छत्तीसगढ़ में लगातार ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। ज्यादातर में टेलीग्राम ऐप या फिर निवेश के नाम पर APK फाइल डाउनलोड कराई गईं। पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि, प्रदेश में इस साल जुलाई तक 16811 केस ठगी के सामने आ चुके हैं। इसके अलावा IT एक्ट में 618 मामले दर्ज हुए हैं। इसे देखते हुए रायपुर पुलिस ने जन जागरूकता पखवाड़ा शुरू किया है। इसमें हर दिन साइबर ठगी के अलग-अलग पैटर्न से बचने के तरीके बताए जा रहे हैं। इसको जानने से पहले नीचे 2 केस पढ़िए… केस-1: रायपुर निवासी श्वेता मेहरा से करीब 30 लाख रुपए की ठगी हुई। गूगल रिव्यू टास्क के बहाने पार्ट टाइम जॉब का लालच दिया। फिर कई किस्तों में पैसे वसूल लिए। इस मामले में भिलाई निवासी प्रेम चंद्राकर को पुलिस ने गिरफ्तार किया। केस-2: रायपुर के नवीन कुमार से शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने का झांसा देकर 1.39 करोड़ रुपए ठगे गए। पुलिस ने हिमांशु निर्मलकर को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला आरोपी SBI में खाता खोलकर ठगों को 50 हजार रुपए में किराये पर देता था। साइबर ठगों का पैटर्न और बचने के तरीके जानने से पहले जानिए कितने केस आ चुके डिजिटल अरेस्ट : बच्चों को झूठे केस में फंसाने का झांसा अगर आपके पास भी वॉट्सऐप पर पुलिस या कोई धमकी भरा कॉल आए तो आप कॉल करने वाले की असली पहचान कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने स्मार्टफोन में अलग से कोई ऐप भी इंस्टॉल नहीं करना पड़ेगा। स्कैमर्स करते हैं वॉट्सऐप का फर्जी यूज इसमें कॉल करने वाला व्यक्ति आपके परिवार के किसी सदस्य को किसी केस में फंसने की बात या हिरासत में होने की बात करता है। साथ ही कहता है कि अगर केस से बचाना है तो रुपए अकाउंट में डाल दो। कुछ लोग पैनिक होकर पैसे ट्रांसफर भी कर देते हैं, बाद में पता चलता है कि ये स्कैम था। ऐसे मामलों में अगर आपके पास किसी पुलिस वाले के नाम से कॉल आए तो आप ट्रू कॉलर ऐप यूज कर सकते हैं। इसके अलावा गूगल-पे, फोन-पे और पेटीएम जैसे पेमेंट ऐप पर जाकर नंबर को चेक कर सकते हैं। इसके बाद उस कॉलर का असली नाम आपके सामने आ जाएगा। ध्यान रहे कि नाम का पता तभी चलेगा जब वो नंबर इन UPI ऐप पर रजिस्टर्ड होगा। अगर वॉट्सऐप पर नंबर नहीं दिख रहा तो साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करनी चाहिए। पैटर्न-2 टेलीग्राम ऐप के माध्यम से इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी आपको टेलीग्राम में एक अनजाने ग्रुप से आपको मैसेज आता है और आपको एक ग्रुप में जोड़ा जाता है। जिसमें मुख्य रूप से ऑनलाइन जॉब या पार्ट टाइम जॉब का ऑफर होता है। जिसमें अच्छी सैलरी और पद देने की बात लिखी होती है। इसके अलावा आपको मोटी कमीशन का लालच देकर रुपए ट्रांसफर करवाने और क्रिप्टोकरंसी में निवेश की बात की जाती है। साइबर ठग ने स्वयं बनाए गए वेबसाइट या एप्लीकेशन पर लॉगिन पासवर्ड देकर हाई परसेंटेज का लाभ दिखाकर मोटी रकम का इन्वेस्टमेंट कराया जाता है। जिसमें