27.3 C
Bhilai
Monday, December 23, 2024

छत्तीसगढ़ में कूरियर के जरिए ड्रग्स की सप्लाई:हथियारों की भी सीधी होम डिलीवरी, नियम-कानून का पेंच इसलिए जांच नहीं

छत्तीसगढ़ की पुलिस इन दिनों कूरियर सर्विस ऑपरेट करने वालों की जानकारी जुटाने में लगी हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि कूरियर सर्विसेज के जरिए प्रदेश में हथियारों और ड्रग्स की सप्लाई की जा रही है। कूरियर सर्विसेज इस तरह की चीजों की सप्लाई के लिए सेफ रूट की तरह डेवलप हो गए हैं। डार्क वेब में हाेने वाले क्राइम की तरह ही इसमें में भी मुख्य अपराधी की आइडेंटिटी हिडन रहती है। क्रिमिनल्स फर्जी नाम और पता मेंशन कर नशा और हथियार कूरियर करते हैं, ऐसे में पुलिस सिर्फ रिसीवर तक ही पहुंच पाती है। कूरियर सर्विस के जरिए कैसे क्राइम चेन डेवलप हो रहा है, इस बात को बेहतर तरीके से समझने के लिए सबसे पहले ये पांच केस पढ़िए: केस-1: कूरियर से शराब मंगवाकर बेचता था तस्कर हरियाणा की ब्रांडेड शराब कूरियर से मंगवाकर उसे रायपुर में बेचने वाले शराब तस्कर बजाज कॉलोनी निवासी सागर उर्फ गोलू मंधानी को राजेंद्र नगर पुलिस 30 अक्टूबर को पकड़ा है। आरोपी कूरियर के माध्यम से शराब मंगवाता था और अपने ग्राहकों को होम डिलीवरी देता था। आरोपी से 50 बोतल ब्रांडेड शराब पुलिस ने बरामद की थी। केस-2: ऑनलाइन चाकू की दोगुने दाम में बिक्री फरवरी 2024 से अगस्त 2024 तक चाकूबाजी के 81 प्रकरण आए है। पुलिस ने बीते एक साल में सैकड़ों आरोपियों को अवैध हथियार रखने के आरोप में प्रकरण है। जांच में खुलासा हुआ है, कि आरोपी रसूख दिखाने के लिए ऑनलाइन चाकू मंगवाते थे और वारदात में उसका इस्तेमाल हो जाता है। पुलिस ने ई- वेबसाइट के सेंटरों पर बीते दिनों दबिश दी है और ऑनलाइन चाकू खरीदने वालों की जानकारी मांगी है। पुलिस की सख्ती देखकर कई आरोपियों ने चाकू सरेंडर भी किया है। केस-3: कूरियर से ड्रग्स मंगवाकर बेचते थे प्रोफेसर गैंग के सदस्य 15 मई 2024 को रायपुर पुलिस ने राजधानी सहित आस पास के जिलों में ड्रग्स बेचने वाले प्रोफेसर गैंग का खुलासा था। ये आरोपी कूरियर से ड्रग्स मंगवाते थे और बेचते थे। इन आरोपियों से लाखों रुपए का ड्रग्स, पैसा और लग्जरी कार पुलिस ने बरामद की थी। इस सिंडिकेट से जुड़े 16 से ज्यादा आरोपियों पर अब तक पुलिस कार्रवाई कर चुकी है। केस-4: मैक्सिको से मंगवाता था युवक 29 मई 2023 को तेलीबांधा इलाके में रहने वाले एक युवक को नशे की इस कदर लत पड़ी, कि उसने कूरियर के माध्यम से मैक्सिको से ड्रग्स मंगवाना शुरू कर दिया। युवक की हरकतें और उससे होने वाली परेशानियों को देकर उसकी मां ने तेलीबांधा पुलिस में शिकायत कर दी और युवक को रिहेब सेंटर में भर्ती कराया। इस केस में भी ड्रग्स पहुंचने का माध्यम बनी कूरियर कंपनी में अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। केस-5: पार्सल से भेजा बम 6 मई 2018 को ओडिशा के बलांगीर जिले के पाटनगढ़ इलाके के शादी समारोह में विस्फोट हुआ। बलांगीर पुलिस ने जांच की तो पता चला, कि बम छत्तीसगढ़ रायपुर के गंज इलाके से पार्सल भेजा गया था। पुलिस ने जांच के बाद तीन आरोपियों को पकड़ा था। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में महिला प्राचार्य से बदला लेने के लिए बम ब्लास्ट करने की बात स्वीकार की थी। कूरियर एजेंसी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी उत्पाद विभाग की, लेकिन जांच ठप कूरियर एजेंसी की मॉनीटिरंग की जिम्मेदारी उत्पाद विभाग की होती है। लेकिन उत्पाद विभाग के अधिकारी ठोस कार्रवाई नहीं करते विभागीय अधिकारियों की इस रवैये का कूरियर कंपनी के संचालक और तस्कर फायदा उठा रहे हैं। जांच के नाम पर पुलिस-उत्पाद विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं और नशे के सौदागर को इसका फायदा मिलता है। इस संबंध में जब दैनिक भास्कर टीम ने स्टेट जीएसटी अधिकारी सुनील चौधरी बात की तो उन्होंने बताया कूरियर एजेंसी की यदि टैक्स संबंधित शिकायत है, तो कार्रवाई GST विभाग करेगा। लेकिन यदि कूरियर सर्विस के माध्यम से नशीली सामग्री या संदिग्ध सामान