छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में ढाबाडीह गांव के बंद पडे़ पत्थर खदान में महिला की लाश मिली थी। शव के पास से डेढ़ लाख रुपए बरामद किया गया था। जांच में पता चला कि लाश महिला की नहीं बल्कि किन्नर की थी। हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक हत्याकांड में बजरंग दल के कार्यकर्ता हिमांशु बंजारे भी शामिल है। हत्या में जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था उसमें हिमांशु भाई बजरंग दल लिखा हुआ है। काजल भी बनना चाहती थी मठ प्रमुख आरोपियों के कब्जे से साढ़े 10 लाख रुपए बरामद किया गया है। पुलिस के मुताबिक, किन्नर काजल किन्नर मठ का प्रमुख बनना चाहती थी। तपस्या के मठ प्रमुख बनने के रास्ते की सबसे बड़ी चुनौती काजल थी। इसलिए मुख्य आरोपी तपस्या ने 12 लाख की सुपारी देकर काजल की हत्या करा दी। एसपी विजय अग्रवाल ने बताया, पुलिस को 18 नवंबर को ढाबाडीह के बंद पड़े खदान के पानी में एक महिला की लाश मिलने की सूचना मिली थी। पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और शव का खदान से बाहर निकाला। इस दौरान घटना स्थल से 500-500 की गड्डी में कुल डेढ़ लाख रुपए बरामद किया गया था। पुलिस शव की पहचान करने में जुटी रही। जांच में शव ग्राम जोरा, रायपुर निवासी किन्नर काजल का होना पाया गया, जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट तेलीबांधा थाने में दर्ज थी। एसपी अग्रवाल ने बताया, किन्नर मठ का प्रमुख बनने के लिए काजल को रास्ते से हटाने वारदात को अंजाम दिया गया है। किन्नर तपस्या मुंबई से आई थी किन्नरों के निवास भवन जोरा रायपुर में सभी किन्नर एक साथ रहते हैं, जिसमें आरोपी तपस्या किन्नर मुंबई से आकर रही है। काजल रायपुर की थी। हत्या की मुख्य आरोपी किन्नरों की प्रमुख बनना चाहती थी, इसके लिए उसके रास्ते की सबसे बड़ी चुनौती काजल थी। काजल को रास्ते से हटाने के लिए तपस्या ने हत्या की पूरी प्लानिंग की। 2 माह पहले बनाई हत्या की प्लानिंग मठ प्रमुख बनने की चाहत में आरोपी तपस्या ने निशा श्रीवास के साथ मिलकर काजल को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। सितंबर 2024 में गणेश उत्सव के दौरान काजल की हत्या करने की नीयत से तपस्या किन्नर ने पैसा इकट्ठा कर कुल 12 लाख रुपए निशा श्रीवास को दिए। प्लानिंग में निशा श्रीवास ने अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे से हत्या करने के लिए एक सुपारी किलर को 6 लाख रुपए नकद दिए, लेकिन बाद में पता चला कि वह सुपारी किलर किसी अन्य मामले में जेल चला गया है। इसी बीच काजल की हत्या करने के लिए दो अन्य सुपारी किलर अंकुश और कुलदीप से सौदा किया गया। पत्थर खदान को देखने भी आई इसी बीच वारदात के 2 दिन पहले आरोप निशा श्रीवास अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे के साथ घटनास्थल ग्राम ढाबाडीह के पास पत्थर खदान को देखने भी आई। इसके बाद प्लानिंग के तहत काजल को मौत के घाट उतारा गया। एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि काजल को मारने के लिए निशा किन्नर ने उसे यह झांसा देकर कार में बिठाया कि बलौदाबाजार में किसी से तीन लाख रुपए लेने हैं, जिसमें डेढ़ लाख रुपए काजल का हिस्सा होंगे। निशा की अर्टिगा कार में ड्राइवर बंजारे 17 नवंबर को दोनों को लेकर बलौदाबाजार की ओर निकला। पीछे मोटरसाइकिल में सुपारी लेने वाले कुलदीप और अंकुश भी निकले। निशा किन्नर ने अमेरा गांव के पास कार रुकवाई। पीछे आ रहे कुलदीप और अंकुश रुके और दोनों ने निशा को तीन लाख रुपए दिए। डेढ़ लाख रुपए निशा ने काजल को दिए, फिर ढाबाडीह की ओर बड़े। धारदार हथियार से काजल की हत्या घटनास्थल के करीब पहुंचकर तीनों कार से उतरे। पीछे-पीछे कुलदीप और अंकुश भी आ गए। इसी बीच, ड्राइवर बंजारे ने निशा को कार में बिठाया और काजल को छोड़कर वापस रायपुर लौट आया। उधर, कुलदीप और अंकुश ने धारदार हथियार से काजल की हत्या की और उसे पत्थर खदान में फेंक दिया। काजल को दिए गए डेढ़ लाख रुपए उसके शव से मिल गए। पुलिस ने तपस्या किन्नर उर्फ मोहम्मद इमरान (36), निशा किन्नर (51), हिमांशु बंजारे (28), कुलदीप कुरील (29) और अंकुश चौधरी (28) को गिरफ्तार कर लिया। वारदात में इस्तेमाल कार, मोटरसाइकिल, हथियार और निशा से सुपारी के 10 लाख 50 हजार रुपए भी बरामद कर लिए हैं।