को तोड़ने का आरोप लगाया है। इससे पहले 17 जून को सैमवेल करापेटियन नाम के बिजनेस मैन को भी गिरफ्तार किया गया था। करापेटियन चर्च के खुले समर्थक हैं। उन्हें रूसी राष्ट्रपति पुतिन का करीबी माना जाता है। करापेटियन पर सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं। PM पर प्रवक्ता के साथ अफेयर की अफवाह पीएम पाशिनयान पर भी एक अखबार ने अपनी प्रवक्ता के साथ विवाहेतर संबंध होने के आरोपों पर सफाई मांगी है। इस पर प्रधानमंत्री ने गुस्से में उस मीडिया पर मुकदमा करने की घोषणा की और कहा कि उनके लिए परिवार और आध्यात्मिक जीवन सिर्फ दिखावा नहीं, बल्कि असली मूल्य हैं। प्रधानमंत्री पाशिनयान ने मई में कहा था कि वह एक ऐसी परिषद बनाएंगे जो अर्मेनियाई अपोस्टोलिक चर्च के नए कैथोलिकोस (धार्मिक प्रमुख) का चुनाव करेगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट में बताया कि वे इस परिषद के पहले 10 सदस्यों को खुद चुनेंगे। उन्होंने लोगों से ईमेल के जरिए आवेदन भी मंगवाए। उन्होंने परिषद के सदस्यों के लिए पांच शर्तें भी रखीं हैं। 1. यीशु मसीह में विश्वास, 2. बाइबल पढ़ना, 3. प्रार्थना करना, 4. लेंट (40 दिन की धार्मिक साधना) का पालन करना और 5. यह मानना कि चर्च का सुधार लोगों और देश के हित में है। चर्च और सरकार के बीच संबंध साल 2020 में खराब होने शुरू हुए। इसी साल आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नार्गोनो-कराबाख पर कब्जे को लेकर जंग हुई थी जिसमें आर्मेनिया की हार हुई थी। इससे नाराज होकर चर्च ने पीएम पाशिनयान का इस्तीफा मांग लिया था। …………………………………. आर्मेनिया से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… ईरान में फंसे भारतीय छात्रों की वापसी शुरू: आर्मेनिया के रास्ते निकाले जा रहे; 110 स्टूडेंट बॉर्डर पर पहुंचे; जानिए आर्मेनिया को ही क्यों चुना इजराइल- ईरान में जारी संघर्ष के बीच भारत ने अपने नागरिकों को ईरान से आर्मेनिया के रास्ते निकाला। ईरान का बॉर्डर 7 देशों से लगता है। ये देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान, आर्मेनिया, तुर्किये और इराक हैं। इसके अलावा समुद्री सीमा ओमान के साथ है। आर्मेनिया को ही चुनने की कुछ प्रमुख वजहें हैं… पूरी खबर यहां पढ़ें…

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