सप्लाई हो रहा है, तो इसकी जांच की जिम्मेदारी पुलिस और आबकारी विभाग की है। नियम में संशोधन करने की जरूरत: रिटायर्ड सीएसपी शर्मा वहीं रिटायर्ड CSP राजीव शर्मा कहते हैं कि इस तरह के क्राइम को रोकने के लिए नियमों में संशोधन करने की जरूरत है। पुलिस के अलावा संबंधित विभाग को भी एक्शन लेना चाहिए। पुलिस की जांच जो मुखबिर और नाकाबंदी के भरोसे चल रही है, उसमें काम करने की आवश्यकता है। आदतन अपराधियों, नशे के कारोबारी या अन्य काेई भी जो इस पैटर्न पर काम कर रहा है, उसका रिकार्ड बनाने और उसकी गतिविधियों पर मॉनिटरिंग करने की जरूरत है। समय-समय पर आरोपियों को थाना बुलाने, समझाइश देने और विजुअल पुलिसिंग दिखाने का समय है। इससे अपराधियों को लगेगा कि उनकी गतिविधि पर पुलिस की नजर है। ऐसे में वो खुद ही गैरकानूनी काम करने से बचेगा। राजधानी से 33 जिलों में फैला सूखे नशे का कारोबार रायपुर के अलावा दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर और रायगढ़ से लेकर सभी 33 जिलों में सूखे नशे का अवैध कारोबार चल रहा है। इन जिलों में भी जगह चिह्नित हैं जैसे दुर्ग में शंकर नगर, भिलाई में खुर्सीपार, स्मृति नगर, सेक्टर एरिया, बिलासपुर में सीपत रोड मटियारी, जरहाभाठा, हेमूनगर, सिरगिट्‌टी, रायगढ़ में बैंकुठपुर, चक्रधर नगर, कयाघाट और जूट मिल समेत कई जगह सूखे नशे का कारोबार चल रहा है। सबसे ज्यादा बिलासपुर में इसका कारोबार है। उसके बाद रायपुर, फिर दुर्ग-भिलाई। कार्रवाई, फिर भी कभी बंद नहीं होता धंधा जब भी सूखे नशे के खिलाफ अभियान चलता है, पुलिस पंडरी झंडा चौक के मिश्रा बाड़ा, यूनियन क्लब के सामने, राजातालाब ईरानी डेरा, सड्डू ईरानी डेरा, खाल बाड़ा, कबीर नगर, संजय नगर, कालीबाड़ी, नेहरुनगर, अनुपम नगर व मोवा ओवर ब्रिज के नीचे, जोगी बंगला डीडी नगर, महावीर नगर, तेलीबांधा गली नंबर-9, ईदगाहभाठा, रामनगर, अमलीडीह, राजेंद्रनगर, मौदहापारा, काली माता नगर, रजबंधा मैदान, बांसटाल, तरुण नगर, संतोषी नगर में छापा मारती है। वहां तस्करी करने वालों या उनके गिरोह के सदस्य को पकड़कर जेल भेजती है। पिछले 10 साल से इन इलाकों में किसी न किसी को पकड़ा जाता है, लेकिन धंधा कभी बंद नहीं होता है। रायपुर में करीब 100 से ज्यादा ऐसी जगहें हैं जहां गांजा आसानी से मिल जाता है। जबकि 70 से ज्यादा जगहों पर नशीली दवा, टैबलेट, सिरप और कैप्सूल मिलता है। ड्रग्स, चरस, का धंधा टाटीबंध, हीरापुर और नवा रायपुर में चल रहा है। हर माह नशे की लत से 300 मरीज पहुंचे रहे एम्स रायपुर एम्स में हर माह नशे की लत से बीमार औसतन 300 मरीज पहुंच रहे हैं। ज्यादातर शराब और नशीली दवाइयां लेने वाले हैं। शहर के नशा मुक्ति केंद्र में भी 100 मरीज हर माह पहुंच रहे हैं। टाटीबंध स्थित नशा मुक्ति केंद्र में अभी 200 मरीज है, इसमें 40 फीसदी शराब की लत वाले हैं। 30 फीसदी नशीली दवा और बाकी गांजा व अन्य के हैं। जांच के दायरे में कूरियर एजेंसी: एएसपी पटले नशा बेचने वाले आरोपियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। कई केसों में कूरियर कंपनी द्वारा नशीली सामग्री आने की जानकारी जांच में सामने आई है। कूरियर कंपनी संचालकों और कर्मचारियों से मामले में पूछताछ की जाएगी। जांच में संलिप्ता होगी, ताे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा। ……………………………………………… इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें नशे का नेटवर्क:युवक ने वेब सीरीज देखकर बनाया प्रोफेसर गैंग, फिर विदेश से कोकीन-ड्रग्स मंगवाकर ऑनलाइन सप्लाई वेब सीरीज से आइडिया लेकर ड्रग्स तस्करी का गैंग बनाने वाले रायपुर के 4 युवक पकड़े गए। उनके पास 50 लाख की कोकीन और एमडीएमए ड्रग्स के अलावा ऑडी कार, सोने के जेवर, 8 मोबाइल और आईपॉड बरामद किए गए हैं। तस्करों ने अपने गैंग का नाम मनी हाइस्ट की तर्ज पर प्रोफेसर गैंग रखा। उसमें जिस तरह लीडर को उसके गैंग के लोग प्रोफेसर पुकारते थे, उसने भी अपना नाम यही रखा। गैंग में शामिल युवती का वेब सीरीज की तर्ज पर नाम लूसीफर रखा। पूरी खबर पढ़े….

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles