द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के दौरान, अंग्रेजों ने घायल सैनिकों के इलाज और उनके पुनर्वास के लिए कोनी की करीब 100 एकड़ भूमि का चयन किया। इस क्षेत्र को वर्कशाप और ट्रेनिंग सेंटर के रूप में विकसित किया गया, ताकि घायल सैनिकों को मशीनों के जरिए काम दिया जा सके और उनकी कलाओं का उपयोग कर विभिन्न उत्पाद तैयार किए जा सकें।