छत्तीसगढ़ में 7 नक्सली ढेर, 2 जवान शहीद, एक घायल:सभी नक्सलियों के शव बरामद, राइफलें-गोला बारूद बरामद, 16 दिन पहले मारा गया था हिड़मा

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छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर जवानों ने 7 नक्सलियों को मार गिराया है। सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं। पुलिस-नक्सली एनकाउंटर में 2 जवान शहीद हो गए, जबकि एक घायल हो गया। बीजापुर SP डॉ. जितेंद्र यादव ने इसकी पुष्टि की है। बस्तर रेंज के IG सुंदरराज पी. ने बताया कि एनकाउंटर में बीजापुर DRG के जवान हेड कांस्टेबल मोनू वडारी और कांस्टेबल दुकारू गोंडे शहीद हो गए। सोमदेव यादव भी घायल हुए हैं। घायल जवान का इलाज चल रहा है। वह खतरे से बाहर है। SP जितेंद्र यादव ने बताया कि DRG, STF, COBRA और CRPF की जॉइंट टीम बुधवार सुबह 9 बजे से बीजापुर-दंतेवाड़ा बॉर्डर के वेस्ट बस्तर डिवीजन इलाके में सर्च ऑपरेशन पर थी। जंगल में सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू की। जवाबी कार्रवाई में नक्सली मारे गए।
राइफल और गोला-बारूद भी बरामद SP ने बताया कि जवानों ने एनकाउंटर वाली जगह से SLR राइफल, 303 राइफल और गोला-बारूद भी बरामद किया है। मारे गए नक्सलियों की पहचान की जा रही है। मौके पर सर्च जारी है। इलाके को सील कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बैकअप पार्टी भी भेजी गई है। ऑपरेशन अभी भी जारी है, इसलिए डिटेल्स शेयर नहीं की जा सकतीं। ऑपरेशन पूरा होने के बाद डिटेल्ड अपडेट जारी किया जाएगा। 18 नवंबर को मारा गया था खूंखार नक्सली हिड़मा देश के सबसे खतरनाक नक्सल कमांडरों में शामिल माड़वी हिड़मा छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर 18 नवंबर को मरेडमिल्ली जंगल में एनकाउंटर में मारा गया। जवानों ने हिड़मा की पत्नी राजे उर्फ रजक्का और 4 अन्य नक्सलियों को भी ढेर किया था। हिड़मा को खत्म करने तय थी डेडलाइन गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों को हिड़मा को खत्म करने के लिए 30 नवंबर तक की डेडलाइन दी थी। इसके बाद आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित मरेडमिल्ली के घने जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। इसी ऑपरेशन में हिड़मा डेडलाइन से 12 दिन पहले ही मारा गया। हिड़मा पिछले 2 दशक में हुए 26 से ज्यादा बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। इनमें 2010 दंतेवाड़ा हमला भी शामिल है, जिसमें 76 CRPF जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 2013 में झीरम घाटी हमले, 2021 सुकमा-बीजापुर हमले में भी हिड़मा की भूमिका रही है। हिड़मा दंतेवाड़ा में 76 जवानों की हत्या का मास्टरमाइंड था छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 2010 में 76 जवानों की हत्या हुई थी। यह नक्सल इतिहास का सबसे बड़ा हमला था। उस हमले का मास्टरमाइंड हिड़मा ही था। इसमें बसवाराजू भी शामिल रहा, जो एनकाउंटर में पहले ही मारा जा चुका है। बसवाराजू हमले के लिए बनी रणनीति की मीटिंग में शामिल हुआ था। हमले की साजिश रची थी। हिड़मा की पत्नी राजे भी कमेटी मेंबर रही पुलिस के मुताबिक, हिडमा की पत्नी राजे ने भी नक्सलियों के संगठन में कई अहम भूमिकाएं निभा चुकी थी। वो 1994-95 में बाल संगठन सदस्य रही, उसके बाद 2002-03 में जगरगुंडा एरिया कमेटी मेंबर (ACM) बनी। किस्टाराम ACM (2006–07), पलाचलमा LOS कमांडर (2008). उसे 2009 में बटालियन मोबाइल पॉलिटिकल स्कूल की शिक्षिका बनाया गया था। बाद में BNPC बटालियन पार्टी कमेटी मेंबर के तौरपर एक्टिव रही। छत्तीसगढ़ में पिछले 2 बड़े नक्सली एनकाउंटर 16 नवंबरः 3 नक्सली मारे गए थे दरअसल, जवानों को 16 नवंबर 2025 को भेज्जी-चिंतागुफा के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। पुख्ता सूचना मिलने पर DRG की टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इसी दौरान रविवार सुबह तुमालपाड़ के जंगल में नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग के बाद जवानों ने भी मोर्चा संभाला। नक्सलियों की गोलियों का जवाब दिया। सुबह से दोनों ओर से रुक-रुककर फायरिंग हुई। इसमें तीन नक्सली मारे गए। जवानों ने सर्चिंग के दौरान जंगल से तीनों नक्सलियों के शव बरामद किए गए थे। 11 नवंबरः 6 नक्सली मारे गए बीजापुर जिले के नेशनल पार्क एरिया में 11 नवंबर को हुए मुठभेड़ में 3 महिला समेत 6 नक्सली मारे गए थे। जिसमें मद्देड़ एरिया कमेटी का इंचार्ज बुच्चन्ना और दूसरे शीर्ष नक्सल लीडर पापाराव की पत्नी उर्मिला भी शामिल है। लेकिन पापाराव इस बार भी जान बचाकर भागने में कामयाब रहा। इसी साल मई में कुख्यात नक्सली बसवाराजू भी ढेर हुआ 19 मई को अबूझमाड़ के कुडमेल- कलहाजा जाटलूर इलाके में बसवाराजू मारा गया था। यहां दंतेवाड़ा-बीजापुर और नारायणपुर से DRG के जवानों ने 27 नक्सलियों को ढेर किया था। इसके बाद से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा था। पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ में ये बड़े नक्सली कमांडर मारे गए ………………………………. इससे संबंधित यह खबर भी पढ़िए… कौन हैं देवजी, गणपति और बेसरा, शाह के लिए चैलेंज:76 जवानों का कत्ल, 7 करोड़ इनाम; हिड़मा सिपाही था, मास्टरमाइंड नक्सली अभी जिंदा ‘हिड़मा एग्जीक्यूटर था, डिसीजन मेकर नहीं। वो नक्सलियों का एक बेहतरीन लड़ाका था। उसका एनकाउंटर एंटी-नक्सल ऑपरेशन की बड़ी कामयाबी है, लेकिन हम इस मूवमेंट के पीछे लग रहे दिमाग को खत्म करना चाहते हैं। अभी ऐसे 3 नाम हैं, जिनके सरेंडर या एनकाउंटर के बाद हम कह सकते हैं कि अब आंदोलन खत्म हुआ।’ पढ़ें पूरी खबर…

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