कैंप चलाने के आरोप पर भड़के करण जौहर:कहा- थक चुका हूं, शाहरुख मेरा दोस्त, हमने 15 साल काम नहीं किया; जस्टिफिकेशन देकर छोटा नहीं बनना

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फिल्ममेकर करण जौहर पर अक्सर नेपोटिज्म और बॉलीवुड में कैंप चलाने के आरोप लगते रहते हैं। कैंप चलाना यानी करण सिर्फ अपने करीबियों को ही अपनी फिल्मों में कास्ट करते हैं। कंगना रनोट भी उन पर इस तरह के आरोप लगा चुकी हैं। अब करण ने इन दावों पर सफाई दी है। उनका कहना है कि उनके सबसे करीबी शाहरुख खान हैं, फिर भी दोनों ने पिछले 15 साल में कभी साथ फिल्म नहीं की, वरुण और सिद्धार्थ को उन्होंने लॉन्च किया, लेकिन वो अब दूसरे प्रोडक्शन की फिल्में कर रहे हैं, ऐसे में कैंप की बातें कहां से सामने आती हैं। करण जौहर से गेम चैंजर के एक इंटरव्यू में पूछा गया था कि कैंप होते हैं या नहीं और अगर होते हैं तो क्या उससे प्रोडक्टिविटी कम होती है। इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘हम हर एक के साथ करते हैं। आपने हर स्टूडियो को देखा होगा, यशराज को देखा, मैडॉक को देखो, साजिद सर को देखा, हम सबके साथ काम करते हैं। कैंप कहां है। मेरा सबसे गहरी दोस्ती, करीबी रिश्ता शाहरुख खान के साथ हैं, खुद शाहरुख खान मैं हमने 15 साल से साथ काम नहीं किया, इसका ये मतलब है कि हम दोस्त नहीं हैं। भाई नहीं। तो ये कैसा कैंप है।’ ‘आप कोई भी देख लो, वरुण धवन, सिद्धार्थ मल्होत्रा आलिया भट्ट, मैंने इंट्रोड्यूस किया है। हर एक दूसरे प्रोड्यूसर के साथ काम कर रहे हैं। सिद्धार्थ ने हाल ही में मैडॉक की फिल्म की। वरुण ने कितने लोगों के साथ काम किया। आलिया ने संजयलीला भंसाली के साथ काम किया है, तो कैंप कहां हैं।’ आगे उन्होंने कहा, ‘कौन तय करता है ये कैंप। कैंप सिर्फ समर कैंप होते हैं, वहां आप रहते हो, पैक करके घर चले जाते है। मैं कैंप कैंप कैंप सुनकर थक गया हूं। नेपोटिज्म का सुनकर थक गया हूं। कितनी बात करूं मैं कि मैंने इसको लिया, उसको लिया। जस्टिफिकेशन देना खुद को छोटा करना है, मैं खुद को छोटा नहीं करना चाहता। जस्टिफिकेशन नहीं देना चाहता। ये सारी मनगढ़ंत बातें होती हैं। ये नाम बस होता है, कैंपिज्म। कहां है ये कैंपिज्म, आप मुझे सबूत दो। कोई सबूत नहीं है। तो कहां है कैंप। कौन सा है मेरा कैंप, मैं भी सुनना चाहूंगा।’ कंगना रनोट ने करण पर लगाए थे आरोप सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद कंगना रनोट ने करण जौहर पर कैंप चलाने के गंभीर आरोप लगाए और उन्हें मूवी माफिया कहा। उनका कहना है कि आउटसाइडर्स को ऊंचा उठने से रोकने के लिए इंडस्ट्री में साजिशें की जाती हैं। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि सुशांत ने यह कदम उठाकर उन लोगों को जीत दिलवा दी, जो भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हैं। फिल्म माफिया हैं और खेमेबाजी में यकीन रखते हैं। एक्ट्रेस ने कहा था, दुर्भाग्य से इंडस्ट्री में मूवी माफिया की जड़ें बहुत गहरी हैं। ‘रानी लक्ष्मीबाई’ की फिल्म आती है, मगर आलिया भट्ट बेशर्मी से अपने 5-10 मिनट के रोल के लिए हर जगह अवॉर्ड लेती हैं। मूवी माफिया के कैंप आपस में सेलिब्रेट तक करते हैं। अपने कैंप के एक्टर्स को ब्रांड बनाते हैं। उन्हें ही अपनी फिल्मों में साइन करते हैं। वो भी डंके की चोट पर।

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