छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और मुंगेली में लोमड़ी के हमले से लोग दहशत में हैं। मुंगेली में 12 से ज्यादा लोगों पर हमला करने वाले लोमड़ी के झुंड अब रतनपुर के जंगल आ गए हैं। वन परिक्षेत्र में स्थित कुवांजाति गांव में चार लोगों पर अटैक हुआ है। लोमड़ी ने बुधवार को एक ग्रामीण पर सबसे पहले हमला किया, उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर बचाने पहुंचे तीन और लोगों को भी हमला कर घायल कर दिया। इससे पहले लोरमी तहसील के 5 गांवों में पिछले 6 दिनों से लोग डर के साए में है। यहां शुक्रवार और शनिवार (20-21 सितंबर) को लोमड़ी के झुंड ने लोगों पर हमला कर दिया। इसमें करीब 8 लोग घायल हुए। इसके बाद से अब तक 12 से ज्यादा लोग इनकी चपेट में आए हैं। खास बात यह है कि शाम होते ही इन लोमड़ी का झुंड रिहायशी इलाकों में लोगों के घरों के अंदर तक पहुंच रहा है। अब ग्रामीण हाथों में लाठी लेकर गांव और आसपास घूम रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग से कोई सहायता नहीं मिल रही है। रात करीब 11 बजे दैनिक भास्कर की टीम खुड़िया वन परिक्षेत्र के गांवों में पहुंची। लोमड़ी के झुंड को कैमरे में किया कैद, पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट… पहले तस्वीरों में देखिए लोमड़ी का हमला और गांव का हाल… रिहायशी बस्ती से 100 मीटर दूर दिखा लोमड़ी का झुंड राजीव गांधी जलाशय के वेस्ट वेयर हाउस के पास रिहायशी बस्ती है। यहां से महज 100 मीटर दूर रात के अंधेरे में हमें जानवरों की आवाजें सुनाई दीं। इस पर हम गांव वालों के साथ मौके पर पहुंचे। वहां 5-6 लोमड़ी झुंड में नजर आईं। जैसे ही गाड़ी की लाइट उन पर पड़ी तो भागने लगीं। टोलियों में लाठी लेकर घूम रहे युवा ग्रामीण इन लोमड़ियों से अपनी सुरक्षा खुद ही कर रहे हैं। शाम ढलने के साथ ही गांव के युवक टोलियों में हाथों में लाठी लेकर घूम रहे हैं। 200 मीटर की दूरी पर खुड़िया वन परिक्षेत्र के कारीडोंगरी गांव में वन विभाग का बैरियर है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें किसी तरह की सुरक्षा नहीं मुहैया कराई जा रही है। वन विभाग ने नहीं ली सुध ग्रामीण बताते हैं कि वन विभाग की ओर से भी अभी तक कोई पूछने तक नहीं आया है। लोमड़ी को भगाने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया गया है। दरवाजा गांव में ही रहने वाली 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला मेघइयां पटेल के बाएं हाथ में लोमड़ी ने हमला कर घायल किया है। वह कहती हैं कि बस खाना खाकर घर के बाहर निकली थीं।