एशियन एक्वाटिक्स चैंपियनशिप में विवाद:वॉटर पोलो खिलाड़ियों ने तिरंगा ट्रंक पर लगाया, मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट

0
7

अहमदाबाद में चल रही एशियन एक्वाटिक्स चैंपियनशिप के दौरान भारत की पुरुष वॉटर पोलो टीम विवादों में घिर गई है। भारतीय खिलाड़ियों ने मैच के दौरान अपनी स्विमिंग ट्रंक (तैराकी की आधिकारिक ड्रेस) पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) प्रदर्शित किया। इसे लेकर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप लगे हैं। नियमों के अनुसार ध्वज को स्कल कैप (सिर पर पहनी जाने वाली टोपी) पर लगाया जाना चाहिए था। मंत्रालय और IOA ने मांगी रिपोर्ट
खबर सामने आने के बाद खेल मंत्रालय और भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) से रिपोर्ट मांगी है। अधिकारियों ने कहा कि खिलाड़ियों को तिरंगा ट्रंक पर नहीं, बल्कि स्कल कैप (सिर पर पहने जाने वाले कैप) पर लगाना चाहिए था। भारतीय कानून का उल्लंघन
यह विवाद मुख्य रूप से भारत के ध्वज संहिता 2002 और प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971’ के उल्लंघन से जुड़ा है। जो राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान और उपयोग को लेकर सख्त नियम लागू करता है।
इन नियमों के अनुसार: IOC चार्टर क्या कहता है?
इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) के चार्टर के अनुसार, खिलाड़ियों या टीमों के लिए राष्ट्रीय झंडा प्रदर्शित करना अनिवार्य नहीं है। यह पूरी तरह खिलाड़ियों और उनके देश की पसंद पर निर्भर करता है। वर्ल्ड एक्वाटिक्स का नियम क्या कहता है?
SFI ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने वर्ल्ड एक्वाटिक्स (पहले FINA) के नियमों के अनुसार ही कार्य किया। इन नियमों के मुताबिक,’प्रतियोगिता में देश का झंडा और कोड स्विम कैप पर 32 वर्ग सेंटीमीटर तक के आकार में लगाया जा सकता है।’ स्विमिंग फेडरेशन ने कहा-आगे से तिरंगा केवल कैप पर दिखाया जाएगा
स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने गलती स्वीकार कर ली है और कहा है कि आगे से तिरंगा केवल कैप पर लगाया जाएगा, न कि स्विमिंग ट्रंक पर। हमने नियमों की समीक्षा की है। अन्य देशों की टीमों ने भी अपने झंडे को अपने स्पोर्ट्स गियर पर लगाया है, लेकिन हम भारतीय संवेदनशीलता को समझते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here