छत्तीसगढ़ में लौटते मानसून से रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग के जिलों में आज भी बारिश के आसार हैं। दो दिन यानी आज (बुधवार) और कल (गुरुवार) को रायपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिर सकती है। अभी दो दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। रायपुर में मंगलवार को हुई बारिश के बाद रात से सुबह तक कोहरा छाया रहा। हालांकि सुबह धूप निकलते ही कोहरा छंट गया। मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी शुरू हो चुकी है। उत्तर-पश्चिम भारत के बड़े हिस्से से मानसून लौट चुका है। छत्तीसगढ़ से अगले सप्ताह तक मानसून लौट जाएगा। बलरामपुर के रामानुजगंज में सबसे ज्यादा बारिश मंगलवार को प्रदेश में मानसून की सक्रियता सामान्य रही। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। सबसे अधिक बारिश बलरामपुर के रामानुजगंज में 60 मिमी बारिश हुई। वहीं रायपुर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में हुई बारिश से गर्मी से राहत मिली। रायपुर में ऐसा रहा मौसम आज भी बादल छाए रहने और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती है। दिन का तापमान 33°C और रात का पारा 25°C के आसपास रहने की संभावना है। मंगलवार को दोपहर जयस्तंभ चौक, फाफाडीह, कोटा और समता कॉलोनी में करीब एक घंटे जमकर बारिश हुई, जबकि संजयनगर, तेलीबांधा, सड्डू और शंकरनगर में बूंदाबांदी तक नहीं हुई। घंटेभर में 8 मिमी पानी बरस गया रायपुर में 12 बजे के बाद गरज-चमक के साथ शुरू हुई बारिश घंटेभर में ही करीब 8 से दस मिमी बरस गया। इससे जयस्तंभ चौक और आसपास के इलाके में जलभराव की स्थिति बन गई। आउटर में कहीं-कहीं पर बारिश हुई। रायपुर के दक्षिण क्षेत्र में लालपुर और आसपास बारिश हुई, वहीं उत्तरी हिस्से यानी सड्डू, मोवा, दलदल सिवनी, कचना इलाका सूखा रहा । क्या कहते हैं एक्सपर्ट मौसम विज्ञानी डॉ. गायत्री वाणी कांचिभ के मुताबिक लौटते मानसून के दौरान होने वाली बारिश ज्यादा देर तक नहीं होती। नमी बढ़ने पर छोटे-छोटे पॉकेट में बादल बनते हैं। यह गरज-चमक के साथ बरसते हैं। बारिश के बाद मौसम साफ हो जाता है। यही वजह है कि शहर के कुछ इलाकों में बारिश हुई और कहीं-कहीं पर सूखा रहा। सीवी क्लाउड से हुई बारिश मौसम विज्ञानियों के अनुसार सीवी क्लाउड यानी क्यूमोलोनिंबस क्लाउड आमतौर पर ऐसे बादल होते हैं जो नमी बढ़ने पर स्थानीय प्रभाव से किसी स्थान विशेष पर बने हैं। इस दौरान गरज-चमक के साथ तेज बारिश होती है। बारिश होने के बाद नमी और बादल गायब हो जाते हैं। मौसम साफ हो जाता है। आमतौर पर मानसून की वापसी के दौरान इस तरह के बादल बनते हैं।