ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार अली शमखानी की बेटी फातिमा की शादी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह शादी पिछले साल तेहरान के लग्जरी एस्पिनास पैलेस होटल में हुई थी। वीडियो में फातिमा स्ट्रैपलेस व्हाइट वेडिंग गाउन में नजर आ रही हैं और समारोह में म्यूजिक बज रहा है। कई महिलाएं बिना हिजाब के दिख रही हैं, जो ईरान के हिजाब कानूनों के खिलाफ है। वीडियो में शमखानी अपनी बेटी को शादी के स्टेज तक ले जाते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक महिला अधिकार कार्यकर्ता अली ओमिदवारी ने इस वीडियो पर कमेंट करते हुए लिखा- उनकी दुल्हन महल में है, लेकिन हमारी दुल्हन जमीन के नीचे दफन है। शमखानी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सेक्रेटरी थे यह वीडियो ऐसे समय में सामने आया है, जब ईरान में हिजाब नियमों का पालन कराने के लिए 80,000 नैतिकता पुलिस तैनात करने की प्लानिंग चल रही है। अली शमखानी 2013 से 2023 तक सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सेक्रेटरी रहे थे। वे हिजाब और नैतिकता नियमों के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। ईरानी लोगों में 3 खास वजहों से नाराजगी है… पैसों का दिखावा: ईरान में ज्यादातर लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। बहुत से युवा इतने गरीब हैं कि वे शादी तक नहीं कर पा रहे। ऐसे में शमखानी परिवार के इस आयोजन ने लोगों का गुस्सा भड़का दिया है। इस्लामी नियमों की अनदेखी: शमखानी हमेशा से इस्लामी मूल्यों और सख्त नियमों का समर्थन करते रहे हैं। लेकिन उनकी बेटी और पत्नी की ड्रेस और बिना हिजाब वाली महिलाएं उनके इन दावों पर सवाल उठा रही हैं। पश्चिमी परंपराएं: वीडियो में पिता का अपनी बेटी को स्टेज तक ले जाना पश्चिमी देशों की परंपरा है। ईरान में आमतौर पर दूल्हा-दुल्हन एक साथ प्रवेश करते हैं। यह देखकर लोग और भड़क गए। कौन हैं अली शमखानी? अली शमखानी ईरान के सबसे ताकतवर लोगों में से एक हैं और सुप्रीम लीडर खामेनेई के बहुत करीबी हैं। अभी वे राष्ट्रीय रक्षा परिषद में खामेनेई के प्रतिनिधि हैं। इससे पहले वे 10 साल तक सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सचिव रहे। वे पूर्व रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं और रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स की नौसेना के कमांडर थे। इसके अलावा, वे अमेरिका के साथ परमाणु समझौते की बातचीत में भी शामिल रहे हैं। शमखानी और उनके बेटों पर 2020 में अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए थे। उन पर आरोप है कि वे तेल टैंकरों और जहाजों के जरिए ईरान और रूस से चीन तक तेल की तस्करी करते हैं। इससे उन्हें भारी मुनाफा होता है, जबकि ईरान की आम जनता प्रतिबंधों की मार झेल रही है। जून में इजराइल के साथ ईरान के 12 दिन के युद्ध के दौरान इजराइल ने शमखानी को मारने की कोशिश की थी। उनके तेहरान के आलीशान पेंटहाउस पर मिसाइल हमला हुआ, जिसमें वे मलबे में दब गए थे, लेकिन बच गए। शमखानी से इस्तीफा मांगा जा रहा ईरानी अखबार शरघ ने सोमवार को अपने पहले पन्ने पर शमखानी की तस्वीर छापी और शीर्षक लिखा- स्कैंडल में दबे हुए। वहीं, ईरान-इराक युद्ध के कुछ पुराने सैनिकों ने कहा कि शमखानी को अपने सभी पदों से इस्तीफा देना चाहिए और सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। एक पत्रकार अमीर हुसैन मोसल्ला ने सोशल मीडिया पर लिखा- यह वीडियो दिखाता है कि अधिकारी अपने ही बनाए नियमों में भरोसा नहीं करते। वे सिर्फ जनता का जीवन मुश्किल करना चाहते हैं। शमखानी के कुछ समर्थकों का कहना है कि यह उनके राजनीतिक दुश्मनों की साजिश है। उनका दावा है कि शादी एक प्राइवेट आयोजन था, जिसमें पुरुष और महिलाएं अलग-अलग थे। हालांकि कई एक्सपर्ट्स ने कहा कि ईरानी शासन हमेशा लोगों के निजी जीवन में दखल देता रहा है। वे शादियों और घरेलू पार्टियों पर छापे मारते हैं और हिजाब जैसे नियमों को सख्ती से लागू करते हैं। वॉशिंगटन की रिसर्च इंस्टीट्यूट DAWN के ईरान एक्सपर्ट ओमिद मेमारियन ने इसे ‘पाखंड की सबसे बड़ी मिसाल’ बताया। 2022 में हिजाब विरोधी प्रदर्शन में सैकड़ों लोग मारे गए थे सितंबर 2022 में 22 साल की महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। महसा को नैतिकता पुलिस ने हिजाब ठीक न पहनने के आरोप में हिरासत में लिया था। इसके बाद ईरान में देशव्यापी प्रदर्शन शुरू हो गए थे। महिलाएं और युवा सड़कों पर उतर आए थे और उन्होंने हिजाब जलाकर शासन के खिलाफ नारे लगाए थे। इन प्रदर्शनों में सैकड़ों लोग मारे गए थे। —————————— यह खबर भी पढ़ें… अमेरिका ने 8 भारतीयों समेत 50 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाएं:इन पर ईरान से तेल और गैस के व्यापार में शामिल होने का आरोप अमेरिका ने ईरान के तेल और गैस व्यापार में शामिल 50 से ज्यादा व्यक्तियों, कंपनियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें 8 भारतीय नागरिक और कई कंपनियां भी शामिल हैं। आरोप है कि इन लोगों और कंपनियों ने मिलकर अरबों डॉलर के ईरानी तेल और गैस उत्पाद दुनियाभर में भेजे। यहां पढ़ें पूरी खबर…