आपको उनके एक फर्जी एप्लीकेशन पर भारी लाभ दिखाया जाता है। इसी प्रकार टेलीग्राम में आपके प्रोडक्ट की रेटिंग बढ़ाने के नाम पर भी मैसेज किए जाते हैं। पैटर्न-3 इंस्टेंट लोन देने के लिए ऐप डाउनलोड कर मोबाइल डाटा की चोरी बिजनेस या अन्य कामों में पैसों की कमी से जूझ रहे लोगों को सस्ते दर पर लोन मुहैया कराने का झांसा देकर ठग अपने जाल में फंसा रहे हैं। इसके लिए कस्टमर से तीन महीने का बैंक स्टेटमेंट, आधार कार्ड या पैन कार्ड की कॉपी लेकर मिनटों में ही लोन दे दिया जाता है। जिसे चुकाने के लिए निश्चित टाइम लिमिट दी जाती है। अगर एक एप्लीकेशन से ली गई लोन आप चुका नहीं पाते तो दूसरी एप्लीकेशन का नाम बता कर उसे इंस्टॉल करा कर उससे लोन लेकर पिछले लोन की भरपाई करने को कहा जाता है। ग्राहक को गूगल प्ले स्टोर से एप्लीकेशन को डाउनलोड करने को कहा जाता है। इस ऐप को इंस्टाल करते समय ग्राहक, पर्सनल डिटेल (जैसे फोटो गैलरी) और कॉन्टैक्ट लिस्ट साझा करने की परमिशन एप्लीकेशन को दे देते हैं। जिससे ग्राहक के मोबाइल का पूरा डाटा, कॉन्टैक्ट चुरा लिया जाता है और ग्राहक को लोन दे दिया जाता है। इसके बाद वह 30 से 35% ब्याज वसूलते हैं और पैसे नहीं देने पर आपका पर्सनल डाटा को आपके परिचितों को भेज कर धमकी देते हैं। इन सबसे बचने के लिए ग्राहकों को लोन लेने के लिए सुरक्षित, अधिकृत फाइनेंशियल बॉडीज का चुनाव करना चाहिए। जो RBI से पंजीकृत हो। किसी भी अनजान एप्लीकेशन के माध्यम से लोन लेना घातक हो सकता है। ऐसी किसी भी प्रकार की घटना होने पर नजदीकी पुलिस थाने या साइबर सेल से संपर्क करें। पैटर्न- 4 KBC (कौन बनेगा करोड़पति) के माध्यम से होने वाले फ्रॉड KBC (कौन बनेगा करोड़पति) के माध्यम से होने वाले फ्रॉड में अपराधी आम लोगों को WhatsApp Message में ऑडियो/फोटो/मैसेज भेजते है। (जो ज्यादातर वॉट्सएप नंबर +92 या पाकिस्तान के Code से शुरू होते हैं) अपराधी ऑडियो/फोटो/मैसेज में लोगों को यह झांसा देते हैं कि आपके मोबाइल ने KBC/Reliance Jio/Airtel/Vodafone से 25 लाख की लॉटरी जीती है। लॉटरी से जीती रकम लेने के लिए उन्हें किसी से संपर्क करना होगा जिसका मोबाइल नंबर उसी वॉट्सएप ऑडियो/फोटो/मैसेज में दिया होता है। जब लोग उस मैसेज के झांसे में आकर रकम पाने के लालच में उस मोबाइल नंबर पर संपर्क करते हैं, तो अपराधी बताता है कि रकम प्राप्त करने के लिए उन्हें पहले रजिस्ट्रेशन, प्रोसेसिंग फीस, टैक्स आदि के लिए रकम (जो बाद में वापस हो जायेगा) जमा करने की आवश्यकता है। कोई भी एक बार जब रकम जमा कर देता है, तो वे किसी न किसी बहाने से ज्यादा रकम की मांग करते रहते हैं। अगर इस तरह से कोई भी मैसेज, ऑडियो, फोटो यह सूचित करता है कि आपने लॉटरी या प्राइज जीता है, ये पूरी तरह से फेक है। इससे बचें। घटना होने पर क्या करें आपके साथ किसी भी प्रकार की साइबर ठगी होने के फौरन बाद 1930 पर कॉल करें। इसके अलावा सेंट्रल गवर्मेंट के रिर्पोटिंग पोर्टल www.cyber crime.gov.in पर लॉगिन कर रिपोर्ट करें। आप अपने नजदीकी थाने या साइबर सेल से संपर्क करें।