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Tuesday, February 18, 2025

कनाडाई एजेंसी बोली-निज्‍जर की हत्‍या में भारत का हाथ नहीं:पिछले चुनावों में दखल का आरोप लगाया, भारत बोला- हमारा इसमें कोई रोल नहीं

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का कोई सबूत नहीं मिला है। यह बात विदेशी हस्तक्षेप पर कनाडा सरकार की तरफ से गठित मैरी जोसी हॉग आयोग ने कही है। हॉग आयोग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर गलत सूचनाएं फैलाईं। हालांकि इसमें यह भी साफ कर दिया गया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के संबंध को साबित करने को लेकर कोई ठोस लिंक नहीं है। इस रिपोर्ट में भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान को कनाडा के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत ने चुनाव में तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को चुपचाप पैसे से मदद की है। इसके लिए प्रॉक्सी एजेंटों का इस्तेमाल हुआ है। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारत के हस्तक्षेप संबंधी बातों को पूरी तरह से खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा- हकीकत यह है कि कनाडा भारत के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप करता रहा है। हॉग आयोग का गठन क्यों हुआ था? सितंबर 2023 में कनाडाई इंटेलिजेंस एजेंसी ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि कनाडा में 2019 और 2021 में हुए 2 चुनावों में चीन ने दखल दिया है। इसमें यह दावा किया गया था कि चीन ने जस्टिन ट्रूडो को चुनाव जिताने में मदद की है। हालांकि चीन ने इससे इनकार कर दिया था लेकिन कनाडा की राजनीति में काफी हंगामा मचा। इसके बाद विपक्षी नेताओं के दबाव में PM ट्रूडो ने मामले की जांच के लिए सितबंर 2023 में हॉग आयोग का गठन किया। इस आयोग का नेतृत्व जस्टिस मैरी-जोसी होग कर रहे थे। इसका गठन इसलिए किया गया कनाडाई चुनावों में विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप को लेकर स्थिति साफ हो सके। आयोग ने मंगलवार (28 जनवरी) को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। PM ट्रूडो ने भारत पर लगाया था निज्जर की हत्या का आरोप
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नवंबर 2023 में देश की संसद में आरोप लगाया था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय राजनयिक समेत कई लोग शामिल थे। ट्रूडो ने कहा था कि उनके पास इससे जुड़े सबूत भी हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया था। भारत ने ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानियों को लुभाने के लिए वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया था। मामले में एक्शन लेते हुए कनाडा की ट्रूडो सरकार ने भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को देश से निकाल दिया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ता चला गया। हालांकि बाद में ट्रूडो ने कई बार भारत से रिश्ते बनाए रखने की बात कही थी। भारत ने कनाडा के 41 डिप्लोमैट्स को निकाला था
कनाडा के आरोपों के बाद भारत ने वहां के लोगों के लिए वीजा सेवाएं सस्पेंड कर दी थीं। 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को भी हटा दिया था। हालांकि, बाद में डिप्लोमैटिक लेवल पर बातचीत हुई और कुछ महीनों बाद वीजा सेवाएं बहाल कर दी गई थीं। कनाडा ने कहा था कि वह इस हत्या में भारत के शामिल होने के सबूत देगा, जो उसने अब तक नहीं दिए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर अलग-अलग मंचों से कई बार ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग कर रहा है। गुरुद्वारे से निकलते हुए निज्जर की हत्या हुई थी
18 जून 2023 की शाम को सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज कर दिया था। इसके बाद दोनों देशों के आपसी रिश्तों में काफी तल्खी आ गई थी। विदेश मंत्री जयशंकर ने आरोप लगाया था कि कनाडा उन लोगों को वीजा देता है, जो भारत में वांटेड हैं। उन्होंने कहा था, ‘पंजाब में संगठित अपराधों से जुड़े लोगों का कनाडा में स्वागत किया जाता है।’ वहीं, कनाडा की संसद ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के एक साल पूरे होने पर उसे श्रद्धांजलि दी थी। इसके लिए संसद में एक मिनट का मौन रखा गया था। ………………………………………….. कनाडा और भारत के संबंधों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… कनाडाई मंत्री का आरोप- खालिस्तानियों पर एक्शन के पीछे अमित शाह: सिक्योरिटी कमेटी को दिया बयान, इंडिया-कनाडा मीटिंग की जानकारी लीक करने की बात मानी कनाडा सरकार के एक मंत्री ने भारत पर 29 अक्टूबर को नए आरोप लगाए। मंत्री ने कहा कि कनाडा में सिख अलगाववादियों पर एक्शन का आदेश अमित शाह ने दिया था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के विदेश उप-मंत्री डेविड मॉरिसन ने मंगलवार को एक संसदीय पैनल में यह बयान दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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