छत्तीसगढ़ सरकार के महाधिवक्ता ने दिया इस्तीफा:प्रफुल्ल भारत ने राज्यपाल को सौंपा रिजाइन लेटर, बोले-CM साय और मंत्रिमंडल के सहयोग के लिए धन्यवाद

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छत्तीसगढ़ सरकार के महाधिवक्ता (Advocate General) प्रफुल्ल एन. भारत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोमवार को राज्यपाल रामेन डेका को रिजाइन लेटर सौंप दिया है। हालांकि, राजभवन ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस्तीफा मंजूर हुआ है या नहीं। वहीं गवर्नर ऑफिस की ओर से किसी भी प्रकार का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। इस बीच, सरकार के कानूनी स्तर पर लगातार बैठकों और सलाह-मशविरे का दौर जारी है, जिसके बाद स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है। महाधिवक्ता कार्यालय ने भी अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। रिजाइन लेटर पर प्रफुल्ल भारत ने क्या लिखा ? अपने इस्तीफे में प्रफुल्ल भारत ने लिखा कि वे महाधिवक्ता पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, मंत्रिमंडल के सदस्यों और पूरी प्रशासनिक टीम को मिले सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष राज्य के हितों की रक्षा का कार्य चुनौतीपूर्ण था, जिसमें नौकरशाहों और महाधिवक्ता कार्यालय के सहयोगियों ने भरपूर समर्थन दिया। इसके साथ ही प्रफुल्ल भारत ने राज्यपाल को धन्यवाद देते हुए लिखा कि मुझे राज्य के प्रथम विधि अधिकारी के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं महामहिम का आभारी हूं। अब प्रफुल्ल कुमार भरत के बारे में जानिए प्रफुल्ल भरत का जन्म 22 जून 1966 को हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा जगदलपुर में हुई। एमए और एलएलबी करने के बाद 1992 में वे मध्य प्रदेश बार काउंसिल, जबलपुर में नामांकित हुए। उन्होंने 1992 से 1995 तक जगदलपुर जिला न्यायालय में प्रैक्टिस की। इसके बाद वे 1995 से अक्टूबर 2000 तक मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर और फिर नवंबर 2000 से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में प्रैक्टिस करते रहे। वे सिविल, संवैधानिक, मध्यस्थता और आपराधिक मामलों में विशेषज्ञ माने जाते हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में कई महत्वपूर्ण मामलों में राज्य की ओर से पेश हुए। उन्होंने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक जगदलपुर, बस्तर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, माता रुक्मणी सेवा संस्थान समेत कई अन्य स्वायत्त संस्थाओं के मामलों में भी पैरवी की। इसके अलावा राज्य सहकारी विपणन संघ, भारतीय स्टेट बैंक, अटल नगर विकास प्राधिकरण (पूर्व एनआरडीए) और छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (एपेक्स) से जुड़े मामलों में भी वे शामिल रहे। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में वे 2014 से 2018 तक राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे। बाद में 14 जून 2021 को उन्हें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate) नामित किया गया। 12 जनवरी 2024 को उन्हें छत्तीसगढ़ का महाधिवक्ता नियुक्त किया गया था। अब प्रफुल्ल भरत के इस्तीफे के बाद राज्य सरकार नए महाधिवक्ता की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगी। इस्तीफे की वजह सार्वजनिक रूप से स्पष्ट नहीं की गई है, लेकिन कानूनी और प्रशासनिक स्तर पर इसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है।

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