हिंदू महीना कार्तिक की शुरु हो चुका है। इस माह में भगवान विष्णु की विशेष तौर पर पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस महीने में भगवान विष्णु जल में निवास करते हैं। कार्तिक माह में मां तुलसी और आंवले की जड़ में भगवान विष्णु जी की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। जो लोग इस माह में तुलसी का पौधा लगाते हैं वे कभी यमराज को नहीं देखते। आइए आपको बताते हैं कार्तिक स्नान क्या होता है और इसमें क्या करना चाहिए।
कार्तिक स्नान क्या है
कार्तिक स्नान सूर्योदय से पहले किया जाता है, वह व्यक्ति भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करता है। इसके बाद आप मां तुलसी के पास दीपक जलाकर कार्तिक स्नान की कथा जरुर सुनें। पद्म पुराण में लिखा है कि पुष्कर आदि तीर्थ, गंगा आदि नदियां तथा वासुदेव आदि देवता- ये सब तुलसीदल में निवास करते हैं। जो व्यक्ति तुलसीकाष्ठा का चंदन लगाता है, उसके शरीर को पाप नहीं लगता।
इस माह में सात्विक आहार का सेवन और संयम का खास महत्व है। कार्तिक माह में तमसिक चीजों से दूर रहना चाहिए। इस दौरान प्याज, लहसुन, मांस और शराब आदि चीजों को त्याग देना चाहिए। सादा भोजन करना ही सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
मां तुलसी की विशेष पूजा करनी चाहिए
कार्तिक मास में मां तुलसी की विशेष पूजा करनी चाहिए। सुबह-शाम तुलसी के सामने दीपक जलाना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि इस दौरान तुलसी का एक दीप कई दीप के बराबर होता है।